बुधवार, 22 अगस्त 2012

पीएम के इस्तीफे की मांग पर एनडीए में एक राय नहीं!



नई दिल्ली: कोयला ब्लॉक आवंटन मामले में सीएजी की रपट पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के इस्तीफे की मांग दोहराते हुए विपक्ष ने लोकसभा और राज्य सभा में बुधवार को भी जमकर हंगामा किया.
 

बुधवार को ग्यारह बजे जैसे ही संसद की कार्यवाही शुरू हुई विपक्ष के हंगामे के तेवर को देखते हुए दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी. बीजेपी के सदस्यों द्वारा सदन का कामकाज चलने देने से इंकार करने और नारेबाजी करते हुए अध्यक्ष के आसन के पास पहुंच जाने पर लोकसभाध्यक्ष मीरा कुमार ने सदन की कार्यवाही पहले 12 बजे और फिर दोहपर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी.


सरकार चर्चा को तैयार है: सिब्बल

राज्य सभा में भी यही नजारा देखने को मिला. विपक्ष के शोरगुल की वजह से राज्यसभा के सभापति मोहम्मद हामिद अंसारी ने सदन की कार्यवाही 11.30 बजे तक स्थगित कर दी और फिर इसे दो बजे के लिए स्थगित कर दी गई.

इससे पहले मंगलवार को भी इसी मसले पर हंगामे की वजह से संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही बुधवार तक के लिए स्थगित करनी पड़ी थी.


ग़ौरतलब है पिछले सप्ताह सीएजी द्वारा संसद में पेश रपट में कहा गया है कि निजी कम्पनियों को कोयला ब्लॉक आवंटन में पारदर्शिता के अभाव के कारण सरकारी खजाने को करीब 1.86 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.

दिलचस्प बात यह है कि राष्ट्रपति के चुनाव में एनडीए की सहयोगी जेडीयू ने कांग्रेस के उम्मीदवार का समर्थन किया था, वहीं एक बार फिर जेडीयू कांग्रेस के करीब देखी जा रही है. जहां बीजेपी प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के इस्तीफे की मांग पर अड़ी हुई है वहीं जेडीयू इस मुद्दे पर चर्चा की पक्षधर है.



जेडीयू नेता शिवानंद तिवारी का कहना है कि सरकार को सीएजी की इस रपट के लिए उसका धन्यवाद करना चाहिए कि उसने इस लूट की जानकारी दी और वे चाहते हैं कि इस मुद्दे पर संसद में चर्चा कराई जाए.

इस्तीफे की मांग पर एनडीए में फूट


इस रिपोर्ट में प्रत्यक्ष तौर पर प्रधानमंत्री या उनके कार्यालय को दोषी नहीं ठहराया गया है, लेकिन जुलाई 2004 से मई 2009 की अवधि में, जब इन ब्लॉक्स का आवंटन किया गया था, उस समय कोयला विभाग का प्रभार प्रधानमंत्री के पास था.

सत्तधारी यूपीए सरकार के मंत्रियों का कहना है कि सरकार इस मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग पर अड़ी हुई है. बीजेपी की दलील है कि 2-जी घोटाले और कॉमनवेल्थ गेम्स घोटाले पर भी संसद में चर्चा हुई थी, लेकिन इसका नतीजा कुछ भी निकला, इसलिए वह सीधे तौर पर कार्रावई चाहती है.

मंत्री के कहने पर राज्यसभा स्थगित!

इस बीच भंग हो चुकी टीम अन्ना के अहम सदस्य अरविंद केजरीवाल का कहना है कि विपक्ष हो या सत्तापक्ष दोनों मिली हुई है और संसद में जो नजारा और शोर व गुल देखने को मिल रहा है उसकी स्क्रिप्ट संसद के बाहर ली जा चुकी है और यह सब ड्रामा है.




















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