रविवार, 27 मई 2012

भारतीय डॉक्‍टरों का ताउम्र बहिष्‍कार करेंगे आमिर खान



मुंबई. देश में डॉक्‍टरों और अस्‍पतालों के गोरखधंधे पर लगाम लगाने के लिए जिम्‍मेदार संस्‍था मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) एक बार फिर कठघरे में खड़ी हो गई है। एमसीआई के प्रमुख डॉ. तलवार ने रविवार कोआमिर खान के शो 'सत्‍यमेव जयते' में माना कि लाइसेंस पाने के लिए मेडिकल कॉलेज किराए के डॉक्‍टर, मरीज तक जुटाते हैं और डोनेशन के नाम पर मेडिकल कॉलेजों में करोड़ों की हेराफेरी हो रही है। हैरत की बात यह है कि डॉ. तलवार ने इसके बावजूद यह माना कि ज्‍यादातर डॉक्‍टर एमसीआई के मानकों पर खरे उतरते हैं।
 
आमिर ने उन्‍हें बताया कि उनकी रिसर्च के मुताबिक ज्‍यादातर डॉक्‍टर ऐसे पाए गए जिनका लाइसेंस सदा के लिए रद हो जाना चाहिए (एमसीआई के मानकों के मुताबिक)। कितने डॉक्‍टरों के साथ ऐसा हुआ है? इस सवाल पर डॉ. तलवार झेंप गए। आमिर ने बताया की उनकी ओर से दाखिल आरटीआई में सरकार से पूछा गया था कि बीते 50 सालों में कितने डॉक्‍टरों का लाइसेंस सदा के लिए रद किया गया? जवाब सिर्फ 2008 से 2012 के दौरान का मिला और बताया गया कि एक भी डॉक्‍टर का लाइसेंस हमेशा के लिए रद नहीं हुआ है।

देश के स्‍वास्‍थ्‍य क्षेत्र में व्‍याप्‍त धांधली से लोगों को रूबरू कराते हुए आमिर खान ने यह संकल्‍प भी लिया कि अब वह कभी अपना इलाज भारत में नहीं करवाएंगे।





शो के जरिए बताया गया कि फार्मा कंपनियां हर एक डॉक्‍टर पर एक लाख 31 हजार और कुल 12000 करोड़ रुपये सालाना खर्च करती हैं। किसी खास कंपनी की दवा लिखने के लिए डॉक्‍टर तीस फीसदी तक कमिशन मांगते हैं। पैथोलॉजी टेस्‍ट पर 50 फीसदी तक का कमिशन है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें