बुधवार, 27 जून 2012

कांग्रेस का हमला, चिश्ती के बदले सरबजीत को छोड़ने की 'डील' थी



नई दिल्ली/इस्लामाबाद. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पीएल पुनिया ने सनसनीखेज दावा किया है कि जब अप्रैल में आसिफ अली जरदारी भारत आए थे, तो दोनों देशों के बीच एक डील हुई थी। इस डील के तहत भारत ने डॉ. खलील चिश्ती को रिहा करने और पाकिस्तान ने सरबजीत को रिहा करने पर सहमति जाहिर की थी। पुनिया ने एक निजी चैनल से बातचीत में यह खुलासा किया है। पुनिया के मुताबिक राष्ट्रीय अनुसूचित जाति एवं जनजाति आयोग में पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने आकर खुद इस बात पर सहमति जताई थी कि सरबजीत को रिहा कर दिया जाएगा।
कांग्रेस का हमला, चिश्ती के बदले सरबजीत को छोड़ने की 'डील' थी 


दूसरी ओर, जबीउद्दीन उर्फ अबू जुंदाल उर्फ अबू हमजा को लेकर पाकिस्तान ने पल्ला झाड़ लिया है। पाकिस्तान के आंतरिक सुरक्षा मंत्री रहमान मलिक ने कहा है कि जबीउद्दीन भारत का नागरिक है और उसने भारत पर हमला किया है। मलिक का कहना है कि इस मामले में पाकिस्तान का कोई लेना देना नहीं है। मलिक ने अपने देश की खुफिया एजेंसी आईएसआई का बचाव करते हुए कहा कि यह एजेंसी भारत पर हुए किसी भी हमले में शामिल नहीं है। मलिक ने कहा कि अगर जुंदाल पाकिस्तान में कभी आया भी है तो वह गैरकानूनी ढंग से आया होगा। मलिक का कहना है कि सरकारी रिकॉर्ड में जबीउद्दीन के पाकिस्तान आने की कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत ऐसे किसी सुबूत पर भरोसा नहीं कर सकता जो भारत उसे दे रहा है। मलिक ने कहा कि भारत जुंदाल से जुड़़े सुबूत और बयान पाकिस्तान को मुहैया कराए। रहमान मलिक ने सरबजीत के मुद्दे पर भी कहा है कि उनकी सरकार की ओर से कोई गलती नहीं हुई है। मलिक ने कहा कि सेना या किसी और के दबाव में पाकिस्तान सरकार ने कोई फैसला नहीं लिया है।
इससे पहले भारत के गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने बुधवार को मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि 26/11 के मुंबई हमले में पाकिस्तान के लोगों का हाथ था। उन्होंने कहा कि जबीउद्दीन के खुलासों से यह बात साबित होती है।
दूसरी तरफ, पाकिस्तान की जेल में 22 सालों से बंद सरबजीत सिंह की रिहाई पर पाकिस्तान के यू-टर्न को लेकर अब पड़ोसी देश में ही आवाज़ उठ रही है। पाकिस्तान मीडिया ने अपनी सरकार की इस हरकत पर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है।
पाकिस्तान के मशूहर अख़बार 'द एक्सप्रेस ट्रिब्यून' ने पहले पेज पर छपी रिपोर्ट में इस मामले को अंतरराष्ट्रीय शर्म करार दिया है। अखबार ने लिखा है जो मौका हमारे लिए गर्व का हो सकता था, उसे शर्म में तब्दील कर दिया गया। पाकिस्तान के प्रतिष्ठित अखबार डॉन ने भी पूरे मामले पर संदेह जताते हुए सरबजीत सिंह की रिहाई पर यू-टर्न और उनकी जगह सुरजीत की रिहाई को लेकर देर रात दी गई सफाई को 'असामान्य' करार दिया है।

इस बीच, सरबजीत सिंह के परिवार ने इस मामले में यू-टर्न लिए जाने पर कहा है कि पाकिस्तान ने उनके साथ भद्दा मजाक किया है।
पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के प्रवक्ता फरहतुल्ला बाबर ने मंगलवार की देर रात कहा था कि यह भ्रम की स्थिति है और सरबजीत की जगह सुरजीत सिंह को रिहा किया जाएगा। बाबर ने जरदारी को पूरे मामले से अलग करने की कोशिश की थी। लेकिन पाकिस्तान में सोशल मीडिया में इस बात को लेकर चर्चा गर्म रही कि पाकिस्तान सरकार ने किस दबाव में आकर सरबजीत पर यू-टर्न लिया। इस बाबत आ रही खबरों के मुताबिक पाकिस्तान सरकार ने आईएसआई और कट्टरपंथी तत्वों के दबाव में यह फैसला लिया।

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