मैरीकोम के पंच से देश को चौथा मैडल
लंदन। पांच बार की विश्व चैम्पियन भारत की एमसी मेरीकोम ने लंदन ओलंपिक की महिला मुक्केबाजी प्रतियोगिता के 51 किग्रा फ्लाईवेट वर्ग के सेमीफाइनल में प्रवेश कर भारत के लिए चौथा पदक पक्का कर दिया। सोमवार को क्वार्टरफाइनल में भारतीय मुक्केबाज ने टयूनीशिया की रहाली मारोवा को एकतरफा मुकाबले में 15-6 से शिकस्त दी। मेरीकोम लंदन ओलंपिक के सेमीफाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय मुक्केबाज हैं। अब सेमीफाइनल में बुधवार को मेरीकोम का सामना दूसरी वरीयता प्राप्त ब्रिटेन की निकोला एडम्स से होगा।
पहले परखती हैं फिर करती हैं वार
हर मुक्केबाज की तरह मेरीकोम की अपनी अलग श्ौली है। वह पहले राउंड में प्रतिद्वंद्वी की क्षमता को परखती हैं और फिर आक्रामक होकर उस पर वार करती हैं। क्वार्टरफाइनल मैच में यही देखने को मिला। मेरीकोम इससे पहले कभी टयूनिशियाई मुक्केबाज से नहीं भिड़ी थीं, लेकिन उन्होंने उनकी विडियो क्लिपिंग देखकर तैयारी की।
ओलंपिक के लिए भार वर्ग बदला
जुड़वां बेटों की मां मेरीकोम ने 2002, 2005, 2006, 2008 और 2010 की विश्व चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीते थे। हालांकि उन्होंने ये सभी स्वर्ण पदक 46 और 48 किग्रा में जीते थे। लेकिन ओलंपिक में यह वजन वर्ग न होने के कारण उन्हें 51 किग्रा फ्लाईवेट भार वर्ग में खुद को शिफ्ट करना पड़ा।
दो साल रहीं खेल से दूर
मेरीकोम ने 2006 के बाद दो साल का ब्रेक ले लिया था, लेकिन उन्होंने अपने संन्यास से जोरदार वापसी करते हुए 2008 में एशियाई चैम्पियनशिप में रजत और विश्व चैम्पियनशिप में स्वर्ण हासिल किया था। अपने गृह राज्य के डिंको सिंह से प्रेरणा लेकर मुक्केबाज बनी मेरीकोम ने 2010 के ग्वांगझू एशियाड में कांस्य पदक भी जीता था।
एडम्स से पुराना नाता
भारतीय मुक्केबाज के सामने अब उसी निकोला एडम्स की चुनौती है जिसने उन्हें चीन के किनहुंगदाओ में हुए ओलंपिक क्वालीफायर में क्वार्टरफाइनल में 13-11 से पराजित किया था। लेकिन एडम्स के फाइनल में पहुंचने के कारण ही मेरीकोम को ओलंपिक का टिकट मिला था। ऎसे में उनका इस ब्रिटिश मुक्केबाज से गहरा नाता है इसलिए यह मुकाबला बेहद कठिन होने की उम्मीद है।
स्वर्ण पदक की उम्मीद बढ़ी- धायल
साई सेंटर में मेरीकोम के कोच रहे जयपुर के सागरमल धायल का कहना है कि मेरीकोम ने जिस तरह का प्रदर्शन शुरूआती दो मैचों में किया है उससे स्वर्ण की उम्मीद बढ़ गई है। धायल ने कहा, हमें शुरू से ही उम्मीद थी कि वह लंदन में पदक जरूर जीतेंगी। हालांकि सेमीफाइनल में उनकी राह थोड़ी कठिन होगी, लेकिन भरोसा है कि वह निकोला की चुनौती से पार पा लेंगी।
गगन और संजीव ने किया निराश
10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में कांस्य जीतकर भारत का लंदन ओलम्पिक में खाता खोलने वाले निशानेबाज गगन नारंग 50 मीटर राइफल 3 पोजिशंस के फाइनल के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाए। गगन के अलावा इस स्पर्धा में एक अन्य भारतीय संजीव राजपूत ने भी निराश किया। गगन रैपिड फायर पिस्टल स्पर्धा में भी असफल रहे थे।
सोमवार को आयोजित 50 मीटर राइफल 3 पोजिशंस स्पर्धा के क्वालीफाइंग दौर में 1164 अंकों के साथ गगन 20वें स्थान पर रहे जबकि संजीव ने 1161 अंकों के साथ 26वां स्थान पाया। इटली के निकोलो कैम्प्रियानी ने 1180 अंकों के साथ नया ओलम्पिक रिकॉर्ड कायम किया। फाइनल में आठ निशानेबाजों को जगह मिली है।
लंदन। पांच बार की विश्व चैम्पियन भारत की एमसी मेरीकोम ने लंदन ओलंपिक की महिला मुक्केबाजी प्रतियोगिता के 51 किग्रा फ्लाईवेट वर्ग के सेमीफाइनल में प्रवेश कर भारत के लिए चौथा पदक पक्का कर दिया। सोमवार को क्वार्टरफाइनल में भारतीय मुक्केबाज ने टयूनीशिया की रहाली मारोवा को एकतरफा मुकाबले में 15-6 से शिकस्त दी। मेरीकोम लंदन ओलंपिक के सेमीफाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय मुक्केबाज हैं। अब सेमीफाइनल में बुधवार को मेरीकोम का सामना दूसरी वरीयता प्राप्त ब्रिटेन की निकोला एडम्स से होगा।
पहले परखती हैं फिर करती हैं वार
हर मुक्केबाज की तरह मेरीकोम की अपनी अलग श्ौली है। वह पहले राउंड में प्रतिद्वंद्वी की क्षमता को परखती हैं और फिर आक्रामक होकर उस पर वार करती हैं। क्वार्टरफाइनल मैच में यही देखने को मिला। मेरीकोम इससे पहले कभी टयूनिशियाई मुक्केबाज से नहीं भिड़ी थीं, लेकिन उन्होंने उनकी विडियो क्लिपिंग देखकर तैयारी की।
ओलंपिक के लिए भार वर्ग बदला
जुड़वां बेटों की मां मेरीकोम ने 2002, 2005, 2006, 2008 और 2010 की विश्व चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीते थे। हालांकि उन्होंने ये सभी स्वर्ण पदक 46 और 48 किग्रा में जीते थे। लेकिन ओलंपिक में यह वजन वर्ग न होने के कारण उन्हें 51 किग्रा फ्लाईवेट भार वर्ग में खुद को शिफ्ट करना पड़ा।
दो साल रहीं खेल से दूर
मेरीकोम ने 2006 के बाद दो साल का ब्रेक ले लिया था, लेकिन उन्होंने अपने संन्यास से जोरदार वापसी करते हुए 2008 में एशियाई चैम्पियनशिप में रजत और विश्व चैम्पियनशिप में स्वर्ण हासिल किया था। अपने गृह राज्य के डिंको सिंह से प्रेरणा लेकर मुक्केबाज बनी मेरीकोम ने 2010 के ग्वांगझू एशियाड में कांस्य पदक भी जीता था।
एडम्स से पुराना नाता
भारतीय मुक्केबाज के सामने अब उसी निकोला एडम्स की चुनौती है जिसने उन्हें चीन के किनहुंगदाओ में हुए ओलंपिक क्वालीफायर में क्वार्टरफाइनल में 13-11 से पराजित किया था। लेकिन एडम्स के फाइनल में पहुंचने के कारण ही मेरीकोम को ओलंपिक का टिकट मिला था। ऎसे में उनका इस ब्रिटिश मुक्केबाज से गहरा नाता है इसलिए यह मुकाबला बेहद कठिन होने की उम्मीद है।
स्वर्ण पदक की उम्मीद बढ़ी- धायल
साई सेंटर में मेरीकोम के कोच रहे जयपुर के सागरमल धायल का कहना है कि मेरीकोम ने जिस तरह का प्रदर्शन शुरूआती दो मैचों में किया है उससे स्वर्ण की उम्मीद बढ़ गई है। धायल ने कहा, हमें शुरू से ही उम्मीद थी कि वह लंदन में पदक जरूर जीतेंगी। हालांकि सेमीफाइनल में उनकी राह थोड़ी कठिन होगी, लेकिन भरोसा है कि वह निकोला की चुनौती से पार पा लेंगी।
गगन और संजीव ने किया निराश
10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में कांस्य जीतकर भारत का लंदन ओलम्पिक में खाता खोलने वाले निशानेबाज गगन नारंग 50 मीटर राइफल 3 पोजिशंस के फाइनल के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाए। गगन के अलावा इस स्पर्धा में एक अन्य भारतीय संजीव राजपूत ने भी निराश किया। गगन रैपिड फायर पिस्टल स्पर्धा में भी असफल रहे थे।
सोमवार को आयोजित 50 मीटर राइफल 3 पोजिशंस स्पर्धा के क्वालीफाइंग दौर में 1164 अंकों के साथ गगन 20वें स्थान पर रहे जबकि संजीव ने 1161 अंकों के साथ 26वां स्थान पाया। इटली के निकोलो कैम्प्रियानी ने 1180 अंकों के साथ नया ओलम्पिक रिकॉर्ड कायम किया। फाइनल में आठ निशानेबाजों को जगह मिली है।
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