बुद्धि के साथ रहे शुद्ध भावना : महाश्रमण
बालोतरा। बुद्धि वह शक्ति है जिससे समस्याओं को समाप्त भी किया जा सकता है व पैदा भी किया जा सकता है। बुद्धि के साथ अशुद्धि जुड़ने पर वह नुकसान करती है। जसोल के तेरापंथ भवन में तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम के राष्ट्रीय अधिवेशन में संबोधित करते हुए आचार्य महाश्रमण ने यह बात कही। उन्होने कहा कि मन, वचन काय की प्रवृत्ति से मोह कर्म जुड़ने पर ये प्रवृत्तियां मलीन हो जाती है। मोह कर्म से नहीं जुड़ने पर उजली रहती है।
शुद्ध बुद्धि कामधेनू होती है। बुद्धि के साथ शुद्ध भावना रहनी चाहिए। ज्ञानावरणीय कर्म के क्षयोपशम से बुद्धि अच्छी होती है। जहां बुद्धि की स्फूर्णा होती है, सुझबूझ होती है वहां अच्छे निर्णय लिए जा सकते हंै। अध्यात्म साधना व कषाय मंदता के द्वारा बुद्धि को सही दिशा में गतिमान किया जा सकता है। बुद्धि को गाय व शुद्धि को ग्वाला बताते हुए आचार्य ने कहा कि व्यक्ति युक्तिसंगत बात को ग्रहण करें। निष्पक्ष व्यक्ति ही न्याय कर सकता है। प्रोफेशनल बुद्धिमान लोगों की कौम है। जो धार्मिक व चिंतनशील है। ये पहले बिखरे हुए थे लेकिन अब माला का रूप ले लिया है।
साध्वी प्रमुखा कनकप्रभा ने कहा कि मुnी भर संकल्पबद्ध लोग इतिहास की धारा को बदल सकते हंै। तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम में अनेक संभावनाएं निहित है। समाज या राष्ट्र के निर्माण में स्वयं सफल आगे बढ़ने वाली प्रतिभाओ की अपेक्षा है। मंत्री मुनि सुमेरमल ने कहा कि ज्ञान व्यक्ति के लिए मारक व तारक भी बन सकता है। बुद्धिजीवी स्वयं प्रज्ञा के साथ चलें तो उसका परमार्थ जागृत होता है। ध्यान को तरोताजा रखने के लिए प्रोफेशनल निरंतर स्वाध्याय करें। मुख्य नियोजिका साध्वी विश्रुत विभा ने भी विचार रखे।
राजस्थान विधानसभा उपाध्यक्ष रामनारायण मीणा ने कहा कि तेरापंथ के स्थापित मूल्यों को सरकार व समाज मान लें तो देश पुन: अपनी गरिमा को प्राप्त कर सकता है। मुनि रजनीश कुमार ने कहा कि हम सब धर्मसंघ के सिपाही है और सेवा हमारा कर्तव्य है। साध्वी शशिप्रभा, नरेन्द्र श्यामसुखा, तेरापंथ प्रोफेशनल के नवनिर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय धारीवाल, अशोक सुराणा ने भी विचार रखे।
इस अवसर पर पचपदरा विधायक मदन प्रजापत भी मौजूद थे। नरेन्द्र श्यामसुखा व संजय धारीवाल ने टीपीएफ का ब्रोसर आचार्य को भेंट किया। मुख्य ट्रस्टी इन्द्रचंद दुधेडिया ने द्विवार्षिक रिपोर्ट पेश की। तेरापंथ प्रोफेशन फोरम के नवनियुक्त राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय धारीवाल ने आगामी लक्ष्य को पूरा करने की भावना व्यक्त की। नई कार्यकारिणी को शपथ ग्रहण करवाई गई। संचालन प्रकाशचंद मालू ने व विजयचंद वडेरा ने आभार ज्ञापित किया।
बालोतरा। बुद्धि वह शक्ति है जिससे समस्याओं को समाप्त भी किया जा सकता है व पैदा भी किया जा सकता है। बुद्धि के साथ अशुद्धि जुड़ने पर वह नुकसान करती है। जसोल के तेरापंथ भवन में तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम के राष्ट्रीय अधिवेशन में संबोधित करते हुए आचार्य महाश्रमण ने यह बात कही। उन्होने कहा कि मन, वचन काय की प्रवृत्ति से मोह कर्म जुड़ने पर ये प्रवृत्तियां मलीन हो जाती है। मोह कर्म से नहीं जुड़ने पर उजली रहती है।
शुद्ध बुद्धि कामधेनू होती है। बुद्धि के साथ शुद्ध भावना रहनी चाहिए। ज्ञानावरणीय कर्म के क्षयोपशम से बुद्धि अच्छी होती है। जहां बुद्धि की स्फूर्णा होती है, सुझबूझ होती है वहां अच्छे निर्णय लिए जा सकते हंै। अध्यात्म साधना व कषाय मंदता के द्वारा बुद्धि को सही दिशा में गतिमान किया जा सकता है। बुद्धि को गाय व शुद्धि को ग्वाला बताते हुए आचार्य ने कहा कि व्यक्ति युक्तिसंगत बात को ग्रहण करें। निष्पक्ष व्यक्ति ही न्याय कर सकता है। प्रोफेशनल बुद्धिमान लोगों की कौम है। जो धार्मिक व चिंतनशील है। ये पहले बिखरे हुए थे लेकिन अब माला का रूप ले लिया है।
साध्वी प्रमुखा कनकप्रभा ने कहा कि मुnी भर संकल्पबद्ध लोग इतिहास की धारा को बदल सकते हंै। तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम में अनेक संभावनाएं निहित है। समाज या राष्ट्र के निर्माण में स्वयं सफल आगे बढ़ने वाली प्रतिभाओ की अपेक्षा है। मंत्री मुनि सुमेरमल ने कहा कि ज्ञान व्यक्ति के लिए मारक व तारक भी बन सकता है। बुद्धिजीवी स्वयं प्रज्ञा के साथ चलें तो उसका परमार्थ जागृत होता है। ध्यान को तरोताजा रखने के लिए प्रोफेशनल निरंतर स्वाध्याय करें। मुख्य नियोजिका साध्वी विश्रुत विभा ने भी विचार रखे।
राजस्थान विधानसभा उपाध्यक्ष रामनारायण मीणा ने कहा कि तेरापंथ के स्थापित मूल्यों को सरकार व समाज मान लें तो देश पुन: अपनी गरिमा को प्राप्त कर सकता है। मुनि रजनीश कुमार ने कहा कि हम सब धर्मसंघ के सिपाही है और सेवा हमारा कर्तव्य है। साध्वी शशिप्रभा, नरेन्द्र श्यामसुखा, तेरापंथ प्रोफेशनल के नवनिर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय धारीवाल, अशोक सुराणा ने भी विचार रखे।
इस अवसर पर पचपदरा विधायक मदन प्रजापत भी मौजूद थे। नरेन्द्र श्यामसुखा व संजय धारीवाल ने टीपीएफ का ब्रोसर आचार्य को भेंट किया। मुख्य ट्रस्टी इन्द्रचंद दुधेडिया ने द्विवार्षिक रिपोर्ट पेश की। तेरापंथ प्रोफेशन फोरम के नवनियुक्त राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय धारीवाल ने आगामी लक्ष्य को पूरा करने की भावना व्यक्त की। नई कार्यकारिणी को शपथ ग्रहण करवाई गई। संचालन प्रकाशचंद मालू ने व विजयचंद वडेरा ने आभार ज्ञापित किया।
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