आज फादर्स डे हें ..मुझे एक पिता होने के नाते मेरी दोनों बेटियों पर गर्व हें ...मुझे गर्व हें की मेरी दोनों बेतिया मुझे और मेरे परिवार को अछि तरह समझती हें ..उनकी समझदारी का मई कायल हूँ....मैंने इसी साल अपने पिताजी को खो दिया .उनकी कमी मुझे आज महसूस होने लगी ..मुझे अहसास हुआ की किस कदर मेरे पिताजी ने पुरे परिवार को एक सूत्र में पिरो के रखा था ...आज उनके इस दुनिया से अलविदा होने के बाद मेरे उन रिश्तेदारों ने सबसे ज्यादा तकलीफ डी जीने हमारे परिवार ने अपना समझा ..शायद रिश्तेदार मेरे पिताजी के स्वर्गवास के बाद हमें अकेला और कमज़ोर समझाने की भूल कर बेठे ..लालच इन्स्शन को अंधा बना देता हें ..इन रिश्तेदारों की आँखों पर लालच का पर्दा हें जिस दिन यह हटेगा ,,तब वक़्त निकल जाएगा ..शायद इन्हें यह याद नहीं की इनके घरो में भी बेटे हें ..वक़्त किसी का गुलाम नहीं कब किसके दिन फिर जाए कह नहीं सकते ...खैर ,..पिताजी के जाने के बाद शायद में टूट जाता मुझे मेरी माताजी का सहारा बन कर हिम्मत के साथ खडा रहना हें यही प्रेरणा मेरे पिताजी ने दी ..बड़े भाई से जो उम्मेदे थी वो शायद जरूर टूट गयी ..मगर मेरे पिताजी का आशीर्वाद मेरे साथ हें ..इसीलिए मुझे किसी की चिंता और परवाह नहीं .....फादर्स डे पर मेरे पिताजी को अश्रुपूर्ण श्रदांजलि....
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