गुरुवार, 17 मई 2012

पानी के लिए ग्रामीण भूख हड़ताल पर बैठे

पानी के लिए ग्रामीण भूख हड़ताल पर बैठे

समझाइश के बाद देर शाम ग्रामीणों ने उठाया धरना



जैसलमेर लगभग 8 माह से पानी की समस्या झेल रहे ग्रामीणों का आखिरकार बुधवार को सब्र का बांध टूट गया। जिम्मेदारों की उदासीनता के खिलाफ शोभ व आसपास की ढाणियों के लोगों ने भूख हड़ताल शुरू कर दी। हालांकि शाम को समझाइश के बाद ग्रामीणों ने धरना समाप्त कर दिया। ग्रामीण सागरमल ने बताया कि शोभ गांव का नलकूप 8 माह पूर्व खराब हो गया था। क्षेत्र की आसपास की 10 किलोमीटर परिधि में पेयजल का कोई स्रोत नहीं है। इस क्षेत्र के ग्रामीण व पशुधन पानी को तरस रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि कई बार प्रशासन को लिखित व मौखिक रूप से समस्या से अवगत करवाया गया लेकिन आज तक पानी की कोई व्यवस्था नहीं की गई। ग्रामीणों के अनुसार जब तक नया नलकूप नहीं खुद जाए तब तक प्रतिदिन 5 टैंकर पानी की आपूर्ति हो तो कुछ राहत मिल सकती है। शेष त्नपेज १४




लेकिन जलदाय विभाग द्वारा कभी कभार दो-तीन दिन में एक टैंकर भिजवाया जाता है, जो अपर्याप्त है। बुधवार को साधूराम भूख हड़ताल पर बैठे तथा मदाराम, चेतनराम, उम्मेदाराम, किशनाराम, स्वरूपाराम, मूलाराम, जीताराम, हीरसिंह, अनोपसिंह, शेराराम, रेंवताराम, प्रेमाराम, खाखूराम, सागरमल आदि धरने पर बैठे। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि जब तक पानी की स्थाई व्यवस्था नहीं होगी तब तक भूख हड़ताल जारी रहेगी।


इन क्षेत्रों में है पानी का संकट : शोभ गांव के अलावा आसपास की चूनाराम की ढाणी, पन्नाराम की ढाणी, राजूराम की ढाणी, सुथारों की ढाणी, भंवरसिंह की ढाणी, जेठमालसिंह की ढाणी, कल्याणसिंह की ढाणी, मगजी की ढाणी, बिरधसिंह की ढाणी व अन्य ढाणियों में पीने के पानी की कोई व्यवस्था नहीं है।

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