हवलदारों के जिम्मे जिला जेल?
बाड़मेर। जिस जेल में हेरोइन, हथियार व आर डी एक्स के आरोपी बंद है, उस जेल की जिम्मेवारी हवलदारों के भरोसे हैं। आठ माह पहले पद पर रहते हुए जेल कारापाल की मृत्यु होने के बाद से हवलदार ही जेल का दायित्व संभाल रहे हैं। जिला जेल बाड़मेर की सुरक्षा में कोताही व उपेक्षा का आलम यह है कि जेल में विचाराधीन बंदियों की संख्या जेल की क्षमता से लगभग दुगुनी हो गई है और जेल मे तैनात जाब्ता घटता जा रहा है।
70 बंदियों की क्षमता वाली जेल में 111 बंदी है। वर्ष 1965 में स्थापित जिला जेल में उस समय जितने पद सृजित किए थे, उनमें से भी आधे पद रिक्त हैं। नए पद सृजित करना तो दूर की कौड़ी बना हुआ है। खासकर अधिकारी वर्ग का एक भी पद भरा हुआ नहीं है। इस जेल में डिप्टी सुप्रीडेण्ट का एक पद, कारापाल का एक पद, मुख्य प्रहरी (हवलदार) के तीन पद, प्रहरी के तेरह पद सृजित है। फिलहाल स्थिति यह है कि डिप्टी सुप्रीडेण्ट का पद पिछले दो वर्ष से रिक्त है। कारापाल का पद आठ माह से खाली है।
यहां कार्यरत कारापाल प्रमोद पुरोहित की सितम्बर 2011 में ऑन डयूटी डेथ हो गई थी। उसके बाद किसी की नियुक्ति नहीं की गई और जेल की जिम्मेवारी मुख्य प्रहरियों पर आ गई। जेल में मुख्य प्रहरी के तीनों पद भरे हुए हैं। वहीं प्रहरी के तेरह में से पांच पद रिक्त हैं। व्यवस्था के लिहाज से अरबन होमगार्ड के चार जवान एवं बॉर्डर होमगार्ड के हथियारबंद आठ जवान जेल की सुरक्षा में तैनात है। निचले स्तर के रिक्त पदों की भरपाई होमगार्ड के जवान तैनात कर दी गई है, लेकिन अधिकारी वर्ग के दोनों पद रिक्त होने से जेल का प्रशासनिक ढांचा चरमरा गया है। इसके किसी दिन गंभीर परिणाम सामने आ जाए तो कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी।
खतरनाक बंदी जेल में...
सीमा पार से हथियार व आर डी एक्स लाने का आरोपी सोढ़ाखान उर्फ लूणिया व उसके चार साथी बाड़मेर जेल में बंद है। दिनेश मांजू हत्याकाण्ड के आरोपी व जोधपुर एवं जैसलमेर जिलों के हिस्ट्रीशीटर भी इसी जेल में है। इसके अलावा हत्या, बलात्कार, नकबजनी व चोरियों के कई आरोपी यहां बंद है। ऎसे में डिप्टी सुप्रीडेण्ट व कारापाल के पद रिक्त होना किसी खतरे से कम नहीं है।
टिप्पणी से इनकार
इस संबंध में जेल के मुख्य प्रहरी से पूछने पर उन्होंने टिप्पणी करने से इनकार किया। उन्होंने केवल इतना ही कहा कि उपलब्ध के जाब्ते के साथ जेल की मुस्तैदी से सुरक्षा की जा रही है। रिक्त पदों को लेकर वे कुछ नहीं कह सकते।
बाड़मेर। जिस जेल में हेरोइन, हथियार व आर डी एक्स के आरोपी बंद है, उस जेल की जिम्मेवारी हवलदारों के भरोसे हैं। आठ माह पहले पद पर रहते हुए जेल कारापाल की मृत्यु होने के बाद से हवलदार ही जेल का दायित्व संभाल रहे हैं। जिला जेल बाड़मेर की सुरक्षा में कोताही व उपेक्षा का आलम यह है कि जेल में विचाराधीन बंदियों की संख्या जेल की क्षमता से लगभग दुगुनी हो गई है और जेल मे तैनात जाब्ता घटता जा रहा है।
70 बंदियों की क्षमता वाली जेल में 111 बंदी है। वर्ष 1965 में स्थापित जिला जेल में उस समय जितने पद सृजित किए थे, उनमें से भी आधे पद रिक्त हैं। नए पद सृजित करना तो दूर की कौड़ी बना हुआ है। खासकर अधिकारी वर्ग का एक भी पद भरा हुआ नहीं है। इस जेल में डिप्टी सुप्रीडेण्ट का एक पद, कारापाल का एक पद, मुख्य प्रहरी (हवलदार) के तीन पद, प्रहरी के तेरह पद सृजित है। फिलहाल स्थिति यह है कि डिप्टी सुप्रीडेण्ट का पद पिछले दो वर्ष से रिक्त है। कारापाल का पद आठ माह से खाली है।
यहां कार्यरत कारापाल प्रमोद पुरोहित की सितम्बर 2011 में ऑन डयूटी डेथ हो गई थी। उसके बाद किसी की नियुक्ति नहीं की गई और जेल की जिम्मेवारी मुख्य प्रहरियों पर आ गई। जेल में मुख्य प्रहरी के तीनों पद भरे हुए हैं। वहीं प्रहरी के तेरह में से पांच पद रिक्त हैं। व्यवस्था के लिहाज से अरबन होमगार्ड के चार जवान एवं बॉर्डर होमगार्ड के हथियारबंद आठ जवान जेल की सुरक्षा में तैनात है। निचले स्तर के रिक्त पदों की भरपाई होमगार्ड के जवान तैनात कर दी गई है, लेकिन अधिकारी वर्ग के दोनों पद रिक्त होने से जेल का प्रशासनिक ढांचा चरमरा गया है। इसके किसी दिन गंभीर परिणाम सामने आ जाए तो कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी।
खतरनाक बंदी जेल में...
सीमा पार से हथियार व आर डी एक्स लाने का आरोपी सोढ़ाखान उर्फ लूणिया व उसके चार साथी बाड़मेर जेल में बंद है। दिनेश मांजू हत्याकाण्ड के आरोपी व जोधपुर एवं जैसलमेर जिलों के हिस्ट्रीशीटर भी इसी जेल में है। इसके अलावा हत्या, बलात्कार, नकबजनी व चोरियों के कई आरोपी यहां बंद है। ऎसे में डिप्टी सुप्रीडेण्ट व कारापाल के पद रिक्त होना किसी खतरे से कम नहीं है।
टिप्पणी से इनकार
इस संबंध में जेल के मुख्य प्रहरी से पूछने पर उन्होंने टिप्पणी करने से इनकार किया। उन्होंने केवल इतना ही कहा कि उपलब्ध के जाब्ते के साथ जेल की मुस्तैदी से सुरक्षा की जा रही है। रिक्त पदों को लेकर वे कुछ नहीं कह सकते।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें