26/11 हमले में अहम रोल निभाने के आरोपी आतंकवादी अबू हमजा उर्फ रियासत अली को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गिरफ्तार कर लिया है। सेल ने उसे आईजीआई एयरपोर्ट से गिरफ्तार दिखाया है। अबू के इंडियन मुजाहिदीन और लश्कर-ए-तैबा से संबंध बताए जाते हैं।
सूत्रों का कहना है कि कई एजेंसियां अबू की सरगर्मी से तलाश कर रही थीं। स्पेशल सेल ने 2 जून 2012 को उसके नाम गैर-जमानती वॉरंट जारी कराए थे। पुलिस को सूचना मिली थी कि अबू आईजीआई एयरपोर्ट पर आने वाला है। इस सूचना के आधार पर पुलिस टीम ने एयरपोर्ट के आसपास अपना जाल बिछाकर एक संदिग्ध शख्स को गिरफ्तार किया। पूछताछ में पकड़े गए शख्स की पहचान अबू हमजा उर्फ रियासत अली के रूप में हुई। सूत्रों का कहना है कि उसके कब्जे से पाकिस्तानी पासपोर्ट के अलावा अन्य दस्तावेज बरामद हुए हैं।
गिरफ्तारी के बाद स्पेशल सेल ने अबू हमजा को तीस हजारी कोर्ट में चीफ मेट्रोपॉलिटन मैजिस्ट्रेट विनोद यादव की अदालत में पेश किया। जांच अधिकारी ने अदालत को बताया कि आरोपी को बिहार, हैदराबाद, कर्नाटक और मुंबई सहित अन्य स्थानों पर लेकर जाना है, इसके लिए रिमांड की जरूरत है। जज ने पकड़े गए आतंकवादी को 5 जुलाई तक रिमांड के तहत स्पेशल सेल के हवाले कर दिया।
26 नाम हैं इस आतंकवादी के
पकड़ा गया आतंकवादी अपने नाम बदलता रहता है। आरोपी के अबू हमजा, रियासत अली और जेबुद्दीन सहित 26 नाम हैं। सूत्रों ने बताया कि वह मूल रूप से महाराष्ट्र का ही रहने वाला है, इसलिए उसे महाराष्ट्र की अच्छी-खासी जानकारी थी। वह पाकिस्तान में अपने आकाओं के साथ टीवी पर पूरे ऑपरेशन को देखकर बीच-बीच में कसाब और उसके साथियों को हिंदी में निर्देश दे रहा था। बताया गया है कि इसी ने कसाब सहित अन्य आतंकवादियों को हिंदी सिखाई थी।
26/11 में रोल
अबू हमजा की 26/11 को मुंबई में हुए आतंकवादी हमले में अहम भूमिका बताई गई है। वह उन 6 हैंडलरों में एक बताया गया है, जो पाकिस्तान के कराची में बैठकर मुंबई हमले को अंजाम देने वाले कसाब सहित 10 आतंकवादियों को सैटलाइट फोन से निर्देश दे रहे थे। हैंडलरों में हमजा के अलावा 4 पाकिस्तानियों के साथ आईएसआई का एक अधिकारी भी था।
इन मामलों में भी आया था नाम
13 फरवरी 2010
पुणे की जर्मन बेकरी में ब्लास्ट। 11 मौतें , 59 घायल।
19 सितंबर 2010
राजधानी में जामा मस्जिद के पास बम प्लांट किया गया था। बम फट न सका।
9 मई 2006
औरंगाबाद ( महाराष्ट्र )
10 एके -47 राइफलें बरामद हुई थीं।
सूत्रों का कहना है कि कई एजेंसियां अबू की सरगर्मी से तलाश कर रही थीं। स्पेशल सेल ने 2 जून 2012 को उसके नाम गैर-जमानती वॉरंट जारी कराए थे। पुलिस को सूचना मिली थी कि अबू आईजीआई एयरपोर्ट पर आने वाला है। इस सूचना के आधार पर पुलिस टीम ने एयरपोर्ट के आसपास अपना जाल बिछाकर एक संदिग्ध शख्स को गिरफ्तार किया। पूछताछ में पकड़े गए शख्स की पहचान अबू हमजा उर्फ रियासत अली के रूप में हुई। सूत्रों का कहना है कि उसके कब्जे से पाकिस्तानी पासपोर्ट के अलावा अन्य दस्तावेज बरामद हुए हैं।
गिरफ्तारी के बाद स्पेशल सेल ने अबू हमजा को तीस हजारी कोर्ट में चीफ मेट्रोपॉलिटन मैजिस्ट्रेट विनोद यादव की अदालत में पेश किया। जांच अधिकारी ने अदालत को बताया कि आरोपी को बिहार, हैदराबाद, कर्नाटक और मुंबई सहित अन्य स्थानों पर लेकर जाना है, इसके लिए रिमांड की जरूरत है। जज ने पकड़े गए आतंकवादी को 5 जुलाई तक रिमांड के तहत स्पेशल सेल के हवाले कर दिया।
26 नाम हैं इस आतंकवादी के
पकड़ा गया आतंकवादी अपने नाम बदलता रहता है। आरोपी के अबू हमजा, रियासत अली और जेबुद्दीन सहित 26 नाम हैं। सूत्रों ने बताया कि वह मूल रूप से महाराष्ट्र का ही रहने वाला है, इसलिए उसे महाराष्ट्र की अच्छी-खासी जानकारी थी। वह पाकिस्तान में अपने आकाओं के साथ टीवी पर पूरे ऑपरेशन को देखकर बीच-बीच में कसाब और उसके साथियों को हिंदी में निर्देश दे रहा था। बताया गया है कि इसी ने कसाब सहित अन्य आतंकवादियों को हिंदी सिखाई थी।
26/11 में रोल
अबू हमजा की 26/11 को मुंबई में हुए आतंकवादी हमले में अहम भूमिका बताई गई है। वह उन 6 हैंडलरों में एक बताया गया है, जो पाकिस्तान के कराची में बैठकर मुंबई हमले को अंजाम देने वाले कसाब सहित 10 आतंकवादियों को सैटलाइट फोन से निर्देश दे रहे थे। हैंडलरों में हमजा के अलावा 4 पाकिस्तानियों के साथ आईएसआई का एक अधिकारी भी था।
इन मामलों में भी आया था नाम
13 फरवरी 2010
पुणे की जर्मन बेकरी में ब्लास्ट। 11 मौतें , 59 घायल।
19 सितंबर 2010
राजधानी में जामा मस्जिद के पास बम प्लांट किया गया था। बम फट न सका।
9 मई 2006
औरंगाबाद ( महाराष्ट्र )
10 एके -47 राइफलें बरामद हुई थीं।
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