मुंबई। कार्टूनिस्ट असीम त्रिवेदी बॉम्बे हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद बुधवार दोपहर जेल से रिहा हो गए। भ्रष्टाचार के खिलाफ बनाए गए कार्टून में संसद और अशोक स्तंभ को दिखाने पर असीम के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया था। मामले की सुनवाई में कोर्ट ने मंगलवार को उन्हें जमानत देने का फैसला सुनाया था।
ऑर्थर रोड जेल के बाहर असीम त्रिवेदी ने कहा, 'अब भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई और तेज होगी। देश के लोगों को अब यह तय करना होगा कि देशद्रोही कौन है? भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वाला या फिर संसद में नोटों गी गड्डियां लेने और ब्लूफिल्म देखने वाले नेता?'
सरकार अब उनके खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा वापस लेने की भी तैयारी कर रही है। मंगलवार को असमी के मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस मोहित शाह और जस्टिस नितिन जामदार की बेंच ने की। अदालत ने पुलिस को गिरफ्तारी का आधार बताने के लिए घंटेभर का वक्त दिया। कोई ठोस आधार नहीं बता पाने की स्थिति में असीम को जमानत दे दी गई। हालांकि इसके लिए पांच हजार के निजी मुचलके की शर्त भी रखी गई।
इंडिया अगेंस्ट करप्शन के मयंक गांधी देर रात असीम से मिलने ऑर्थर रोड जेल गए। बाहर निकलकर उन्होंने कहा कि असीम कोर्ट का सम्मान करते हैं। वे बुधवार को मुचलका जमा कर जेल से बाहर आ गए। इससे पहले असीम ने सभी मामले वापस लेने तक जेल में ही रहने की बात कही थी। असीम की गिरफ्तारी के खिलाफ वकील शंकर मराठे ने जनहित याचिका लगाई थी।
महाराष्ट्र सरकार असीम के खिलाफ देशद्रोह का आरोप वापस ले सकती है। इसके लिए सरकार ने कानूनी सलाह मांगी है। राज्य के गृहमंत्री आरआर पाटिल ने उम्मीद जताई कि बुधवार तक इस पर औपचारिक फैसला हो जाएगा। हालांकि उनके खिलाफ राष्ट्रीय प्रतीक के अपमान का केस चलता रहेगा।
केजरीवाल मिलने पहुंचे
इससे पहले मुंबई की ऑर्थर रोड जेल में बंद असीम से मिलने अरविंद केजरीवाल पहुंचे। बाद में उन्होंने कहा कि यदि असीम के खिलाफ देशद्रोह का आरोप नहीं हटा तो शनिवार से वे जेल के बाहर धरने पर बैठेंगे।
राज ठाकरे का समर्थन
मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने भी असीम का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि असीम ने संसद को टॉयलेट दिखाकर कोई गलती नहीं की है। अशोक स्तंभ के शेर के स्थान पर सियार का चित्र बनाना भी गलत नहीं है। इस व्यंग्य चित्र का मतलब है कि संसद में बैठे भ्रष्ट और आपराधिक पृष्ठभूमि के सांसद कार्यपालिका की कमर तोड़ रहे हैं। राज ने असीम के खिलाफ सभी मामले वापस लेने की मांग की।
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