सोमवार, 28 मई 2012

नया बनेगा या गंगानगर-बाड़मेर का फार्मूला चलेगा!


नया बनेगा या गंगानगर-बाड़मेर का फार्मूला चलेगा!
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नागौर  बेटियां बचाने के लिए सरकार की तेजी से चल रही मुहिम के लिए नागौर में अब क्या होगा? जिला प्रशासन नागौर जिले में गंगानगर या बाड़मेर वाला फार्मूला अपनाएगा या फिर अपना ही अलग से फार्मूला बनाएगा? इसका फैसला सोमवार को पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत होने वाली बैठक में होगा।

कलेक्ट्रेट सभागार में सोमवार दोपहर 12 बजे पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत होने वाली बैठक में पीसीपीएनडीटी सेल के अधिकारी, सीएमएचओ व सोनोग्राफी सेंटरों के संचालक भाग लेंगे। सीएमएचओ डॉ. आरके मीणा ने बताया कि बैठक जिला कलेक्टर अशोक भंडारी की अध्यक्षता में होगी। चूंकि बैठक का मुख्य मुद्दा प्रदेश में गिरते लिंगानुपात को रोकने के लिए मुख्य सचिव सीके मैथ्यू का 15 सूत्रीय फार्मूला है। मगर मुख्य सचिव के फार्मूले के साथ साथ बाड़मेर व गंगानगर में अलग अलग प्रयोग भी किए जा रहे हैं। ऐसे में अब निगाहें नागौर प्रशासन पर भी है कि वे बेटियों को बचाने की मुहिम में अपनी ओर से नया फार्मूला जोड़ते हैं या फिर सरकारी फार्मूले को ही आगे बढ़ाने की कवायद करेंगे।

बाड़मेर में यह फार्मूला

बाड़मेर प्रशासन ने पिछले दिनों हुई बैठक में यह निर्णय लिया कि सोनोग्राफी सेंटरों पर आने वाले मरीजों की सोनोग्राफी बिना आईडी प्रूफ के नहीं होगी। सेंटरों के सोनोग्राफी कक्ष में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। इन कैमरों का एक साल का रिकार्ड भी संधारित करना होगा। कैमरे नियमित रूप से 24 घंटे चलाने होंगे। कैमरा कितने समय ऑफ रहा और कितने समय ऑन रहा इसकी जानकारी प्रतिदिन सीएमएचओ को देनी होगी। इसके अलावा सोनोग्राफी करने वाले डॉक्टर को एफ फार्म पूरी जानकारी देनी होगी। अधूरी जानकारी देने पर डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

...और गंगानगर में यह फार्मूला

गंगानगर में गर्भवती महिला की सोनोग्राफी से प्रसव तक ट्रेकिंग होगी। कन्या भू्रण हत्या रोकने के लिए लगातार मॉनिटरिंग, मुखबिर योजना को प्रभावी रूप से लागू करना, प्रचार प्रसार के साधनों को सशक्त करना, पीसीपीएनडीटी कानून की प्रभावी पालना के लिए बनी समिति में अच्छे व कर्मठ लोगों को शामिल करना आदि शामिल है।

मुख्य सचिव के यह आदेश

कन्या भू्रण हत्या रोकने के लिए पीसीपीएनडीटी एक्ट को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए मुख्य सचिव सीके मैथ्यू ने 15 सूत्री योजना बनाकर आदेश दिए हैं। इनमें कलेक्टरों को सेंटरों का निरीक्षण कर आवश्यक जांच करने व गड़बड़ी मिलने पर कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। जून 2012 तक कलेक्टर जिले के समस्त सेंटरों का निरीक्षण करेंगे। इसके बाद प्रत्येक माह कलेक्टर को 10 फीसदी सेंटरों का निरीक्षण करना होगा।

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