सोमवार की रात जयपुर में जबरदस्त बारिश हुई। बारिश इतनी तेज थी कि लोगों को अपने छतों पर शरण लेना पड़ा। नीचे के घरों में पानी घुस चुका था। सड़कों पर पानी पूरे वेग से बह रहा था। यातायात व्यवस्था चरमरा गई। लोग अपने घरों में दुबके रहे और मूसलाधार बारिश को रोकने के लिए आधी रात मस्जिदों में नमाज अता की गई।
जयपुर में भारी बारिश,6 की मौत
जयपुर/दौसा। दिन में उमस के बाद मंगलवार रात 11 बजे से सुबह छह बजे तक हुई झमाझम बारिश से राजधानी में बाढ़ के हालात का खतरा पैदा हो गया। अचानक हुई इस बारिश से बिगड़े हालात को देखते हुए प्रशासन ने स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी। शहर की दर्जनों कॉलोनियां जलमग्न हो गई। डूब क्षेत्रों में पानी भर गया, कच्चे मकान बह गए। सुशीलपुरा में मकान में करंट आने से दम्पती की तथा भट्टा बस्ती में मकान में ढहने से दो बच्चों की मौत हो गई। एक मारूति कार समेत दम्पती के बहने की भी खबर है।
समीपवर्ती दौसा, सवाईमाधोपुर में भी हालात खराब हो गए। धौलपुर जिले की पार्वति नदी में आए उफान में एक दर्जन लोग बह गए जिनमें से सात को बचा लिया गया तथा पांच लोग बह गए। दो शव बरामद कर लिए गए तथा तीन लापता हैं। अलवर के महुवा में चार लोगों की मौत हो गई।
पुलिस कंट्रोल रूम को करें फोन
जयपुर के कलक्टर नवीन महाजन ने कहा कि परकोटे में ज्यादा असर हुआ है। प्रभावितों तक खाना पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है। फिलहाल कहीं कोई पानी में फंसा हुआ नहीं है। अब तक 4 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। पुलिस कमिश्नर बीएलसोनी ने लोगों से अपील की है कि कहीं भी पानी भराव ज्यादा होने तथा बड़ी परेशानी होने पर पुलिस कंट्रोल रूम को 100 नम्बर पर डायल कर सूचित करें। उघर, जयपुर की मेयर ज्योति खंडेलवाल खुद बाढ़ नियंत्रण कक्ष से शहर के हालात पर नजर रखे होकर उचित दिशा निर्देश दे रही हैं। उन्होंने कहा कि घबराने की कोई बात नहीं है, बारिश के जमा हुए पानी को निकालने की उचित व्यवस्था की जा रही है। इसके लिए निगम के दस्ते लगाए गए हैं।
सीमावर्ती गांवों में भी पानी-पानी
रातभर बारिश होने से जयपुर जिले के जयसिंहपुरा खोर और आस-पास के गांवों में पानी भर गया। जिला प्रशासन ने चेनपुरा आरएसी को अलर्ट कर वहां तैनात किया। आपदा प्रबंधन के दलों को भी रवाना किया गया। भारी बारिश के चलते मुम्बई और दिल्ली रेलमार्गो को बंद कर दिया गया। शहर में करीब 6 इंच बारिश (148.4 मिमी) दर्ज की गई।
कई ट्रेनें विभिन्न स्टेशनों पर अटकीं
जयपुर व आस-पास के इलाकों में हुई भारी बारिश से रेलवे ट्रैक के बीच बारिश का पानी जमा होने से रेल यातायात प्रभावित रहा। जयपुर से होकर गुजरने वाली करीब आधा दर्जन से ज्यादा ट्रेने अपने निर्घारित समय से करीब 3 से 4 घंटे देरी से रवाना हुई। ट्रैक के बीच बारिश का पानी भरने पर रेलवे ने एहतियात के तौर पर हरिद्वार अहमदाबाद, दिल्ली जोधपुर मंडोर, राजधानी एक्सप्रेस, अमृतसर जयपुर और कोटा जयपुर सवारी गाडियों को जगतपुरा, गांधी नगर, दुर्गापुरा और जयपुर जंक्शन पर रोके रखा। बुधवार सुबह छह बजे बाद से ट्रैक पर जमा पानी हटने पर ट्रेनों का संचालन शुरू हुआ। दौसा में भी दो ट्रेनें खड़ी रहीं। मुख्य सड़कों पर कई जगह दो-दो फीट पानी जमा हो जाने से यातायात व्यवस्था चरमराई गई। तेज बारिश के चलते आगरा रोड पर यातायात को रोक दिया गया। पुराना घाट आगरा रोड पर 1981 जैसे बाढ़ के हालात बन गए। कई जगह पांच-पांच किलोमीटर तक का जाम लगा हुआ है।
53 साल बाद सर्वाधिक
11:30 बजे तक 16.4 मिमी बारिश हुई थी। इसके बाद करीब तीन घंटे की झमाझम में 132 मिमी पानी बरसा। यह इस मौसम की सर्वाधिक बारिश है। करीब 53 साल बाद अगस्त माह में भारी बारिश हुई है। इससे पहले वष्ाü 1959 में रिकॉर्ड 188.4 मिमी बारिश हुई। अगस्त माह में ही वष्ाü 2004 में 102 मिमी बारिश हुई थी।
डूब गया शहर,लोग परेशान
देर रात से हो रही बारिश के कारण शहर में कई इलाके जलमग्न हो गए। लोगों के घरों में पानी भर गया। कई इलाकों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भिजवाया गया। पुलिस कंट्रोल रूम व लोगों की सूचना के मुताबिक शास्त्री नगर की लंकापुरी कच्ची बस्ती, खड्डा बस्ती, भट्टा बस्ती, जवाहर नगर कच्ची बस्ती, मुरलीपुरा, सुभाष चौक, चांदी की टकसाल, जौहरी बाजार, चौड़ा रास्ता, वैशाली नगर, नाहरी का नाका, संजय सर्किल, गणगौरी बाजार, मालवीय नगर, सांगानेर समेत कई क्षेत्र जलमग्न हो गए। सैकड़ों मकानों और दुकानों में पानी भर गया। परकोटे के भीतर करीब आधा दर्जन मकानों में नुकसान हो गया है।
खुली आपदा प्रबंधन की पोल
जयपुर। जयपुर में रात करीब 11 बजे से अचानक शुरू हुई बारिश से कई निचले इलाकों में पांच-पांच फीट पानी बहने लगा। सुबह जब लोग जागे तो हर तरफ पानी ही पानी नजर आया। आफिस जाने को तैयार लोग सड़कों पर जमा पानी देख हैरान रह गए। कई ऑफिसों के ताले तो निर्धारित समय दस बजे तक नहीं खुले। प्रशासन ने मानसून के दौरान मुस्तैद होने का दावा किया था पर इस बारिश ने उसके उसके आपदा प्रबंधन की कलई खोल दी।
कई जगह जागते हुए काटी रात
जिला प्रशासन को नाहरगढ़ की पहाडियों के दरकने की भी सूचना मिली। उधर, परकोटा स्थित खजाने वालों का रास्ता सहित सभी बाजारों में दुकानों में पानी भर गयौ। शहर की पॉश कॉलोनियों में भी पानी जमा हो जाने से लोग परेशान हुए। गोपालपुरा बायपास के पास 10बी स्कीम, मोहनपुरी क्षेत्र के कई मकानों में भी पानी भर गया। जगतपुरा में एक कॉलोनी में पानी भर गया। श्याम नगर में एक मोटरसाइकिल बह गई। जवाहर नगर कच्ची बस्ती में लोगों ने रात जागते हुए काटी। सवाई मानसिंह, जेकेलोन अस्पताल सहित शहर के विभिन्न अस्पतालों में पानी भर गया। जिससे मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा। जलमहल में भी पानी की भारी आवक होने के बाद ओवर फ्लो हो गया। जलमहल झील के सामने और पाल के पीछे वाली कॉलोनियों और गांव जलमग्न हो गए। रात में निर्माण नगर में तीन ट्रक पानी में फंस गए। 15 साल बाद तालकटोरा में दस फीट पानी आया है।
मानसागर छलका
तेज बारिश से शहर के नाले उफान मारने लगे, वहीं पानी आने से मानसागर झील ओवरफ्लो हो गई। झील की पाल के नजदीक निकास द्वार के ऊपर से पानी उफान मारने लगा। झील के पीछे बसी कॉलोनियों में पानी भर गया। आमेर के मावठा झील, छोटा-बड़ा सागर बांध में तीन से पांच फीट पानी आने की सूचना है। इसी तरह प्रभातपुरी के खोल, चौमोरिया बांध, तालकटोरा में काफी पानी आया है।
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