बुधवार, 18 जुलाई 2012

PICS: लड़कियों का ये क्रूर पंचायती फरमान, फैसला सुन सब हैरान !

लखनऊ. यूपी के मुजफ्फरनगर के गांव दुधाहेड़ी और मोघपुर में युवतियों ने पंचायत बुलाकर जींस न पहनने और मोबाइल न रखने का संकल्प लेते हुए ऐसा न करने वाले परिवार का सामाजिक बहिष्कार करने का निर्णय लिया गया है। इस पंचायत में नाखुन नहीं बढ़ाने सहित कई फैसले लिए गए। लड़कियों की इस पंचायत ने पश्चिमी यूपी के लोगों को चौंका दिया है। पंचायत की अगुवाई कर रही किशोर उम्र की वैशाली ने कहा, ‘जब इटली से आकर सोनिया गांधी भारतीय पहनावा पहनती है तो हम क्यों नही पहनते। हमें भी जींस छोड़ कर सलवार- कुर्ता ही पहनना चाहिए।’
PICS: लड़कियों का ये क्रूर पंचायती फरमान, फैसला सुन सब हैरान  !  PICS: लड़कियों का ये क्रूर पंचायती फरमान, फैसला सुन सब हैरान  ! 
इस पंचायत में शामिल किशोरियों ने बागपत के असारा गांव की मुस्लिम बिरादरी की पंचायत से जारी फरमान का काफी कुछ समर्थन किया। वैशाली और सोनम बलियान का कहना था कि जींस पहनना और मोबाइल रखना ही महिलाओं के शोषण का कारण बनता है, इसलिये आज वे संकल्प लेती है कि अब न तो जींस पहनेंगी और न गांव में रहते बेवजह मोबाइल का इस्तेमाल करेंगी। किशोरियों ने दूसरे गांव की सभी लडकियों को जगाने का एलान भी किया। पंचायत की संचालक सोहनबीरी ने चेतावनी दी कि अगर कोई इस फैसले को नहीं मानेगा तो उसका सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा।
 लव मैरिज का विरोध इस फतवे में 'लव मैरिज' के बारे में कहा गया कि इस तरह की शादियां लंबे समय तक नहीं चलती हैं। प्रेम विवाह के ही संबंध में पूछे गए सवाल पर मुफ्तियों ने कहा कि अगर लड़की सच्चे मन से दृढ़ निश्चय के साथ इस्लाम कुबूल करती है और निकाह इस्लामिक रीति रिवाज से ही होता है तो ही शादी जायज है। सूबे के बागपत जिले में पंचायत ने अनोखा तुगलकी फरमान सुनाते हुए कहा कि गांव की 40 साल तक की कोई महिलाएं व युवतियां बाजार नहीं जाएंगी। पंचायत का तर्क है कि ऐसा करने से छेड़खानी की घटनाएं रोकने में मदद मिलेगी। बागपत के आसरा गांव में लगाई गई इस पंचायत में मुस्लिम बिरादरी के कई लोग शामिल हुए थे और महिलाओं की आजादी को कैद करने का यह अनोखा फरमान सुना दिया गया।पंचायत ने कहा कि गांव के बाहर लगने वाले बाजार में 40 साल उम्र तक की कोई महिला नहीं जाएगी। साथ ही इस उम्र तक की महिलाएं गांव या उससे बाहर मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करेंगी। पंचायत ने साफ किया अगर इस फरमानों का किसी ने उल्लंघन किया तो फिर पंचायत लगाई जाएगी और उसमें उसकी सजा तय की जाएगी बॉडी स्कैन गैरइस्लामिक मुजफ्फरनगर। मुसलमानों की प्रमुख संस्था देवबंद दारूल उलूम ने पूरे शरीर का स्कैन न कराने का फतवा जारी किया है। उसने इसे शरीयत कानून के खिलाफ बताया है। एक सवाल का जवाब देते हुए फतवा जारी किया गया था। इज्जत खातिर दी जाती है मौत मेरठ। खाप पंचायतों के फैसले कि अपने गोत्र में शादी नहीं कर सकते हैं। शादी करने के बाद आपको सजा के तौर पर गांव से बहिष्कृत कर दिया जाता है। यहां तक कि कई जगहों पर प्रेमी युगल की हत्या तक कर दी जाती है।

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