सोमवार, 7 मई 2012

पूर्णिमा की चांदनी में वन्य जीवों की हुई गणना


पूर्णिमा की चांदनी में वन्य जीवों की हुई गणना


रविवार शाम 5 बजे शुरू हुई गणना सोमवार शाम 5 बजे तक चलेगी

जैसलमेर   जिले के वन क्षेत्रों में पूर्णिमा की चांदनी में वन्य कर्मियों ने वन्य जीवों की गणना की। ग्रीष्मकालीन वन्यजीव गणना रविवार शाम 5 बजे शुरू हुई। रात्रि में वन्यकर्मियों ने जिले के विभिन्न क्षेत्रों में नजरें गड़ाए रखी। जानकारी के अनुसार जिले में कई ऐसे वन्य जीव हैं जो लुप्त होने के कगार पर है, ग्रीष्मकालीन गणना के तहत इन वन्य जीवों के दिखने के आसार हैं। वन विभाग के माध्यम से डीएनपी, डीडीपी, विश्व खाद्य कार्यक्रम विभाग अपने अपने क्षेत्रों में वन्य जीवों की गणना करने में जुटा है। रविवार की शाम यह गणना शुरू हो गई।

24 घंटे में एक बार आते हैं पानी पीने

वन विभाग के अनुसार ऐसा माना जाता है कि 24 घंटे में एक बार कोई भी जीव पानी पीने वाटर हॉल पर जरूर आता है। इसलिए यह गणना एक रात व एक दिन के लिए होती है। 24 घंटे वन विभाग की टीमें वाटर हॉल की निगरानी करेंगी और वन्य जीवों की गणना करेंगी।

वन्य क्षेत्रों में तैनात हुए वन्यकर्मी

जिले में वैशाख पूर्णिमा पर वन्यजीवों की गणना के तहत विभिन्न वाटर हॉल पोइंट के रूप में निर्धारित किए गए हैं। करीब 100 से अधिक कर्मचारी अलग अलग क्षेत्रों में रविवार की शाम से गणना में जुट गए। कहीं मचान बनाए गए हैं तो कहीं ऊंचाई पर केन्द्र बनाया गया है। डीएफओ वी.के. बिस्सा ने कर्मचारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए हैं कि वे अपने अपने क्षेत्रों में पूर्णिमा की रात में लगातार वाटर हॉल पर नजर रखें।

॥ग्रीष्मकालीन वाटर हॉल पद्धति से वन्यजीवों की गणना रविवार की शाम से शुरू हो गई है। पूर्णिमा की रात्रि में सीधे तौर पर वन्य जीव दृष्टिगत होते हैं, वाटर हॉल पर वन्यकर्मियों की पूरी नजर रहेगी।

वी.के. बिस्सा, डीएफओ, डीएनपी

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