बुधवार, 2 मई 2012

राग बागेश्वरी पर श्रोता हुए मंत्रमुग्ध



शास्त्रीय संगीत संध्या में कलाकारों ने दी एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियां

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जैसलमेर  आकाशवाणी जैसलमेर के तत्वावधान में मरू सांस्कृतिक केन्द्र में सोमवार को आयोजित शास्त्रीय संगीत संध्या में सुविख्यात कलाकारों ने आमंत्रित श्रोताओं को शास्त्रीय संगीत की सरिता व स्वर लहरियों से सराबोर कर दिया। दआयोजन के दौरान सितार और सारंगी की जुगलबंदी के साथ तबले की संगत ने दर्शकों को घंटों बांधे रखा। साथ ही राग अभोगी की प्रस्तुति ने मरू सांस्कृतिक के सभागार को सुरों की ऊंचाइयों का आभास करवाया। आकाशवाणी जैसलमेर द्वारा शास्त्रीय संगीत की यह दूसरी प्रस्तुति है। इससे पूर्व एयरफोर्स में भी संगीत संध्या का आयोजन किया गया था। इस शास्त्रीय संगीत संध्या के संपादित अंशों का प्रसारण 3 व 4 मई को रात्रि10 बजे किया जाएगा। जिसे श्रोता एफ एम बैड 101.8 मेगाहट्र्ज पर सुन सकते हैं।

जुगलबंदी रही खास: शास्त्रीय संगीत संध्या का आगाज उस्ताद महमूद खान और इकराम खान की सितार और सारंगी की जुगलबंदी के साथ हुई । जिसमें राग बागेश्वरी विलंबित गत तीन ताल में, मध्य लय एक ताल तथा द्रुत गत तीन ताल में प्रस्तुत की गई। इस दौरान तबला वादक नकुल मिश्र की तबले पर नायाब संगत ने दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। इस प्रस्तुति में मिश्र पीलू की पेशकश आकर्षण का केन्द्र रही। मिश्र पीलू में इकराम खां ने मूमल व केसरिया बालम पेश किया।

शानदार रहा राग अभोगी का भोग: शास्त्रीय संगीत संध्या का एक आकर्षण गायक महेन्द्र टोके का राग अभोगी का प्रस्तुतीकरण रहा। टोके ने चरण धर आये विलंबित रचना झपताल में पेश की और लाज रख लीजो मोरी, द्रुत एक ताल में प्रस्तुत की। इस दौरान तबले पर नकुल मिश्र और सारंगी पर इकराम खान की संगत को श्रोताओं ने बार-बार करतल ध्वनि के साथ सराहा।

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