नागौर आज के समाचार
ट्रेन से गिरकर मां-बेटी की मौत
मारवाड़ मूंडवा. कस्बे के समीप शनिवार दोपहर रेलगाड़ी से गिरने के कारण महिला व उसकी दो वर्षीय मासूम बच्ची की मौत हो गई।
जानकारी के अनुसार शनिवार दोपहर करीब दो बजे बांद्रा बीकानेर एक्सप्रेस से एक महिला पोल संख्या 591 खेण के पास गिर गई। उसके पास एक दो वर्षीय बच्ची थी। महिला की पहचान संजू पत्नी भीखाराम निवासी बू नरावतां के रूप में की गई। दो वर्षीय बच्ची सरस्वती उसकी बेटी थी। गिरने के कारण बच्ची की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। वहीं संजू उस समय तक होश में थी। ग्रामीण उसे अस्पताल लेकर भागे लेकिन रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया।
सूचना मिलने पर थानाधिकारी मय जाब्ते के घटनास्थल पर पंहुचे। इस दौरान जानकारी मिलने पर नागौर उपखंड अधिकारी पुष्पा पंवार भी अस्पताल पहुंच गई। उपखंड अधिकारी ने पुलिस और अस्पताल प्रशासन से घटना की पूरी जानकारी लेते हुए महिला के पीहर वालों को भी बुलवा लिया। संजू का पीहर आसोपा में है। दोनों पक्षों ने संजू की मानसिक हालत ठीक नहीं होने की बात कही। एसडीएम ने पीहर पक्ष वालों से पूर्ण संतुष्ट होने के उपरांत ही पोस्टमार्टम की अनुमति दी।
छात्र ने की आत्महत्या
नागौर शहर के इंदिरा कॉलोनी क्षेत्र में शनिवार शाम को 12वीं कक्षा के एक छात्र ने अपने मकान में फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। आत्महत्या के कारणों का फिलहाल खुलासा नहीं हुआ है। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि 16 मई को घोषित हुए 12वीं बोर्ड के विज्ञान विषय के परीक्षा परिणाम में अपेक्षानुसार सफलता नहीं मिलने पर छात्र ने फांसी लगाई है। पुलिस के अनुसार इंदिरा कॉलोनी क्षेत्र स्थित एक मकान में रह रहे अजयपाल (18) पुत्र महेंद्र सिंह बिश्नोई निवासी कोसाणा जिला जोधपुर ने शनिवार शाम को कमरे में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना की जानकारी मिलने पर एएसआई सुमेर सिंह मय जाब्ते के मौके पर पहुंचे और शव को अपने कब्जे में ले लिया। इस दौरान मौके पर बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ जमा हो गई। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।
राजस्थानी बोलो अर मरुधर रो गौरव बढ़ावो'
नागौर घर आय और मां जाय रो कोड करे मरुधर वासी...शरणागत री तार करण ने चढऩो पड़े भलां फांसी... वचन दियोड़ा वचन निभाया देयर अपणौ शीश रे... जग में न्यारी अर निराली इण मरुधर री रीत रे... जलम लेवण ने सुरगां तरसे अठै खुद जगद ईश रे...। माटी री महक अर मन में मातृभाषा को समाहित किए ये शब्द उस समय गूंज उठे जब जिला परिषद सभागार में शनिवार को पवन पहाडिय़ा की पुस्तक 'बधाउड़ौ' का विमोचन हो रहा था।
सतपाल सांदू ने कवि कानदान की रचना से कार्यक्रम की शुरुआत की तो पांडाल में आजादी के तराने गूंज उठे। पवन पहाडिय़ा ने कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वे एक किताब लिखेंगे। उन्होंने साहित्य प्रेमियों की प्रेरणा को सीख बताया। उदयपुर के कवि राजेंद्र बारहठ ने कहा कि राजस्थानी को मान्यता नहीं मिलने से हम सब पिछड़ रहे हैं। हमें अपना हक मायड़ भाषा ही दिला सकती है। आने वाली पीढ़ी को इसके लिए सशक्त रूप से तैयार करें। कवि विनोद स्वामी ने लोकसभा में गए नेताओं की आत्मा को जगाने और राजस्थानी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए दबाव डालने की बात कही। मेहराम धोलिया ने कहा कि नेता लोकसभा में अन्य नेताओं की तरह अपनी मायड़ भाषा में बात न करके अन्य भाषा में बात करते हैं कई बार वे अंग्रेजी का प्रयोग करते हैं जो उचित नहीं है। विशिष्ट अतिथि बीसी पंवार ने बताया कि मायड़ भाषा के लिए एकजुटता बरकरार रखें तो हमें सफलता जरूर मिलेगी। साथ ही बच्चों में इसके प्रति जागृति लाएं। किसान प्रतिनिधित्व रामस्वरूप ने भाषा के वक्ताओं को भाषा का योद्धा बताया। 'खास पावणा' पृथ्वी राज रतनू ने भाषा बिना आजादी को निरर्थक बताया। आईदान सिंह भाटी ने बताया कि हमारे घर में दूसरी संस्कृतियों की गंदगी ना फैले इसके लिए मातृभाषा सशक्त हथियार है। इसे संजोकर आने वाली पीढिय़ों के लिए साझा वातावरण तैयार करना जरूरी है। इस दौरान नगर परिषद के सभापति बिरदीचंद सांखला, पेंशनर समाज के शिवदत्त शर्मा, छोटूराम कासनिया, सरपंच संघ के जयंती सिंह रतनू, चंपा खेड़ी के देवी किशन राजपुरोहित, अर्जुन राम मेहरिया ने अपने विचार रखे। संचालन गजादान चारण ने किया।
ट्रेन से गिरकर मां-बेटी की मौत
मारवाड़ मूंडवा. कस्बे के समीप शनिवार दोपहर रेलगाड़ी से गिरने के कारण महिला व उसकी दो वर्षीय मासूम बच्ची की मौत हो गई।
जानकारी के अनुसार शनिवार दोपहर करीब दो बजे बांद्रा बीकानेर एक्सप्रेस से एक महिला पोल संख्या 591 खेण के पास गिर गई। उसके पास एक दो वर्षीय बच्ची थी। महिला की पहचान संजू पत्नी भीखाराम निवासी बू नरावतां के रूप में की गई। दो वर्षीय बच्ची सरस्वती उसकी बेटी थी। गिरने के कारण बच्ची की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। वहीं संजू उस समय तक होश में थी। ग्रामीण उसे अस्पताल लेकर भागे लेकिन रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया।
सूचना मिलने पर थानाधिकारी मय जाब्ते के घटनास्थल पर पंहुचे। इस दौरान जानकारी मिलने पर नागौर उपखंड अधिकारी पुष्पा पंवार भी अस्पताल पहुंच गई। उपखंड अधिकारी ने पुलिस और अस्पताल प्रशासन से घटना की पूरी जानकारी लेते हुए महिला के पीहर वालों को भी बुलवा लिया। संजू का पीहर आसोपा में है। दोनों पक्षों ने संजू की मानसिक हालत ठीक नहीं होने की बात कही। एसडीएम ने पीहर पक्ष वालों से पूर्ण संतुष्ट होने के उपरांत ही पोस्टमार्टम की अनुमति दी।
छात्र ने की आत्महत्या
नागौर शहर के इंदिरा कॉलोनी क्षेत्र में शनिवार शाम को 12वीं कक्षा के एक छात्र ने अपने मकान में फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। आत्महत्या के कारणों का फिलहाल खुलासा नहीं हुआ है। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि 16 मई को घोषित हुए 12वीं बोर्ड के विज्ञान विषय के परीक्षा परिणाम में अपेक्षानुसार सफलता नहीं मिलने पर छात्र ने फांसी लगाई है। पुलिस के अनुसार इंदिरा कॉलोनी क्षेत्र स्थित एक मकान में रह रहे अजयपाल (18) पुत्र महेंद्र सिंह बिश्नोई निवासी कोसाणा जिला जोधपुर ने शनिवार शाम को कमरे में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना की जानकारी मिलने पर एएसआई सुमेर सिंह मय जाब्ते के मौके पर पहुंचे और शव को अपने कब्जे में ले लिया। इस दौरान मौके पर बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ जमा हो गई। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।
राजस्थानी बोलो अर मरुधर रो गौरव बढ़ावो'
नागौर घर आय और मां जाय रो कोड करे मरुधर वासी...शरणागत री तार करण ने चढऩो पड़े भलां फांसी... वचन दियोड़ा वचन निभाया देयर अपणौ शीश रे... जग में न्यारी अर निराली इण मरुधर री रीत रे... जलम लेवण ने सुरगां तरसे अठै खुद जगद ईश रे...। माटी री महक अर मन में मातृभाषा को समाहित किए ये शब्द उस समय गूंज उठे जब जिला परिषद सभागार में शनिवार को पवन पहाडिय़ा की पुस्तक 'बधाउड़ौ' का विमोचन हो रहा था।
सतपाल सांदू ने कवि कानदान की रचना से कार्यक्रम की शुरुआत की तो पांडाल में आजादी के तराने गूंज उठे। पवन पहाडिय़ा ने कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वे एक किताब लिखेंगे। उन्होंने साहित्य प्रेमियों की प्रेरणा को सीख बताया। उदयपुर के कवि राजेंद्र बारहठ ने कहा कि राजस्थानी को मान्यता नहीं मिलने से हम सब पिछड़ रहे हैं। हमें अपना हक मायड़ भाषा ही दिला सकती है। आने वाली पीढ़ी को इसके लिए सशक्त रूप से तैयार करें। कवि विनोद स्वामी ने लोकसभा में गए नेताओं की आत्मा को जगाने और राजस्थानी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए दबाव डालने की बात कही। मेहराम धोलिया ने कहा कि नेता लोकसभा में अन्य नेताओं की तरह अपनी मायड़ भाषा में बात न करके अन्य भाषा में बात करते हैं कई बार वे अंग्रेजी का प्रयोग करते हैं जो उचित नहीं है। विशिष्ट अतिथि बीसी पंवार ने बताया कि मायड़ भाषा के लिए एकजुटता बरकरार रखें तो हमें सफलता जरूर मिलेगी। साथ ही बच्चों में इसके प्रति जागृति लाएं। किसान प्रतिनिधित्व रामस्वरूप ने भाषा के वक्ताओं को भाषा का योद्धा बताया। 'खास पावणा' पृथ्वी राज रतनू ने भाषा बिना आजादी को निरर्थक बताया। आईदान सिंह भाटी ने बताया कि हमारे घर में दूसरी संस्कृतियों की गंदगी ना फैले इसके लिए मातृभाषा सशक्त हथियार है। इसे संजोकर आने वाली पीढिय़ों के लिए साझा वातावरण तैयार करना जरूरी है। इस दौरान नगर परिषद के सभापति बिरदीचंद सांखला, पेंशनर समाज के शिवदत्त शर्मा, छोटूराम कासनिया, सरपंच संघ के जयंती सिंह रतनू, चंपा खेड़ी के देवी किशन राजपुरोहित, अर्जुन राम मेहरिया ने अपने विचार रखे। संचालन गजादान चारण ने किया।
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