हादसे से बिखरे परिवार तरसे मुआवजे के लिए
बाड़मेर ! एक सप्ताह पहले सांचौर के पास सिवाड़ा में बसट्रक दुर्घटना में उन्नीस जने जिंदा जल गए। घटना के तुरंत बाद व अगले दिन मंत्री, सांसद, विधायक व प्रशासनिक अघिकारी सब पहुंचे और शब्दों के जरिए संवेदना प्रकट कर लौट आए। फिर प्रशासन ने मृतको के परिजनों को सरकारी मदद भिजवाई, जो ऊंट के मुंह में जीरे की परिभाषा को भी लज्जित करने वाली रही। मुख्यमंत्री सहायता कोष से महज बीस हजार रूपए की सहायता दी गई, जिसे कुछ परिवारों ने तो लेने से ही मना कर दिया।
हादसे का शिकार हुए उन्नीस जनों में से बारह जने बाड़मेर जिले के व शेष जालौर व जोधपुर के रहने वाले थे। शहर के निकट स्थित लंगेरा गांव के रहने वाले शक्तिसिंह व उनका पुत्र भावेश दुनिया छोड़ गए। इस परिवार में अब एक मां व तीन नाबालिग बच्चे है, जिनके लिए जिन्दगी पहाड़ बन गई है। बीस बीस हजार रूपए के सरकारी सहायता के दो चैक इनकी जिन्दगी को कितना संवार पाएंगे, यह सरकार जानती है या फिर भगवान जानता है।
सा ही हाल कोजा निवासी किशनाराम के परिवार है। इसी महीने की आखिरी तारीख को किशनाराम के पुत्र व पुत्री की शादी थी, अब ये शादियां कैसे होगी, शायद सरकार को इससे कोई सरोकार नहीं है तभी तो महज बीस हजार रूपए की नाम मात्र की सहायता राशि इस परिवार को भिजवा दी गई। हादसे का शिकार हुए सभी परिवारों का एक जैसा हाल है और उनके खामोश जज्बातों की हमजुबां न तो सरकार बनी है, न ही जनप्रतिनिघियों ने उनके जज्बातों की पैरवी की है।
अघिकतर गरीब परिवार
हादसे का शिकार हुए अघिकतर परिवार गरीब है। जिन पर ये परिवार आश्रित थे, वे चल बसे। लिहाजा इन्हें सरकारी मदद की सबसे ज्यादा जरूरत थी और सरकार की ओर से बीस हजार रूपए की सहायता भिजवाकर कत्तव्य की इतिश्री कर दी गई। से हादसों में आम तौर पर कम से कम पचास हजार रूपए की सहायता राशि दी जाती रही है और इन परिवारों को यदि दोदो लाख रूपए सरकारी सहायता दी जाती तो भी कम ही रहती, लेकिन सरकार ने इसकी जरूरत नहीं समझी।
बीस हजार रूपए दिए
जिला कलक्टर बाड़मेर डॉ. वीणा प्रधान ने बताया कि बीस हजार रूपए की सहायता राशि का चैक तथा मुख्यमंत्री व उनका संवेदना संदेश लेकर स्वयं तहसीलदार पीडित परिवारो के घरों तक गए और सहायता राशि दी। पूछने पर उन्होंने बताया कि इसके अलावा कोई भी सरकारी व प्रशासनिक सहायता की सिफारिश नहीं है।
सीएम को अवगत कराया
हादसे के शिकार लोगों के परिजनों को अघिक सहायता राशि मुहैया करवाने की मांग मुख्यमंत्री से की गई है। पीडित परिवारों को ज्यादा से ज्यादा सहायता मिलनी चाहिए।
मेवाराम जैन, विधायक
बाड़मेर ! एक सप्ताह पहले सांचौर के पास सिवाड़ा में बसट्रक दुर्घटना में उन्नीस जने जिंदा जल गए। घटना के तुरंत बाद व अगले दिन मंत्री, सांसद, विधायक व प्रशासनिक अघिकारी सब पहुंचे और शब्दों के जरिए संवेदना प्रकट कर लौट आए। फिर प्रशासन ने मृतको के परिजनों को सरकारी मदद भिजवाई, जो ऊंट के मुंह में जीरे की परिभाषा को भी लज्जित करने वाली रही। मुख्यमंत्री सहायता कोष से महज बीस हजार रूपए की सहायता दी गई, जिसे कुछ परिवारों ने तो लेने से ही मना कर दिया।
हादसे का शिकार हुए उन्नीस जनों में से बारह जने बाड़मेर जिले के व शेष जालौर व जोधपुर के रहने वाले थे। शहर के निकट स्थित लंगेरा गांव के रहने वाले शक्तिसिंह व उनका पुत्र भावेश दुनिया छोड़ गए। इस परिवार में अब एक मां व तीन नाबालिग बच्चे है, जिनके लिए जिन्दगी पहाड़ बन गई है। बीस बीस हजार रूपए के सरकारी सहायता के दो चैक इनकी जिन्दगी को कितना संवार पाएंगे, यह सरकार जानती है या फिर भगवान जानता है।
सा ही हाल कोजा निवासी किशनाराम के परिवार है। इसी महीने की आखिरी तारीख को किशनाराम के पुत्र व पुत्री की शादी थी, अब ये शादियां कैसे होगी, शायद सरकार को इससे कोई सरोकार नहीं है तभी तो महज बीस हजार रूपए की नाम मात्र की सहायता राशि इस परिवार को भिजवा दी गई। हादसे का शिकार हुए सभी परिवारों का एक जैसा हाल है और उनके खामोश जज्बातों की हमजुबां न तो सरकार बनी है, न ही जनप्रतिनिघियों ने उनके जज्बातों की पैरवी की है।
अघिकतर गरीब परिवार
हादसे का शिकार हुए अघिकतर परिवार गरीब है। जिन पर ये परिवार आश्रित थे, वे चल बसे। लिहाजा इन्हें सरकारी मदद की सबसे ज्यादा जरूरत थी और सरकार की ओर से बीस हजार रूपए की सहायता भिजवाकर कत्तव्य की इतिश्री कर दी गई। से हादसों में आम तौर पर कम से कम पचास हजार रूपए की सहायता राशि दी जाती रही है और इन परिवारों को यदि दोदो लाख रूपए सरकारी सहायता दी जाती तो भी कम ही रहती, लेकिन सरकार ने इसकी जरूरत नहीं समझी।
बीस हजार रूपए दिए
जिला कलक्टर बाड़मेर डॉ. वीणा प्रधान ने बताया कि बीस हजार रूपए की सहायता राशि का चैक तथा मुख्यमंत्री व उनका संवेदना संदेश लेकर स्वयं तहसीलदार पीडित परिवारो के घरों तक गए और सहायता राशि दी। पूछने पर उन्होंने बताया कि इसके अलावा कोई भी सरकारी व प्रशासनिक सहायता की सिफारिश नहीं है।
सीएम को अवगत कराया
हादसे के शिकार लोगों के परिजनों को अघिक सहायता राशि मुहैया करवाने की मांग मुख्यमंत्री से की गई है। पीडित परिवारों को ज्यादा से ज्यादा सहायता मिलनी चाहिए।
मेवाराम जैन, विधायक
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