रेवाड़ी.मेरे मां-बाप और भाई मिलकर मुझसे पैसों के लिए गलत काम कराते थे। परिवार के लोगों ने मुझे इतना परेशान कर दिया था कि मुझे मजबूर होकर घर छोड़कर भागना पड़ा। अब चाहे सड़क पर ही क्यों नहीं रहना पड़े लेकिन मैं घर कभी भी नहीं जाऊंगी।
महम से लापता हुई किक बाक्सिंग की राष्ट्रीय खिलाड़ी रामभतेरी आखिरकार रेवाड़ी के आस्था कुंज में मिली है। अपनी आपबीती बयान करते हुए रामभतेरी ने वो सभी राज उजागर किए हैं जो अभी तक अनसुलझी पहेली बने हुए थे।
रामभतेरी ने अपने घर से भागने के पीछे की जो दास्तां बताई है उसने सामाजिक रिश्तों के ताने बाने को उधेड़कर रख दिया है। रामभतेरी का कहना है कि परिवार के लोग 13 साल की उम्र से उसका यौन शोषण करवा रहे हैं। रुपयों के लिए रोजाना रात को उसके साथ गलत काम कराया जाता है और जब कभी भी उसने विरोध किया तो आंखों पर पट्टी बांधकर उसकी पिटाई की गई। रामभतेरी ने बताया कि परिवार के लोग उसे गर्भनिरोधक गोलियां भी देते थे जिससे उसकी सेहत लगातार बिगड़ रही थी।
इतना ही नहीं परिवार के लोग मोबाइल पर भी उसकी बातें कराया करते थे। राजीव लोचन से अपने संबंधों के बारे में खुलासा करते हुए रामभतेरी ने कहा है कि राजीव ने हमेशा से ही उसे बेटी की तरह रखा है। वह उसके मामा है और अकसर उसे अच्छे कामों के लिए प्रेरित करते रहते थे। उसके परिजनों द्वारा राजीव पर लगाए गए आरोपों को रामभतेरी ने सिरे से खारीज किया है। आंखों से झर-झर बहते आंसूओं को अपनी कलाई से पोंछते हुए नाबालिग रामभतेरी बार-बार यही दोहरा रही थी कि मैं सड़कों पर घूम लूंगी पर उस घर में दोबारा नहीं जाउंगी।
मरने के लिए निकली थी
महम की रहने वाली रामभतेरी 27 मई को अपने घर से अचानक से ही गायब हो गई थी। परिजनों ने महम थाना पुलिस को शिकायत देकर पड़ौस में ही रहने वाले एक व्यक्ति राजीव लोचन पर उनकी बेटी को गायब करने का आरोप लगाया था। अब यहां आस्था कुंज में मिली रामभतेरी ने घर से भागने और आस्था कुंज तक पहुंचने तक की पूरी कहानी को उजागर किया है।
रामभतेरी ने बताया कि उसके पिता ओमप्रकाश, मां रूकमणी व परिवार के अन्य सदस्य उससे गलत काम कराते थे। अकसर जब भी वह इस बात का विरोध करती थी तो वे लोग उसके साथ मारपीट करते तथा आंखों पर पट्टी बांध देते थे। 27 मई को भी उसका अपने परिवार के लोगों से इसी बात को लेकर झगड़ा हो गया था।
गुस्से में आए परिवार के लोगों ने उसका मोबाइल तोड़कर पानी में डाल दिया था जिसके बाद वह घर से मरने के लिए निकल पड़ी थी। रास्ते में अचानक से ही उसे अपनी मुंहबोली मौसी जो की रेवाड़ी में ही रहती है के बारे में ख्याल आया ।
मौसी को बताई आपबीती
मौसी का पूरा पता था जिसके आधार पर 27 तारीख को घर से भागने के बाद वह सीधी अपनी मौसी के घर पर आ गई थी। उसने अपनी मौसी को आपबीती बताई जिसके बाद तीन दिनों तक उसकी मौसी ने उसे अपने घर पर ही रखा। इसके बाद मौसी ने उसको डीसी के समक्ष पेश किया जिनसे अनुमति मिलने के बाद 31 मई को वह आस्था कुंज में आ गई।
परिजनों ने आरोपों को निराधार बताया
रामभतेरी के पिता ओमप्रकाश का कहना है कि रामभतेरी ऐसा किसी के बहकावे में आकर कर रही है। उनका कहना है कि रामभतेरी के फोन डिटेल की पूरी जांच होनी चाहिए। उस चिप की भी पूरी जांच हो। जो पुलिस को सौंपी गई है। वे गलत हैं तो सजा भुगतने को तैयार हैं। उधर, रामभतेरी के मिलने पर आरोपों से घिरे महम के वसीका नवीस राजीव ने कहा कि परिजन उस पर बेवजह आरोप लगा रहे हैं।
महम से लापता हुई किक बाक्सिंग की राष्ट्रीय खिलाड़ी रामभतेरी आखिरकार रेवाड़ी के आस्था कुंज में मिली है। अपनी आपबीती बयान करते हुए रामभतेरी ने वो सभी राज उजागर किए हैं जो अभी तक अनसुलझी पहेली बने हुए थे।
रामभतेरी ने अपने घर से भागने के पीछे की जो दास्तां बताई है उसने सामाजिक रिश्तों के ताने बाने को उधेड़कर रख दिया है। रामभतेरी का कहना है कि परिवार के लोग 13 साल की उम्र से उसका यौन शोषण करवा रहे हैं। रुपयों के लिए रोजाना रात को उसके साथ गलत काम कराया जाता है और जब कभी भी उसने विरोध किया तो आंखों पर पट्टी बांधकर उसकी पिटाई की गई। रामभतेरी ने बताया कि परिवार के लोग उसे गर्भनिरोधक गोलियां भी देते थे जिससे उसकी सेहत लगातार बिगड़ रही थी।
इतना ही नहीं परिवार के लोग मोबाइल पर भी उसकी बातें कराया करते थे। राजीव लोचन से अपने संबंधों के बारे में खुलासा करते हुए रामभतेरी ने कहा है कि राजीव ने हमेशा से ही उसे बेटी की तरह रखा है। वह उसके मामा है और अकसर उसे अच्छे कामों के लिए प्रेरित करते रहते थे। उसके परिजनों द्वारा राजीव पर लगाए गए आरोपों को रामभतेरी ने सिरे से खारीज किया है। आंखों से झर-झर बहते आंसूओं को अपनी कलाई से पोंछते हुए नाबालिग रामभतेरी बार-बार यही दोहरा रही थी कि मैं सड़कों पर घूम लूंगी पर उस घर में दोबारा नहीं जाउंगी।
मरने के लिए निकली थी
महम की रहने वाली रामभतेरी 27 मई को अपने घर से अचानक से ही गायब हो गई थी। परिजनों ने महम थाना पुलिस को शिकायत देकर पड़ौस में ही रहने वाले एक व्यक्ति राजीव लोचन पर उनकी बेटी को गायब करने का आरोप लगाया था। अब यहां आस्था कुंज में मिली रामभतेरी ने घर से भागने और आस्था कुंज तक पहुंचने तक की पूरी कहानी को उजागर किया है।
रामभतेरी ने बताया कि उसके पिता ओमप्रकाश, मां रूकमणी व परिवार के अन्य सदस्य उससे गलत काम कराते थे। अकसर जब भी वह इस बात का विरोध करती थी तो वे लोग उसके साथ मारपीट करते तथा आंखों पर पट्टी बांध देते थे। 27 मई को भी उसका अपने परिवार के लोगों से इसी बात को लेकर झगड़ा हो गया था।
गुस्से में आए परिवार के लोगों ने उसका मोबाइल तोड़कर पानी में डाल दिया था जिसके बाद वह घर से मरने के लिए निकल पड़ी थी। रास्ते में अचानक से ही उसे अपनी मुंहबोली मौसी जो की रेवाड़ी में ही रहती है के बारे में ख्याल आया ।
मौसी को बताई आपबीती
मौसी का पूरा पता था जिसके आधार पर 27 तारीख को घर से भागने के बाद वह सीधी अपनी मौसी के घर पर आ गई थी। उसने अपनी मौसी को आपबीती बताई जिसके बाद तीन दिनों तक उसकी मौसी ने उसे अपने घर पर ही रखा। इसके बाद मौसी ने उसको डीसी के समक्ष पेश किया जिनसे अनुमति मिलने के बाद 31 मई को वह आस्था कुंज में आ गई।
परिजनों ने आरोपों को निराधार बताया
रामभतेरी के पिता ओमप्रकाश का कहना है कि रामभतेरी ऐसा किसी के बहकावे में आकर कर रही है। उनका कहना है कि रामभतेरी के फोन डिटेल की पूरी जांच होनी चाहिए। उस चिप की भी पूरी जांच हो। जो पुलिस को सौंपी गई है। वे गलत हैं तो सजा भुगतने को तैयार हैं। उधर, रामभतेरी के मिलने पर आरोपों से घिरे महम के वसीका नवीस राजीव ने कहा कि परिजन उस पर बेवजह आरोप लगा रहे हैं।
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