इस्लामाबाद. पाकिस्तान के पेशावर शहर में स्थित गोरखनाथ मंदिर को एक बार फिर से तहस-नहस कर दिया गया है। आरोपियों की पहचान नहीं हो सकी है। मंदिर पर बीते दो महीने के भीतर यह तीसरा हमला है। मंदिर को पिछले साल कोर्ट के आदेश पर फिर से खोला गया था।
हमलावरों ने मंदिर परिसर के भीतर घुसकर कुछ तस्वीरों को आग लगा दी और वहां रखी मूर्तियां चुरा ले गए। हिंदू समुदाय के नेताओं का कहना है कि गोर गठरी इलाके में पुरातत्व विभाग के परिसर में रविवार को इस वारदात को अंजाम दिया गया।
मौके पर पहुंची पुलिस ने घटना की जांच शुरू कर दी है। स्थानीय हिंदू नेताओं ने पुलिस से ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा के बेहतर इंतजाम किए जाने की मांग की है। मंदिर के कस्टोडियन ने पुलिस को बताया कि जब वह शाम के साढे छह बजे मंदिर में पहुंचे तो वहां पहले से मौजूद आठ लोग दिखे। इन लोगों ने मंदिर में रखी तस्वीरें और पवित्र ग्रंथों को आग के हवाले किया। इसके बाद हमलावर वहां रखी कुछ मूर्तियां भी ले गए।
घटना के बाद अल्पसंख्यक हिन्दू समुदाय के लोग मंदिर पहुंच रहे हैं। टीवी पर दिखाए जा रहे फुटेज में जले हुए कागज और मंदिर के फर्श पर पड़े हुए बर्तन नजर आ रहे हैं। भारत-पाकिस्तान के बंटवारे के बाद से बंद पड़े 160 साल पुराने इस मंदिर को पेशावर हाई कोर्ट के आदेश पर पिछले वर्ष खोला गया था। इस मंदिर को खोलने के लिए उसके पुजारी की बेटी फूलवती ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी।
हमलावरों ने मंदिर परिसर के भीतर घुसकर कुछ तस्वीरों को आग लगा दी और वहां रखी मूर्तियां चुरा ले गए। हिंदू समुदाय के नेताओं का कहना है कि गोर गठरी इलाके में पुरातत्व विभाग के परिसर में रविवार को इस वारदात को अंजाम दिया गया।
मौके पर पहुंची पुलिस ने घटना की जांच शुरू कर दी है। स्थानीय हिंदू नेताओं ने पुलिस से ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा के बेहतर इंतजाम किए जाने की मांग की है। मंदिर के कस्टोडियन ने पुलिस को बताया कि जब वह शाम के साढे छह बजे मंदिर में पहुंचे तो वहां पहले से मौजूद आठ लोग दिखे। इन लोगों ने मंदिर में रखी तस्वीरें और पवित्र ग्रंथों को आग के हवाले किया। इसके बाद हमलावर वहां रखी कुछ मूर्तियां भी ले गए।
घटना के बाद अल्पसंख्यक हिन्दू समुदाय के लोग मंदिर पहुंच रहे हैं। टीवी पर दिखाए जा रहे फुटेज में जले हुए कागज और मंदिर के फर्श पर पड़े हुए बर्तन नजर आ रहे हैं। भारत-पाकिस्तान के बंटवारे के बाद से बंद पड़े 160 साल पुराने इस मंदिर को पेशावर हाई कोर्ट के आदेश पर पिछले वर्ष खोला गया था। इस मंदिर को खोलने के लिए उसके पुजारी की बेटी फूलवती ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी।
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