शनिवार, 26 मई 2012

बिना आईडी प्रूफ के नहीं होंगी सोनोग्राफी जांच


बिना आईडी प्रूफ के नहीं होंगी सोनोग्राफी जांच
बाड़मेर



जिले में संचालित किसी भी सोनोग्राफी सेंटर पर अब बिना आईडी प्रूफ व निवास प्रमाण पत्र के गर्भवती महिला की सोनोग्राफी जांच नहीं हो सकेगी। इसके साथ ही सोनोग्राफी करने वाले डॉक्टर को एफ फार्म में मांगी गई पूरी जानकारी देनी होगी। अगर कोई डॉक्टर फार्म में अधूरी जानकारी देगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

यह निर्णय जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग ने गत दिनों हुई सोनोग्राफी संचालकों की बैठक में लिया । लिंगानुपात में लगातार गिरावट व सोनोग्राफी सेंटरों पर बरती जाने वाली अनियमितता सामने आने पर प्रशासन ने सख्त रवैया अपनाते हुए हाल ही में कलेक्टर की अध्यक्षता में सोनोग्राफी सेंटर्स के संचालक व सोनोग्राफी करने वाले चिकित्सक की बैठक लेने के बाद कई निर्णय लिए गए। जिसके तहत अब गर्भवती महिला की सोनोग्राफी जांच करने से पूर्व उस महिला का राज्य सरकार से मान्यता प्राप्त आईडी प्रूफ और एड्रेस प्रूफ दस्तावेज लेने तथा उन दस्तावेजों की एक-एक प्रति सेंटर पर संधारित कर फार्म एफ के साथ भिजवानी होगी। जिले से बाहर का मरीज होने की स्थिति में जिले के किसी परिचित का आईडी और एड्रेस प्रूफ दस्तावेज देना होगा। ऐसी गर्भवती महिलाएं जिनकी सोनोग्राफी संबंधित सेंटर पर की गई हो वह सेंटर, महिला के संभावित प्रसव उपरांत उनकी डिलीवरी के विवरण के बारे में पता लगाकर उसकी सूचना निर्धारित प्रपत्र-ख में फार्म एफ रिपोर्ट के साथ प्रतिमाह भिजवानी होगी। इसके अलावा सेंटर संचालकों को चिकित्सा विभाग द्वारा नियुक्त प्रतिनिधि को प्रतिदिन उसके सेंटर पर होने वाली गर्भवती महिला की सोनोग्राफी की संख्या जीवित बच्चों के विवरण सहित देनी होगी।

कैमरे में रिकॉर्ड होगा

जानकारी के मुताबिक सोनोग्राफी कक्ष के मुख्य द्वार पर सीसीटीवी कैमरा लगने से इलेक्ट्रानिक रिकॉर्ड (बैकअप) एक साल तक का संधारित करना होगा और यह बैकअप पीसीपीएनडीटी अधिनियम के तहत इलेक्ट्रानिक रिकार्ड माना जाएगा। सीसीटीवी कैमरा नियमित रूप से 24 घंटे चलाना होगा। यह कैमरा कितने समय ऑन रहा कितने समय ऑफ रहा इसकी सूचना प्रतिदिन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को देनी होगी।



सोनोग्राफी सेंटरों पर रहेगी स्वास्थ्य विभाग की पैनी नजर, सीसीटीवी कैमरे भी लगेंगे



॥सोनोग्राफी सेंटरों पर महिलाओं को पहचान दस्तावेज साथ में लेकर आना होगा। इसके बाद ही जांच हो सकेगी। सु्प्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार सेंटरों पर कैमरे लगाए जाएंगे, जिसमें पूरा रिकार्ड उपलब्ध रहेगा।
डॉ. अजमल हुसैन, सीएमएचओ बाड़मेर।

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