इस्लामाबाद, कुदरत का करिश्मा देखिये जहां कोई बच्चा अपनी अपंगता से परेशान है तो किसी के हिस्से में आए हैं छ पांव…जी हां पाकिस्तान के सिंध प्रांत में छह पैरों वाले एक शिशु ने जन्म लिया है। चिकित्सकों का कहना है कि शिशु के अतिरिक्त पैरों को हटाने का काम गम्भीर है और इस चिकित्सा में काफी समय लग सकता है। अतिरिक्त पैरों वाले इस बच्चे का जन्म सुक्कुर में हुआ। उसे फिलहाल कराची के नेशनल इंस्टीट्यूज ऑफ चाइल्ड हेल्थ में दाखिल कराया गया।
एनआईसीएच निदेशक जमाल रजा ने कहा कि शिशु से एक परजीवी जुड़वां जुड़ा हुआ है। परजीवी जुड़वां की स्थिति में एक बच्चा पूरी तरह विकसित होता है जबकि दूसरे का विकास नहीं हो पाता। इस दूसरे बच्चे को परजीवी जुड़वां कहते हैं। शिशु स्वस्थ है और उसे एनआईसीएच के गहन चिकित्सा कक्ष में भर्ती किया गया है लेकिन उससे जुड़े परजीवी पैरों को हटाना एक गम्भीर काम है। इस चिकित्सकीय कार्य में लम्बा समय लग सकता है, इसमें शरीर के अंदर और बाहर कॉस्मेटिक सर्जरी करनी होगी। पांच शल्य चिकित्सकों का एक दल इस मामले को देख रहा है।
शिशु के 31 वर्षीय पिता इमरान अली शेख एक एक्स-रे तकनीशियन हैं। उन्होंने पांच साल पहले 27 वर्षीया अफसाना से विवाह किया था। यह उनका पहला बच्चा है। इमरान ने कहा कि मैं चाहता हूं कि चिकित्सक मेरे बच्चे का जीवन बचा लें। उसने कहा कि “मैं गरीब आदमी हूं और पहले ही अपनी पत्नी की बीमारी पर अपनी बचत का सारा पैसा खर्च कर चुका हूं। मेरी पत्नी ने सुक्कुर सिविल अस्पताल में 12 अप्रैल को सीजेरियन ऑपरेशन से बेटे को जन्म दिया।”
एनआईसीएच निदेशक जमाल रजा ने कहा कि शिशु से एक परजीवी जुड़वां जुड़ा हुआ है। परजीवी जुड़वां की स्थिति में एक बच्चा पूरी तरह विकसित होता है जबकि दूसरे का विकास नहीं हो पाता। इस दूसरे बच्चे को परजीवी जुड़वां कहते हैं। शिशु स्वस्थ है और उसे एनआईसीएच के गहन चिकित्सा कक्ष में भर्ती किया गया है लेकिन उससे जुड़े परजीवी पैरों को हटाना एक गम्भीर काम है। इस चिकित्सकीय कार्य में लम्बा समय लग सकता है, इसमें शरीर के अंदर और बाहर कॉस्मेटिक सर्जरी करनी होगी। पांच शल्य चिकित्सकों का एक दल इस मामले को देख रहा है।
शिशु के 31 वर्षीय पिता इमरान अली शेख एक एक्स-रे तकनीशियन हैं। उन्होंने पांच साल पहले 27 वर्षीया अफसाना से विवाह किया था। यह उनका पहला बच्चा है। इमरान ने कहा कि मैं चाहता हूं कि चिकित्सक मेरे बच्चे का जीवन बचा लें। उसने कहा कि “मैं गरीब आदमी हूं और पहले ही अपनी पत्नी की बीमारी पर अपनी बचत का सारा पैसा खर्च कर चुका हूं। मेरी पत्नी ने सुक्कुर सिविल अस्पताल में 12 अप्रैल को सीजेरियन ऑपरेशन से बेटे को जन्म दिया।”
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