तिरुपति. भगवान वेंकटेश मंदिर के खजाने में जमा सिक्कों की छंटाई हाल ही में पूरी हुई है। दो सौ मुल्कों के सिक्के अलग करके तौले गए। वजन निकला-36 टन। ये सिक्के वर्तमान में प्रचलित हैं। इसके अलावा भारतीय राजवंशों के सदियों पुराने सिक्के अलग हैं। इनमें से 12 सौ सिक्के संग्रहालय में रखे गए हैं। सात सौ सिक्के महान् विजयनगर साम्राज्य के राजाओं के हैं। पहली सदी के रोमन सम्राट नीरो का सिक्का भी खजाने में मिला
है।
पांच साल बाद हुई इस छंटाई के बाद अब विदेशी सिक्कों को नीलाम किया जाएगा। मंदिर के पुराने खजानों के दिलचस्प ब्यौरे एक हजार से ज्यादा शिलालेखों में दर्ज हैं मगर दान के रिकॉर्ड आज भी कायम हो रहे हैं।
ताजा उदाहरण-मंगलवार का दिन सबसे सुस्त माना जाता है। लेकिन दो अक्टूबर को मंदिर के प्रबंधकों ने अपनी राय बदल ली। मंगलवार के बावजूद 3 करोड़ 45 लाख रुपए का चढ़ावा आया। जबकि न कोई उत्सव था। न त्योहार।
तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम् (टीटीडी) के प्रवक्ता टी. रवि ने बताया, 'इससे पहले एक जनवरी को पांच करोड़ की नकदी जमा हुई थी। इन्हें गिनने में सौ से ज्यादा कर्मचारी और 10 मशीनें भी कभी-कभी कम पड़ते हैं। 12 बैंक शाखाएं कैश के हिसाब के लिए हैं।' 1990 तक करीब तीस हजार श्रद्धालु हर दिन आते थे, अब यह संख्या एक लाख तक पहुंचने लगी है।
पांच साल बाद हुई इस छंटाई के बाद अब विदेशी सिक्कों को नीलाम किया जाएगा। मंदिर के पुराने खजानों के दिलचस्प ब्यौरे एक हजार से ज्यादा शिलालेखों में दर्ज हैं मगर दान के रिकॉर्ड आज भी कायम हो रहे हैं।
ताजा उदाहरण-मंगलवार का दिन सबसे सुस्त माना जाता है। लेकिन दो अक्टूबर को मंदिर के प्रबंधकों ने अपनी राय बदल ली। मंगलवार के बावजूद 3 करोड़ 45 लाख रुपए का चढ़ावा आया। जबकि न कोई उत्सव था। न त्योहार।
तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम् (टीटीडी) के प्रवक्ता टी. रवि ने बताया, 'इससे पहले एक जनवरी को पांच करोड़ की नकदी जमा हुई थी। इन्हें गिनने में सौ से ज्यादा कर्मचारी और 10 मशीनें भी कभी-कभी कम पड़ते हैं। 12 बैंक शाखाएं कैश के हिसाब के लिए हैं।' 1990 तक करीब तीस हजार श्रद्धालु हर दिन आते थे, अब यह संख्या एक लाख तक पहुंचने लगी है।
jai ho venktesh swami ki
जवाब देंहटाएं