जयपुर। बालिका सुधार गृह में नाबालिग बालिका के साथ दुष्कर्म करवाने में सहयोग करने व जबरन गर्भपात मामले में दो जनों की सात सला की सुनाई गई। महानगर की महिला उत्पीडऩ मामलों की विशेष अदालत ने आरोपी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी सुरजा देवी व रामजीलाल को सात सात साल कैद की सजा सुनाई। अदालत ने दोनों जनों पर तीन तीन हजार रुपए जुर्माना भी लगाया।
जिसके बाद जगमोहन मीणा ने एफआईआर दर्ज करवाई थी कि बालिका सुधार गृह में 2004 के दौरान एक नाबालिग बालिका के साथ दुष्कर्म किया गया और जबरन उसका गर्भपात करवाया गया। इस कार्य में बालिका सुधार गृह के अफसर भी शामिल रहे। जबकि आरोपी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों ने भी मुख्य आरोपी महेन्द्र सिंह को बालिका के साथ दुष्कर्म के काम में सहयोग किया।
बालिका के गर्भवती हो जाने पर 20 मई 2004 को महिला चिकित्सालय में उसका गर्भपात करवाया गया। पुलिस ने रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार किया और अदालत में चालान पेश किया। अदालत ने दोनों अभियुक्तों को कैद व जुर्माने की सजा सुनाई। इस मामले के मुख्य आरोपी महेन्द्र सिंह की मौत हो चुकी हे।
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