प्रमाणपत्र पाना अब आसान
जयपुर। प्रदेश के लोगों को अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग व विशेष अन्य पिछड़ा वर्ग प्रमाण पत्र, मूल निवास स्थान व आय प्रमाण पत्र बनवाने के लिए धक्के नहीं खाने होंगे। अब हर प्रमाण पत्र का प्रदेशभर में एक ही प्रारूप होगा। एक बार प्रमाण पत्र जारी कराने के बाद वह हर विभाग में मान्य होगा। मुख्य सचिव सी.के.मैथ्यू की अध्यक्षता में सम्बंधित विभागों के आला अधिकारियों की दो बैठकों में विचार के बाद यह व्यवस्था लागू की गई है। इस संबंध में राजस्व विभाग की ओर से हाल ही आदेश जारी किए गए हैं।
यह थी परेशानी
विभिन्न विभागों के अलग-अलग प्रारूप के कारण लोगों को बार-बार प्रमाण पत्र बनवाने के लिए परेशान होना पड़ता था। संबंधित अधिकारी प्रमाण पत्र बनाने के लिए मनमर्जी से दस्तावेज लगाने को कहते थे। अब नई व्यवस्था के तहत प्रमाण पत्र जारी कराने के लिए आवेदन पत्र व शपथ पत्र का प्रारूप तय करने के साथ मांगे जाने वाले दस्तावेज भी निर्घारित कर दिए गए हैं।
नहीं भटकना होगा
प्रमाणपत्र बनवाने के लिए आवेदन पर राजपत्रित अधिकारियों की तस्दीक भी जरूरी नहीं होगी। अब किन्हीं दो उत्तरदायी व्यक्तियों से तस्दीक कराना ही पर्याप्त होगा। इनमें सांसद, विधायक, जिला प्रमुख, प्रधान, जिला परिषद सदस्य, सरपंच, वार्ड पंच, महापौर, नगरपालिका अध्यक्ष, पार्षद, राजकीय अधिकारी व कर्मचारी शामिल होंगे। आय की उद्घोषणा के लिए भी इन्हीं से तस्दीक कराना पर्याप्त होगा। साथ ही अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति प्रमाण पत्र, अन्य पिछड़ा वर्ग, विशेष अन्य पिछड़ा वर्ग प्रमाण पत्र व मूल निवास प्रमाण पत्र बनवाने के लिए एक परिवार के लोग एक साथ आवेदन कर सकेंगे। हालांकि, प्रमाणपत्र अलग-अलग जारी किए जाएंगे।
नहीं जारी होंगे आय प्रमाण पत्र
नई व्यवस्था के तहत किसी व्यक्ति का आय प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जाएगा। अब आवेदक खुद अपनी आय का उद्घोषणा पत्र प्रस्तुत करेगा। इसके लिए आवेदक को कार्यपालक मजिस्ट्रेट या नोटरी से प्रमाणित शपथ पत्र व दो उत्तरदायी व्यक्तियों से सत्यापित कराना होगा। अगर आवेदक की ओर से आयकर रिटर्न भरा जाता है तो ताजा आयकर रिटर्न व पेनकार्ड की सत्यापित प्रति भी लगानी होगी। बीपीएल कार्डधारकों के लिए बीपीएल कार्ड ही आय के लिए मान्य माना जाएगा।
लेकिन मूल नहीं लगेगा
कोई विभाग किसी व्यक्ति से आवेदन के साथ प्रमाणपत्रों की मूल प्रति नहीं मांगेगा। प्रमाण पत्र की सत्यापित प्रति ही संलग्न की जाएगी। अंतिम सत्यापन मूल प्रमाण पत्र से किया जा सकेगा। अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति प्रमाण पत्र व मूल निवास प्रमाण पत्र के मामले में अभ्यर्थी के चयन या भर्ती के अंतिम स्तर पर ही सत्यापित प्रमाण पत्र लिया जाएगा। इससे पहले अभ्यर्थी की स्व घोषणा व प्रमाणित शपथ पत्र प्रारम्भिक चयन कार्यवाही के लिए जाएंगे।
जयपुर। प्रदेश के लोगों को अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग व विशेष अन्य पिछड़ा वर्ग प्रमाण पत्र, मूल निवास स्थान व आय प्रमाण पत्र बनवाने के लिए धक्के नहीं खाने होंगे। अब हर प्रमाण पत्र का प्रदेशभर में एक ही प्रारूप होगा। एक बार प्रमाण पत्र जारी कराने के बाद वह हर विभाग में मान्य होगा। मुख्य सचिव सी.के.मैथ्यू की अध्यक्षता में सम्बंधित विभागों के आला अधिकारियों की दो बैठकों में विचार के बाद यह व्यवस्था लागू की गई है। इस संबंध में राजस्व विभाग की ओर से हाल ही आदेश जारी किए गए हैं।
यह थी परेशानी
विभिन्न विभागों के अलग-अलग प्रारूप के कारण लोगों को बार-बार प्रमाण पत्र बनवाने के लिए परेशान होना पड़ता था। संबंधित अधिकारी प्रमाण पत्र बनाने के लिए मनमर्जी से दस्तावेज लगाने को कहते थे। अब नई व्यवस्था के तहत प्रमाण पत्र जारी कराने के लिए आवेदन पत्र व शपथ पत्र का प्रारूप तय करने के साथ मांगे जाने वाले दस्तावेज भी निर्घारित कर दिए गए हैं।
नहीं भटकना होगा
प्रमाणपत्र बनवाने के लिए आवेदन पर राजपत्रित अधिकारियों की तस्दीक भी जरूरी नहीं होगी। अब किन्हीं दो उत्तरदायी व्यक्तियों से तस्दीक कराना ही पर्याप्त होगा। इनमें सांसद, विधायक, जिला प्रमुख, प्रधान, जिला परिषद सदस्य, सरपंच, वार्ड पंच, महापौर, नगरपालिका अध्यक्ष, पार्षद, राजकीय अधिकारी व कर्मचारी शामिल होंगे। आय की उद्घोषणा के लिए भी इन्हीं से तस्दीक कराना पर्याप्त होगा। साथ ही अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति प्रमाण पत्र, अन्य पिछड़ा वर्ग, विशेष अन्य पिछड़ा वर्ग प्रमाण पत्र व मूल निवास प्रमाण पत्र बनवाने के लिए एक परिवार के लोग एक साथ आवेदन कर सकेंगे। हालांकि, प्रमाणपत्र अलग-अलग जारी किए जाएंगे।
नहीं जारी होंगे आय प्रमाण पत्र
नई व्यवस्था के तहत किसी व्यक्ति का आय प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जाएगा। अब आवेदक खुद अपनी आय का उद्घोषणा पत्र प्रस्तुत करेगा। इसके लिए आवेदक को कार्यपालक मजिस्ट्रेट या नोटरी से प्रमाणित शपथ पत्र व दो उत्तरदायी व्यक्तियों से सत्यापित कराना होगा। अगर आवेदक की ओर से आयकर रिटर्न भरा जाता है तो ताजा आयकर रिटर्न व पेनकार्ड की सत्यापित प्रति भी लगानी होगी। बीपीएल कार्डधारकों के लिए बीपीएल कार्ड ही आय के लिए मान्य माना जाएगा।
लेकिन मूल नहीं लगेगा
कोई विभाग किसी व्यक्ति से आवेदन के साथ प्रमाणपत्रों की मूल प्रति नहीं मांगेगा। प्रमाण पत्र की सत्यापित प्रति ही संलग्न की जाएगी। अंतिम सत्यापन मूल प्रमाण पत्र से किया जा सकेगा। अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति प्रमाण पत्र व मूल निवास प्रमाण पत्र के मामले में अभ्यर्थी के चयन या भर्ती के अंतिम स्तर पर ही सत्यापित प्रमाण पत्र लिया जाएगा। इससे पहले अभ्यर्थी की स्व घोषणा व प्रमाणित शपथ पत्र प्रारम्भिक चयन कार्यवाही के लिए जाएंगे।
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