मंगलवार, 7 अगस्त 2012

PHOTOS: केवल 6 मनमोहक तस्वीरों में देखें भगवान श्रीकृष्ण की महालीला



PHOTOS: केवल 6 मनमोहक तस्वीरों में देखें भगवान श्रीकृष्ण की महालीलाPHOTOS: केवल 6 मनमोहक तस्वीरों में देखें भगवान श्रीकृष्ण की महालीलाPHOTOS: केवल 6 मनमोहक तस्वीरों में देखें भगवान श्रीकृष्ण की महालीलाPHOTOS: केवल 6 मनमोहक तस्वीरों में देखें भगवान श्रीकृष्ण की महालीला



हिन्दू धर्म में श्रीकृष्ण को भगवान विष्णु का आठवां अवतार माना गया है। श्रीमद्भगवद्गीता में श्रीकृष्ण को भगवान कहा गया है। पुराणों के मुताबिक ईश्वर में ऐश्वर्य, धर्म, यश, श्री, वैराग्य और मोक्ष ये छ: गुण व शक्तियां पूर्णरूप में प्रकट होते हैं, जो भगवान श्रीकृष्ण के जीवन, चरित्र और लीलाओं में भी उजागर होते हैं।

इसी तरह श्रीमद्भागवत महापुराण को धार्मिक आस्था से भगवान विष्णु व भगवान श्रीकृष्ण का साक्षात् स्वरूप भी पुकारा जाता है, जो विष्णु अवतारों व श्रीकृष्ण लीला के द्वारा जीवन से जुड़े हर कलह व दु:ख के शमन के साथ सुख के साथ जीने की कला, संयम व अनुशासन से रहने के तौर-तरीके, काल व भय से परे जीवन को सकारात्मक दृष्टि से गुजारना, कठिन वक्त का कैसे सामना किया जाए? जैसे सांसारिक जीवन से जुड़े हर पहलू को गहराई से उजागर कर हर जिज्ञासा को भी शांत करता है।

श्रीमद्भागवत पर ही आधारित एक श्लोकी भागवत के पाठ द्वारा भगवान श्रीकृष्ण की ऐसी ही महालीला को यहां 6 तस्वीरों के जरिए से भी दिखाया जा रहा है। इसके द्वारा आप घर या कार्यालय में बैठ श्रीकृष्ण जन्माष्टमी (9-10 अगस्त) या आने वाले विष्णु भक्ति के काल अधिकमास में श्रीमद्भागवत पाठ का महापुण्य भी बंटोरेंगे। इसके जरिए श्रीकृष्ण लीला का स्मरण सभी कष्ट व संकटों से मुक्ति देने वाला माना गया है।

आदौ देवकी देवी गर्भजननम् गोपीगृहे वर्धनम्

माया पूतन जीविताप हरणम् गोवर्धनोद्धारणम्।

कंसच्छेदन कौरवादी हननम् कुंतीसुत पालनम्

एतद् भागवतम् पुराण कथितम् श्रीकृष्णलीलामृतम्।।

मथुरा के राजा कंस के कारागार में हिन्दू पंचांग के भाद्रपद मास कृष्ण पक्ष की अष्टमी को रोहिणी नक्षत्र में अर्द्धरात्रि को वासुदेव की पत्नी देवकी के गर्भ से भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ। श्रीकृष्ण के जन्म के पीछे लक्ष्य कंस के घोर अत्याचार के साथ अधर्मी शक्तियों का नाश कर जगत में धर्म की स्थापना ही था।मथुरा के राजा कंस के कारागार में हिन्दू पंचांग के भाद्रपद मास कृष्ण पक्ष की अष्टमी को रोहिणी नक्षत्र में अर्द्धरात्रि को वासुदेव की पत्नी देवकी के गर्भ से भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ। श्रीकृष्ण के जन्म के पीछे लक्ष्य कंस के घोर अत्याचार के साथ अधर्मी शक्तियों का नाश कर जगत में धर्म की स्थापना ही था।

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