आखिर कहां गई 60 लाख की शराब!
जयपुर। अजमेर रोड पर आबकारी थाना (दक्षिण) की ओर से अवैध शराब पकड़ने की कार्रवाई एक दिन बाद ही संदेह के घेरे में आ गई है। दरअसल, विभाग ने रविवार को कार्रवाई में 1090 कार्टन अंग्रेजी शराब जब्त कर उसकी कीमत 90 लाख होने का दावा किया था, लेकिन सोमवार को कोर्ट में पेश प्राथमिकी रिपोर्ट में दर्शाई विभिन्न ब्राण्ड्स की शराब की कीमत 35 लाख से अधिक नहीं है। ऎसे में पूरी कार्रवाई पर सवाल खड़े हो गए हैं कि आखिर एक दिन में शराब की कीमत 60 लाख रूपए कैसे घट गई? इसके पीछे अधिकारियों की वाहवाही लूटना या फिर महंगे दामों की शराब रातों-रात खुर्दबुर्द करने की बात सामने आ रही है।
आबकारी विभाग ने रविवार को अजमेर रोड पर एक ट्रक में खाद के बोरों के बीच से शराब बरामद कर चालक हीराराम और खलासी गिरधारी को दबोचा था। यह शराब हरियाणा के रेवाड़ी से गुजरात ले जाए जाने की बात सामने आई थी। दर्ज प्राथमिकी के मुताबिक छापे में कुल चार ब्राण्ड की शराब जब्त की गई, जिसमें से दो ब्राण्ड राजस्थान के बाहर के हैं। इसके अलावा 500 कार्टन बीयर के भी बरामद हुए। दोनों आरोपियों को सोमवार को न्यायालय में पेश कर आबकारी थाना पुलिस ने दो दिन के रिमांड पर लिया है।
एक हजार कार्टन शराब का मूल्य प्रति कार्टन चार हजाए भी लगाया जाए तो 40 लाख रूपए ही बैठते हैं। इसमें भी 500 कार्टन बीयर के हैं, जिनका मूल्य कम है। पूरा मामला मेरी जानकारी में आया है, जांच में कोई दोषी पाया जाएगा तो कार्रवाई होगी। दिनेश कुमार, आयुक्त, आबकारी विभाग
ऎसे बच रहे हैं अधिकारी
आ बकारी थाना (दक्षिण) प्रभारी बृजेश जाटावत ने कार्रवाई के दौरान जब्त शराब की कीमत 90 लाख बता बड़ी कार्रवाई का दावा किया। उन्होंने सोमवार को भी यही दावा दोहराया, लेकिन जैसे ही उन्हें हर ब्राण्ड की कीमत बताई गई तो वे बोले- "मामले को तूल क्यों दे रहे हो।" उधर, शराब की कीमत चर्चा का विषय बनी तो अन्य सभी अधिकारी भी बचाव की मुद्रा में आ गए। जिला आबकारी अधिकारी एम.एस.रत्नू ने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि "मामला मेरी जानकारी में तो है, लेकिन कार्रवाई में जब्त माल की कीमत के बारे में मैं कुछ नहीं बता सकता।"
जयपुर। अजमेर रोड पर आबकारी थाना (दक्षिण) की ओर से अवैध शराब पकड़ने की कार्रवाई एक दिन बाद ही संदेह के घेरे में आ गई है। दरअसल, विभाग ने रविवार को कार्रवाई में 1090 कार्टन अंग्रेजी शराब जब्त कर उसकी कीमत 90 लाख होने का दावा किया था, लेकिन सोमवार को कोर्ट में पेश प्राथमिकी रिपोर्ट में दर्शाई विभिन्न ब्राण्ड्स की शराब की कीमत 35 लाख से अधिक नहीं है। ऎसे में पूरी कार्रवाई पर सवाल खड़े हो गए हैं कि आखिर एक दिन में शराब की कीमत 60 लाख रूपए कैसे घट गई? इसके पीछे अधिकारियों की वाहवाही लूटना या फिर महंगे दामों की शराब रातों-रात खुर्दबुर्द करने की बात सामने आ रही है।
आबकारी विभाग ने रविवार को अजमेर रोड पर एक ट्रक में खाद के बोरों के बीच से शराब बरामद कर चालक हीराराम और खलासी गिरधारी को दबोचा था। यह शराब हरियाणा के रेवाड़ी से गुजरात ले जाए जाने की बात सामने आई थी। दर्ज प्राथमिकी के मुताबिक छापे में कुल चार ब्राण्ड की शराब जब्त की गई, जिसमें से दो ब्राण्ड राजस्थान के बाहर के हैं। इसके अलावा 500 कार्टन बीयर के भी बरामद हुए। दोनों आरोपियों को सोमवार को न्यायालय में पेश कर आबकारी थाना पुलिस ने दो दिन के रिमांड पर लिया है।
एक हजार कार्टन शराब का मूल्य प्रति कार्टन चार हजाए भी लगाया जाए तो 40 लाख रूपए ही बैठते हैं। इसमें भी 500 कार्टन बीयर के हैं, जिनका मूल्य कम है। पूरा मामला मेरी जानकारी में आया है, जांच में कोई दोषी पाया जाएगा तो कार्रवाई होगी। दिनेश कुमार, आयुक्त, आबकारी विभाग
ऎसे बच रहे हैं अधिकारी
आ बकारी थाना (दक्षिण) प्रभारी बृजेश जाटावत ने कार्रवाई के दौरान जब्त शराब की कीमत 90 लाख बता बड़ी कार्रवाई का दावा किया। उन्होंने सोमवार को भी यही दावा दोहराया, लेकिन जैसे ही उन्हें हर ब्राण्ड की कीमत बताई गई तो वे बोले- "मामले को तूल क्यों दे रहे हो।" उधर, शराब की कीमत चर्चा का विषय बनी तो अन्य सभी अधिकारी भी बचाव की मुद्रा में आ गए। जिला आबकारी अधिकारी एम.एस.रत्नू ने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि "मामला मेरी जानकारी में तो है, लेकिन कार्रवाई में जब्त माल की कीमत के बारे में मैं कुछ नहीं बता सकता।"
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें