मंगलवार, 28 अगस्त 2012

अधूरी लिफ्ट योजना का उदघाटन करेगी सोनिया गाँधी

अधूरी लिफ्ट योजना का उदघाटन करेगी सोनिया गाँधी
चन्दन सिंह भाटी

बाड़मेर। वर्षो से पीने के पानी की किल्‍लत झेल रहे बाड़मेर के लोगों को मीठा पानी पिलाने के लिए बनाई गई बाड़मेर लिफ्ट केनाल परियोजना के प्रथम चरण का कार्य अब भी अधुरा है, दुसरे चरण के लिए तैयारियां शुरू कर दी गयी है और तीसरे चरण के लिए सर्वे रिपोर्ट का आना अभी बाकी है। सीधे शब्‍दों में बाड़मेर लिफ्ट केनाल परियोजना के लिए 1992 में दिए गए प्रस्‍ताव के प्रथम चरण का काम ही 2012 के अंत तक पूरा होगा। बावजूद इसके, ऐसी आधी अधुरी परियोजना का उदघाटन करने कांग्रेस की अध्‍यक्षा सोनिया गांधी आगामी 30 अगस्‍त को बाड़मेर आ रही है।



राजस्‍थान में अगले साल चुनाव होने वाले है और चुनावों से कुछ समय पहले आचार संहिता लागू हो जाती है। लिहाजा झुठी ही सही वाह‑वाही लुटने के लिए सरकार आधी अधुरी परियोजना का उदघाटन कराने के लिए उतावली हो रही है।



योजना में अधुरा क्या हें


इस योजना में बाड़मेर तक एक सौ चौतीस किलोमीटर पाइप लाइन बिछाई जानी थी जो एक सौ बीस किलोमीटर ही बिछाई गई हें शेष कार्य मार्च २०१३ तक पूर्ण करने का दावा आर यु दी पि विभाग ने किया हें वही इस योजना में दस जलाशयों का निर्माण किया जाना था जिसमे से मात्र चार का ही निर्माण किया हें शेष छः अभी बाकी हें ,इस योजना के तहत लाभान्वित गाँवो में जी एज आर का निर्माण भी अभी नहीं कराये गए हें ,इस योजना में बाड़मेर शहर के प्रत्येक घर में मीठे पानी के लिए अलग से कनेक्सन दिया जाना था मगर शहर में आज भी पुरानी पाइप लाइन से पानी सप्लाय किया जा रहा हें ,




योजना का प्रारूप

बाड़मेर के पूर्व कांग्रेसी विधायक वृद्विचंद जैन्‍ ने 1992 में बाड़मेर के लोगों को मीठा और शुद्व पानी पिलाने के लिए जैसलमेर के मोहनगढ़ से इन्दिरा गांधी केनाल से पानी लिफट करवाकर बाड़मेर तक पहुंचाने के लिए एक प्रस्‍ताव तत्‍कालीन भैरोसिंह सरकार को भेजा था।

करीब छ: साल तक ठण्‍डे बस्‍ते में रहने के बाद 1998 में गहलोतनीत कांग्रेस सरकार ने राज्‍य की नीति निर्धारण कमेटी की 145 वीं बैठक में उस प्रस्‍ताव को स्‍वीकृति प्रदान करते हुए बाड़मेर लिफट केनाल परियोजना के लिए 424.91 करोड़ रूपए का प्रावधान किया। अपनी पिछली सरकार के कार्यकाल में गहलोत ने साल 2002 में बाड़मेर में इस योजना का शिलान्‍यास भी किया था। 2003 में गहलोत की सरकार जाते ही यह परियोजना फिर से ठण्‍डे बस्‍ते में चली गयी।


2007 में तत्‍कालीन वसुंधरा सरकार ने नए सिरे से दुसरे स्‍थान पर योजना को शिलान्‍यास किया और इसके लिए 113 करोड़ रूपए के बजट की पहली किश्‍त जारी की। इसके बाद गहलोत सरकार के मौजुदा कार्यकाल में योजना के बजट आवंटित होता रहा और अब जब राज्‍य में अगले साल चुनाव होने वाले है 1998 में स्‍वीकृत हुई इस परियोजना के प्रथम चरण का कार्य पूरा होने पर है।



क्‍या है योजना

वर्ष 2036 मे बाड़मेर और जैसलमेर जिले के 691 गांवों और 3880 ढाणीयां की 15.65 लाख की आबादी के लिये कुल 172 एम.एल.डी. पानी की व्‍यवस्‍था की जाएगी, जिसमें 120 एम.एल.डी. पानी की आपूर्ति गांव‑ढाणियों के लिए और 52 एम.एल.डी. पानी आर्मी और सीमा सुरक्षा बल के लोगों के होगा। योजना के तहत जैसलमेर जिले के 162 गांवों की कुल 104933 आबादी, बाड़मेर शहर और बाड़मेर के 529 गांवों की कुल 495454 आबादी के लिए पीने के पानी की व्‍यवस्‍था की जाएगी।


योजना के प्रथम चरण के पहले भाग के काम के लिए 18 महीने के निर्धारित अवधि के बावजूद ही 36 महीने का अतिरिक्‍त समय दिया गया। बावजूद इसके अब भी प्रथम चरण कुछ काम अब भी अधुरा है। परियोजना अधिकारियों के मुताबिक योजना के प्रथम चरण के लिए 265 करोड़ का वर्क आर्डर एलएण्‍डटी को मार्च 2008 में दिया गया। यह काम 9 अक्‍टूबर 2009 तक कुल 18 माह में पूरा होना था, लेकिन समय पर काम पूरा ना होने के कारण इसकी अवधि 30 अप्रेल 2012 तक के लिए बढ़ा दी गयी।

प्रथम चरण के भाग दो की हालत भी कुछ ऐसी ही रही। 370 करोड़ रूपए की लागत के भाग दो का काम भी मार्च 2008 में वर्क आर्डर जारी होने के बाद अक्‍टूबर 2009 तक कुल 18 माह में पूरा होना था, लेकिन समय पर काम पूरा ना होने के कारण इसकी अवधि भी 30 जून 2012 तक के लिए बढ़ाई गयी।



रेलवे और डिस्‍काम का काम भी अधुरा

योजना के प्रथम चरण में रेलवे और डिस्‍काम को भी कुछ काम आवंटित किया गया था। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक काम प्रगति पर है और जल्‍द ही पूरा होगा।



रक्षा संस्थानों के लिए काम बाकी

विभागीय अधिकारियों के मुताबिक योजना से बाड़मेर के रक्षा संस्थानों को जलपुर्ति हेतु 20.04.2011 टेण्‍डर कर दिए गए थे और काम प्रगति पर है।



फैक्‍ट फाइल :

विभाग को अब भी परियोजना के प्रथम चरण को पूर्ण करने के लिये रक्षा विभाग से रू 57.37 करोड की राशि प्राप्त करनी है। प्रथम चरण के पूर्ण होने के पश्चात् बाड़मेर शहर, मुख्य पाईप लाईन के आस-पास के 74 राजस्व गांव तथा जैसलमेर जिले में आर्मी क्षैत्र की जलापूर्ति हो सकेगी।



पी.पी.सी. की 27.10.11 को आयोजित 187वीं बैठक में बाडमेर लिफ्ट् परियोजना के द्वितीय चरण के पार्ट अ के लिए 202.36 करोड़ रु. की प्रषासनिक व वित्तिय स्वीकृति प्रदान की गयी। इससे चरण के बाद बाड़मेर के 172 गांवों को मीठा पानी मिलेगा। मामलें का दिलचस्‍प पहलु यह है कि योजना के द्वितीय चरण के लिए भूमि अवाप्‍त करने का काम अब भी बाकी है।



परियोजना के तीसरे चरण का सर्वे अब शुरू होगा और इसके लिए 156 लाख की स्वीकृति मिली है। योजना के कुल 691 गांवों को लाभान्वित करने हेतु 797.75 करोड के प्रस्ताव भारत सरकार को भेजे गये है।

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