रविवार, 23 सितंबर 2012

कलेक्टर सहित कई अधिकारियों ने स्कूलों में जांचा शैक्षिक स्तर

कलेक्टर सहित कई अधिकारियों ने स्कूलों में जांचा शैक्षिक स्तर


जिले के 128 विद्यालयों में 43 अधिकारियों ने किया पर्यवेक्षण, जांचा शिक्षा का स्तर, संबलन कार्यक्रम का प्रथम चरण पूरा

जैसलमेर सर्व शिक्षा अभियान के संबलन कार्यक्रम के प्रथम चरण का पर्यवेक्षण शनिवार को संपन्न हुआ। तीन दिनों तक चले पर्यवेक्षण में जिले के 128 विद्यालयों का 43 अधिकारियों द्वारा सघन पर्यवेक्षण कर बच्चों के शैक्षिक स्तर की जांच की गई। अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक नवलकिशोर गोयल ने बताया कि प्रारंभिक शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता सुधार के लिए कई गतिविधियां/कार्यक्रम संचालित किए हंै जैसे लहर, सतत् एवं व्यापक मूल्यांकन, पुस्तकालयों की स्थापना, कम्प्यूटर शिक्षा इत्यादि। इन प्रयासों का प्रारम्भिक परिणाम तो उत्साहजनक हैं परंतु शिक्षा की गुणवत्ता अभी भी चिन्ता का विषय है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार की मंशा अनुसार यह आवश्यक है कि विद्यालयों में शैक्षिक - सहशैक्षिक गतिविधियां ठीक ढंग से सम्पादित हो तथा उनका नियमित पर्यवेक्षण हो, जिसके तहत ही यह कार्यक्रम चलाया जा रहा है। सम्बलन कार्यक्रम के प्रभारी बंशीधर पुरोहित ने बताया कि कलेक्टर शुचि त्यागी ने राउप्रावि वार्ड नं. 16 तथा राउप्रावि चैनपुरा जैसलमेर, सीओ जिला परिषद बलदेवसिंह उज्ज्वल ने राउप्रावि सांवला तथा राउप्रावि मेघवालवास जैसलमेर, अति. मुख्य कार्यकारी अधिकारी देवाराम सुथार ने राउप्रावि हड्डा, काहला तथा राप्रावि केशुओं की ढाणी, तहसीलदार जैसलमेर जयसिंह ने राबाउप्रावि लाणेला, सहायक निदेशक कृष्णावतार शर्मा ने राउप्रावि बासनपीर द., राउप्रावि बासनपीर उ. एवं राउप्रावि भोजका, अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी किशनपालसिंह ने राबाउप्रावि कुम्हार पाड़ा, जैसलमेर, राउप्रावि सोरों की ढाणी व राउप्रावि पोहड़ा का सघन पर्यवेक्षण कर शैक्षिक स्तर की जांच की तथा गुणवत्ता बढाने के संबंध में आवश्यक सुझाव विद्यालय प्रबंधन को दिए। कार्यक्रम के अंतिम दिन मुख्य कार्यकारी अधिकारी बदलदेवसिंह राउप्रावि मेघवालवास जैसलमेर में प्रार्थना सत्र से अंतिम कालांश तक उपस्थित रहकर बारीकी से शैक्षिक स्तर व संसाधनों के उपयोग की जांच की। विद्यालय में 300 के नामांकन के विरूद्ध 246 बच्चे उपस्थित थे। उन्होंने यह पाया कि विद्यालय में अंग्रेजी का स्तर सुधारने की आवश्यकता है। अंग्रेजी विषय में कक्षावार मुख्य शब्दों का गु्रप बनाकर अभ्यास कराने एवं कमजोर बच्चों को कक्षा में आगे बैठाने के निर्देश दिए। उन्होंने कक्षावार बच्चों के गु्रप बनाकर उनकों पाठ पढवाया एवं कमजोर स्तर का पता लगाकर आवश्यक दिशा-निर्देश प्रधानाध्यापक को दिए।

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