मंगलवार, 11 सितंबर 2012

भूमि अवाप्ति के विरोध में लामबद्ध हुए किसान


भूमि अवाप्ति के विरोध में लामबद्ध हुए किसान



बाड़मेर शिव तहसील के मतुजा व रावत का गांव में सेना की आरे से अवाप्त की जा रही भूमि के विरोध में दोनों गांवों के किसानों ने विरोध किया है। सोमवार को दर्जनों किसानों ने सरपंच के नेतृत्व में कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर भूमि अवाप्ति की प्रक्रिया रोकने की मांग की है। साथ ही किसानों ने चेतावनी दी है कि समय रहते भूमि अवाप्ति को नहीं रोका गया तो किसान सड़कों पर उतर आएंगे। किसान संघर्ष समिति के संयोजक सांवतसिंह कोटडिय़ा के नेतृत्व में मतुजा व रावत का गांव के किसानों ने कलेक्टर को सौंपे ज्ञापन में बताया कि दोनों गांवों में करीब तीन हजार बीघा भूमि सेना की ओर से अवाप्त की जा रही है। यहां पर लोग कई पीढिय़ों से बसे हैं। सिंचित क्षेत्र में ट्यूबवेल खोद रखे हैं। किसानों ने सेठ, साहूकारों से कर्जा लेकर ट्यूबवैल खुदवाए थे। प्रशासन किसानों की भूमि डीएलसी दरों पर अवाप्त कर रहा है। डीएलसी दर महज 12 से 15 हजार रुपए प्रति बीघा है। जबकि बाजार के भाव डेढ़ लाख रुपए प्रति बीघा है। उन्होंने कलेक्टर से भूमि अवाप्ति प्रक्रिया जल्द ही रोकने की मांग की है। किसान नेता बच्चू खां ने कहा कि किसानों की भावनाओं के साथ कुठाराघात किया जा रहा है। स्थानीय प्रशासन को कई बार आगाह करवाने के बावजूद कार्रवाई को रोका नहीं जा रहा है। इस दौरान ग्रामीण इब्राहीम, जोगाराम, गोमाराम समेत बड़ी तादाद में किसान मौजूद थे।

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