गुरुवार, 20 सितंबर 2012

सुलह की संभावना खत्म,इस्तीफे कल

सुलह की संभावना खत्म,इस्तीफे कल

कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस नेता एवं रेल मंत्री मुकुल रॉय ने कहा कि खुदरा कारोबार में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई), डीजल मूल्यवृद्धि और रियायती रसोई गैस की उपलब्धता में कटौती के मुद्दे पर संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) से उनकी पार्टी का मतभेद उस बिंदु तक जा पहुंचा है जहां से कदम पीछ हटाने की कोई संभावना नहीं बची है। उनकी पार्टी के मंत्रियों ने शुक्रवार को अपने इस्तीफे सौंपने के लिए प्रधानमंत्री से समय मांगा है।

रॉय पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी की कमान में नम्बर दो की हैसियत रखने वाले माने जाते हैं। उन्होंने गुरूवार को कहा कि हां, हमने प्रधानमंत्री से शुक्रवार अपराह्न तीन बजे का समय मांगा है। हम प्रधानमंत्री कार्यालय से आश्वस्ति मिलने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। हमें उम्मीद है कि अगले कुछ घंटों में आश्वस्ति मिल जाएगी।

उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) से समर्थन वापस लेने के अपने रूख पर कायम है। यह पूछे जाने पर कि क्या यह मुद्दा उस बिंदु तक पहुंच गया है जहां से कदम पीछे नहीं हटाया जा सकता, रॉय ने कहा कि हां, आप ऎसा कह सकते हैं।

ज्ञात हो कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को केंद्र सरकार से समर्थन वापस लेने की घोषणा की थी। उन्होंने इस फैसले पर फिर से विचार करने के लिए तीन शर्ते रखी थीं।

उन्होंने मांग की है कि संप्रग खुदरा कारोबार में एफडीआई की अनुमति वापस ले, डीजल के मूल्यों में तीन से चार रूपए प्रति लीटर की कमी लाए और प्रति परिवार साल में 24 रसोई गैस सिलेंडर रियायती दर पर उपलब्धता सुनिश्चित करे। रॉय ने कहा कि वह शुक्रवार सुबह दिल्ली के लिए रवाना होंगे।

गौरतलब है कि तृणमूल कांग्रेस के समर्थन वापस लेने से 545 सदस्यीय लोकसभा में संप्रग के सदस्यों की संख्या 273 से घटकर 254 रह जाएगी जो आधे से कुछ कम है। ऎसे में संप्रग को समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) पर निर्भर रहना पड़ेगा। ये दोनों दल संप्रग को बाहर से समर्थन दे रहे हैं।

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