सुजलॉन का बिजली उत्पादन एक हजार मेगावाट पार
जैसलमेर में 2001 में शुरू हुए पवन ऊर्जा संयंत्रों से आज 1500 मेगावाट से भी अधिक बिजली का उत्पादन हो रहा है
जैसलमेर जिले में पवन ऊर्जा संयंत्रों से बिजली का उत्पादन लगातार बढ़ रहा है। दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी पवन चक्की निर्माता कंपनी की ओर से जैसलमेर में विकसित किए गए विंड पार्क की क्षमता वित्तीय वर्ष 2012 तक 1 हजार 64 मेगावाट पहुंच गई है। वहीं देश विदेश की अन्य नामी कंपनियां भी जैसलमेर में पवन ऊर्जा क्षेत्र में कार्यरत हैं। जैसलमेर का विंड पार्क विभिन्न विंड फार्म स्थलों के समूह से मिलकर बना है। जिनमें अमरसागर, बड़ाबाग, बरमसर, तेजुआ, सोडा, माडा और अन्य शामिल है। शेष त्नपेज १२
इस विंड पार्क में मित्राह एनर्जी, हिन्दुस्तान जिंक लि., हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि., राजस्थान राज्य खनन एवं खनिज, राजस्थान नवीनीकरण ऊर्जा निगम लि. और राजस्थान गम्स जैसे सुजलोन के कुछ प्रमुख ग्राहकों की परियोजनाएं स्थापित हैं।
जैसलमेर में विंड पार्क के विकास का काम सुजलोन ने 2001 में शुरू किया था। इसके अंतर्गत सुजलोन के समस्त विंड पोर्टफोलियो आते हैं, जिसमें प्रारंभिक 350 केडब्ल्यू मॉडल से लेकर नवीनतम एस9एक्स वाली 201 मेगावाट सीरिज शामिल है। भारत में पहला एस9एक्स विंड टरबाइन जैसलमेर के तेजुआ साइट में शुरू किया गया था। जुलाई 2011 में नवीन एवं नवीनीकरण ऊर्जा केन्द्रीय मंत्री डॉ. फारूख अब्दुल्ला द्वारा इसे राष्ट्र को समर्पित किया गया।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें