नई दिल्ली.सरकारी नौकरियों में मिलने वाले प्रमोशन में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को आरक्षण देने के मुद्दे पर सरकार संविधान में बदलाव कर सकती है। प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री वी. नारायण सामी ने कहा है कि सरकार एससी/एसटी को प्रमोशन में आरक्षण दिए जाने के हक में है। सामी ने कहा है कि अगर जरुरत पड़ी तो सरकार संविधान में बदलाव करेंगे। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मद्देनजर ज्यादातर पार्टियां इस मसले में कानूनी रूप से स्थायी व्यवस्था चाहती है। इसे देखते हुए एससी/एसटी को पदोन्नति में आरक्षण पर बुधवार को बिल लाने से सरकार फिलहाल पीछे हट गई है।
मंगलवार को प्रधानमंत्री निवास पर हुई सर्वदलीय बैठक में समाजवादी पार्टी को छोड़कर लगभग सभी पार्टियों ने एससी/एसटी को प्रमोशन दिए जाने पर सहमति जताई। समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव ने एससी/एसटी को आरक्षण दिए जाने का तीखा विरोध करते हुए कहा है कि इससे समाज में असंतोष बढ़ेगा। सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि सरकार पदोन्नति में आरक्षण मामले के सभी पहलुओं की कानूनी पड़ताल के बाद जल्द ही संशोधन बिल लाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार मौजूदा स्थिति के संभावित समाधान के लिए सभी विकल्प तलाश रही है। बैठक में सिर्फ समाजवादी पार्टी ने ही प्रस्ताव का विरोध किया। भाजपा सहित कई पार्टियों ने सुझाया कि सरकार इस मामले में जल्दबाजी में फैसला न करे।
इस बीच, बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि सरकार ने संविधान संशोधन का भरोसा दिलाया है। अगले चार-पांच दिन में सरकार को संशोधन विधेयक लाना चाहिए। ताकि बाकी दलों का भी रुख सामने आ सके। तीन घंटों तक चली बैठक के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री वी नारायण सामी ने कहा कि सरकार और कांग्रेस एससी/एसटी को पदोन्नति में आरक्षण देने के पक्ष में है। लेकिन कुछ राज्यों में इसी तरह के प्रावधानों को कोर्ट खारिज कर चुका है।
दूसरी तरफ, अगर सरकार एससी/एसटी को प्रमोशन देने के लिए संविधान में बदलाव करती है तो यह पहला मौका नहीं होगा जब सरकार ने कोर्ट के फैसले के बाद कानून में ही बदलाव कर अपने लिए रास्ता साफ किया है।
मंगलवार को प्रधानमंत्री निवास पर हुई सर्वदलीय बैठक में समाजवादी पार्टी को छोड़कर लगभग सभी पार्टियों ने एससी/एसटी को प्रमोशन दिए जाने पर सहमति जताई। समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव ने एससी/एसटी को आरक्षण दिए जाने का तीखा विरोध करते हुए कहा है कि इससे समाज में असंतोष बढ़ेगा। सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि सरकार पदोन्नति में आरक्षण मामले के सभी पहलुओं की कानूनी पड़ताल के बाद जल्द ही संशोधन बिल लाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार मौजूदा स्थिति के संभावित समाधान के लिए सभी विकल्प तलाश रही है। बैठक में सिर्फ समाजवादी पार्टी ने ही प्रस्ताव का विरोध किया। भाजपा सहित कई पार्टियों ने सुझाया कि सरकार इस मामले में जल्दबाजी में फैसला न करे।
इस बीच, बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि सरकार ने संविधान संशोधन का भरोसा दिलाया है। अगले चार-पांच दिन में सरकार को संशोधन विधेयक लाना चाहिए। ताकि बाकी दलों का भी रुख सामने आ सके। तीन घंटों तक चली बैठक के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री वी नारायण सामी ने कहा कि सरकार और कांग्रेस एससी/एसटी को पदोन्नति में आरक्षण देने के पक्ष में है। लेकिन कुछ राज्यों में इसी तरह के प्रावधानों को कोर्ट खारिज कर चुका है।
दूसरी तरफ, अगर सरकार एससी/एसटी को प्रमोशन देने के लिए संविधान में बदलाव करती है तो यह पहला मौका नहीं होगा जब सरकार ने कोर्ट के फैसले के बाद कानून में ही बदलाव कर अपने लिए रास्ता साफ किया है।
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