नई दिल्ली. गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के एक बयान को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। बयान में मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस नेता इंदिरा गांधी पर निशाना साधा है। इसके बाद कांग्रेस ने उन्हें सांप्रदायिक और दुर्भावना फैलाने वाला नेता करार दिया है।
सोमवार को मुंबई में नरेंद्र मोदी ने कहा था, 'मित्रों, श्रीमती इंदिरा गांधी ने एक बहुत बडा पाप किया था...मैं एक की बात करुंगा...वैसे तो बहुत हुए हैं...वहां पर जब वो चुनाव लड़ रही थीं...और उस चुनाव में उन्होंने....बातें सेक्यूलरिज्म की करनेवाले लोग...अधिकृत रुप से उन्होंने अपने मैनीफेस्टो में...कांग्रेस ने कहा था कि हम यहां पर चुनाव जीतेंगे तो हम बाइबिल के मुताबिक शासन का दौर चलाएंगे।'
मोदी ने इंदिरा गांधी पर धर्म और संप्रदाय के नाम पर राजनीति करने का यह आरोप मुंबई में एक सम्मान समारोह में लगाया। समारोह अरुणाचल प्रदेश के समाजसेवी नाबाम अतुम के सम्मान के लिए आयोजित था। मोदी ने जब कहा, 'वैसे तो बहुत बातें हैं, लेकिन मैं एक की बात करूंगा', तो हॉल ठहाकों से गूंज उठा। मोदी ने केंद्र सरकार पर पूर्वोत्तर के राज्यों की सुरक्षा में लापरवाही बरतने और वहां के खराब हालात के लिए भी इंदिरा गांधी की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया।
मोदी ने कहा, 'इंदिरा ने पूर्वोत्तर से भारत की दूरियां बढ़ाने का काम किया। आजादी के आंदोलन में पूर्वोत्तर के बहुत से लोगों ने बलिदान दिया, लेकिन उनको जान बूझकर उपेक्षित रखा गया।' उन्होंने गांधी परिवार को निशाने पर लेते हुए कहा यदि इन (पूर्वोत्तर के) लोगों को याद किया जाता तो एक परिवार का क्या होता? एक परिवार के लिए पूरे इतिहास को रौंदा जा रहा है। मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह असम का प्रतिनिधित्व करने के बावजूद पूर्वोत्तर के साथ न्याय नहीं कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि अरुणाचल के सीमावर्ती क्षेत्रों में भारत का मोबाइल चीन की कनेक्टिविटी से चलता है। कच्छ के पाकिस्तान से लगे क्षेत्रों में लगे टीवी सेट पाकिस्तानी कार्यक्रम दिखाते हैं। इन इलाकों में हम अपने शक्तिशाली टावर भी नहीं खड़े कर पाए हैं। यदि सरदार पटेल कुछ और दिन रहते, तो पूर्वोत्तर के राज्यों को उपेक्षा के दौर से नहीं गुजरना पड़ता।
लेकिन कांग्रेस ने मोदी के आरोपों पर जमकर पलटवार किया है। कांग्रेस सांसद प्रभा ठाकुर ने मोदी पर धर्म के नाम पर राजनीति करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, 'मोदी धर्म और जाति के नाम पर लोगों को गुमराह करते हैं। उन्हें यह जवाब देना होगा कि यह मेनिफेस्टो किस साल का था।' मोदी ने इंदिरा गांधी पर आरोप लगाते हुए यह साफ नहीं किया कि वह किस चुनाव की बात कर रहे हैं और किस साल के कांग्रेसी घोषणापत्र में ऐसी बातें कही गई थीं।
कांग्रेस प्रवक्ता राशिद अल्वी ने भी मोदी को सांप्रदायिक बताते हुए कहा, 'इंदिरा जी पर कोई किसी तरह का इल्जाम लगाए तो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। वो ऐसी पीएम थीं जिनकी पूरी दुनिया इज्जत करती थी।' उन्होंने कहा कि अगर बीजेपी नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाती है तो यह देश की उम्मीदों के मुताबिक नहीं होगा, क्योंकि देश किसी सांप्रदायिक व्यक्ति को प्रधानमंत्री की कुर्सी पर नहीं देखना चाहेगा।
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