रविवार, 27 मई 2012

रसूखदारों को माफी, गरीबों पर गाज

रसूखदारों को माफी, गरीबों पर गाज


नगरपरिषद ने अस्थाई अतिक्रमण हटाने के नाम पर खानापूर्ति की

पुलिस जाब्ते व सफाई कर्मचारियों की भीड़ के साथ निकले जाब्ते ने केवल होर्डिंग्स उठाए

जैसलमेर  नगरपरिषद की कार्रवाई और दुकानदारों के रवैये को देखते हुए अंदाजा लगाया जा सकता है कि स्वर्णनगरी के बाजार की व्यवस्थाएं नहीं बदलेगी। शनिवार को हुई कार्रवाई में साफ झलक रहा था कि नगरपरिषद अतिक्रमण हटाने का नाम कर रही है और कुछ भी नहीं। वहीं दूसरी तरफ दुकानदारों को पिछले दो दिनों से चेताया जा रहा था लेकिन किसी ने भी स्वेच्छा से दुकानों के आगे किया अस्थाई अतिक्रमण नहीं हटाया। जब नगरपरिषद का जाब्ता आया तो धीरे- धीरे कर सामान को कुछ देर के लिए अंदर रख दिया। नगरपरिषद की ओर से शनिवार को की गई कार्रवाई पूरी तरह से फ्लॉप रही। खानापूर्ति के नाम पर कुछ एक होर्डिंग्स व खाली ठेलों को उठा लिया गया। इसके विपरीत प्रभावशालियों के चार से पांच फीट तक के अतिक्रमण को छेड़ा तक नहीं गया। जोर शोर से की गई कार्रवाई केवल गरीबों पर भारी पड़ी।

सफाई कर्मचारी अपने स्तर पर कर रहे थे कार्रवाई : अतिक्रमण जाब्ते के साथ चल रहे सफाई कर्मचारी अपनी मर्जी से ही गरीबों के हाथ ठेलों को उठा उठाकर ट्रैक्टर में डाल रहे थे। किसी भी दृष्टि से यह कार्रवाई व्यवस्थित नजर नहीं आ रही थी। यदि कोई सफाई कर्मचारियों को रोक देता तो वे रुक जाते और आगे चले जाते। वहीं अधिकारी इस जाब्ते में सिर्फ आगे आगे चल रहे थे।

॥शहर में नगरपरिषद की ओर से चलाए गए अभियान में सिर्फ और सिर्फ ठेले वालों को ही परेशान किया गया है। जबकि दूसरी तरफ कई दुकानदारों ने स्थाई अतिक्रमण कर रखें जिन्हें छेड़ा तक नहीं गया। यह कार्रवाई खानापूर्ति ही थी।अशोक भास्कर, सब्जी विक्रेता

॥ऐसी बात नहीं है, शनिवार को हुई कार्रवाई में कई दुकानदारों का सामान भी जब्त किया गया है। वहीं दूसरी तरफ पहले चेतावनी दे देने से दुकानदार सजग हो गए थे और सामान को अंदर ही रखा था। आगामी दिनों में कार्रवाई जारी रहेगी और अब अचानक कार्रवाई की जाएगी ताकि वास्तविकता सामने आ सके। आर.के. माहेश्वरी, आयुक्त, नगरपरिषद

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