सोमवार, 28 मई 2012

राजमाता से मिली क्षत्रिय बालाएं


राजमाता से मिली क्षत्रिय बालाएं

राजस्थान व गुजरात से आई 250 से अधिक क्षत्रिय बालिकाओं ने स्वर्णनगरी का किया भ्रमण

जैसलमेर राजस्थान के विभिन्न जिलों तथा गुजरात से आई 250 से अधिक क्षत्रिय बालिकाओं ने रविवार को स्वर्णनगरी का भ्रमण किया। साथ ही पूर्व राजमाता मुकुट राज्यलक्ष्मी से भेंट की। जवाहिर निवास में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूर्व राजमाता मुकुट राज्यलक्ष्मी ने कहा कि अस्तित्व तथा क्षत्रिय धर्म की परिपाटी पर चलकर समाज में अग्रणी भूमिका निभाएं। उन्होंने कहा कि पर्दे से बाहर निकल कर समाज का गौरव बढ़ाए तथा वीरांगनाओं से प्रेरणा लेकर उसे अपने जीवन में उतारे।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राजपूत सेवा समिति के सचिव सवाईसिंह देवड़ा ने कहा कि वर्तमान स्थिति को देखते हुए क्षत्रिय बालिकाओं को शिक्षा तथा प्रशासनिक क्षेत्र में आगे आना चाहिए। बालिकाएं समाज की धुरी होती है। वह जितनी सशक्त होगी समाज उतना ही सशक्त होगा। इस अवसर पर रतनसिंह, मंगलसिंह, रामसिंह, दीपसिंह, आमसिंह, सांवलसिंह, कुंदनसिंह, तारेन्द्रसिंह सहित क्षत्रिय युवक संघ के कार्यकर्ता उपस्थित थे।

स्वर्णनगरी का भ्रमण किया

इससे पूर्व दल ने स्वर्णनगरी के विभिन्न धार्मिक एवं पर्यटन स्थलों का भ्रमण किया। गड़सीसर सरोवर, दुर्ग, जैन मंदिर, लक्ष्मीनाथ मंदिर, नथमल हवेली, पटवा हवेली आदि का भ्रमण किया। गाइड महेन्द्र तंवर ने बालिकाओं को जैसलमेर के इतिहास एवं परंपराओं से अवगत करवाया। जिसके पश्चात तनोट माता के दर्शनों के लिए दल जैसलमेर से रवाना हुआ।

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