अजमेर.सूफी संत हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 800 वें उर्स के लिए भीलवाड़ा का गौरी परिवार झंडा लेकर मंगलवार को दरगाह पहुंचा। परंपरा के मुताबिक गौरी परिवार के सदस्य गुरुवार को बुलंद दरवाजे पर झंडा चढ़ाएंगे। इसके साथ ही उर्स की अनौपचारिक शुरुआत हो जाएगी। उर्स की विधिवत शुरुआत चांद दिखाई देने पर 22 मई से या फिर अगले दिन 23 मई से होगी। जन्नती दरवाजा 21 मई को खुल जाएगा।
भीलवाड़ा के गौरी परिवार के करीब 30 सदस्य मंगलवार को दोपहर दरगाह पहुंचे। वे अपने साथ उर्स का झंडा लाए हैं। गौरी परिवार के सदस्य बख्तियार अहमद के मुताबिक गुरुवार की शाम को दरगाह गेस्ट हाउस से मुतवल्ली अबरार अहमद की सदारत में गाजेबाजे के साथ झंडे के जुलूस की शुरुआत होगी।
परंपरा के अनुसार गौरी परिवार के सदस्य झंडा लेकर चलेंगे। आगे दरगाह की शाही कव्वाल चौकी सूफियाना कलाम पेश करते हुए चलेगी। लंगर खाना, नला बाजार और दरगाह बाजार होते हुए जुलूस दरगाह पहुंचेगा। रोशनी के वक्त से पूर्व झंडा बुलंद दरवाजे पर चढ़ाया जाएगा।
आस्ताने की खिदमत रात से
गुरुवार से ही दरगाह में आस्ताने शरीफ की खिदमत का वक्त भी बदल जाएगा। दिन में खिदमत नहीं होगी। मजार शरीफ की खिदमत रात में होगी। 5 रजब तक यह सिलसिला चलेगा। इसके बाद वापस दिन में शुरू हो जाएगी।
21 को खुलेगा जन्नती दरवाजा
उर्स के मौके पर खुलने वाला जन्नती दरवाजा इस बार 21 को चांद रात वाले दिन से खुलेगा। 6 रजब को कुल की रस्म के साथ ही दरवाजा बंद हो जाएगा। इस अवधि में अकीदतमंद जन्नती दरवाजे से जियारत के लिए आस्ताना शरीफ जा सकेंगे।
22 मई को होगी उर्स की विधिवत शुरुआत
21 मई को दरगाह में हिलाल कमेटी की बैठक होगी। हिलाल कमेटी द्वारा रजब का चांद दिखाई देने की घोषणा होने पर 22 से ही उर्स की विधिवत शुरुआत हो जाएगी अन्यथा 23 से उर्स शुरू होगा। चांद की घोषणा होने के बाद से ही रात को महफिल खाना में उर्स की महफिल शुरू हो जाएगी और आधी रात के बाद मजार शरीफ को गुस्ल देने का सिलसिला शुरू हो जाएगा। रजब की 6 तारीख को छोटा कुल होगा और रजब की 9 तारीख को बड़ा कुल होगा। इसके साथ ही उर्स का समापन होगा।
कब से चढ़ा झंडा
-1944 से झंडे की शुरुआत हुई। सत्तार बादशाह जान पेशावर से यह झंडा लेकर आते रहे। इसके बाद मेरे दादा लाल मोहम्मद गौरी यह झंडा लेकर आए। उन्होंने 1991 तक चढ़ाया। इनके बाद मेरे ताया मोइनुद्दीन गौरी ने यह परंपरा निभाई। 2006 तक वे झंडा लाते रहे। अब मेरे भाई फखरुद्दीन गौरी यह झंडा लेकर आ रहे हैं। यह गौरी परिवार के लिए बड़े फख्र की बात है।
उर्स की अनौपचारिक शुरुआत
हिजरी संवत के जमादिउस्सानी महीने की 25 तारीख को गरीब नवाज के उर्स का झंडा बुलंद दरवाजे पर चढ़ाया जाता है। इसके साथ ही देश-विदेश में पैगाम पहुंच जाता है कि उर्स की शुरुआत होने वाली है। रजब के महीने से उर्स की शुरुआत हो जाती है।
भीलवाड़ा के गौरी परिवार के करीब 30 सदस्य मंगलवार को दोपहर दरगाह पहुंचे। वे अपने साथ उर्स का झंडा लाए हैं। गौरी परिवार के सदस्य बख्तियार अहमद के मुताबिक गुरुवार की शाम को दरगाह गेस्ट हाउस से मुतवल्ली अबरार अहमद की सदारत में गाजेबाजे के साथ झंडे के जुलूस की शुरुआत होगी।
परंपरा के अनुसार गौरी परिवार के सदस्य झंडा लेकर चलेंगे। आगे दरगाह की शाही कव्वाल चौकी सूफियाना कलाम पेश करते हुए चलेगी। लंगर खाना, नला बाजार और दरगाह बाजार होते हुए जुलूस दरगाह पहुंचेगा। रोशनी के वक्त से पूर्व झंडा बुलंद दरवाजे पर चढ़ाया जाएगा।
आस्ताने की खिदमत रात से
गुरुवार से ही दरगाह में आस्ताने शरीफ की खिदमत का वक्त भी बदल जाएगा। दिन में खिदमत नहीं होगी। मजार शरीफ की खिदमत रात में होगी। 5 रजब तक यह सिलसिला चलेगा। इसके बाद वापस दिन में शुरू हो जाएगी।
21 को खुलेगा जन्नती दरवाजा
उर्स के मौके पर खुलने वाला जन्नती दरवाजा इस बार 21 को चांद रात वाले दिन से खुलेगा। 6 रजब को कुल की रस्म के साथ ही दरवाजा बंद हो जाएगा। इस अवधि में अकीदतमंद जन्नती दरवाजे से जियारत के लिए आस्ताना शरीफ जा सकेंगे।
22 मई को होगी उर्स की विधिवत शुरुआत
21 मई को दरगाह में हिलाल कमेटी की बैठक होगी। हिलाल कमेटी द्वारा रजब का चांद दिखाई देने की घोषणा होने पर 22 से ही उर्स की विधिवत शुरुआत हो जाएगी अन्यथा 23 से उर्स शुरू होगा। चांद की घोषणा होने के बाद से ही रात को महफिल खाना में उर्स की महफिल शुरू हो जाएगी और आधी रात के बाद मजार शरीफ को गुस्ल देने का सिलसिला शुरू हो जाएगा। रजब की 6 तारीख को छोटा कुल होगा और रजब की 9 तारीख को बड़ा कुल होगा। इसके साथ ही उर्स का समापन होगा।
कब से चढ़ा झंडा
-1944 से झंडे की शुरुआत हुई। सत्तार बादशाह जान पेशावर से यह झंडा लेकर आते रहे। इसके बाद मेरे दादा लाल मोहम्मद गौरी यह झंडा लेकर आए। उन्होंने 1991 तक चढ़ाया। इनके बाद मेरे ताया मोइनुद्दीन गौरी ने यह परंपरा निभाई। 2006 तक वे झंडा लाते रहे। अब मेरे भाई फखरुद्दीन गौरी यह झंडा लेकर आ रहे हैं। यह गौरी परिवार के लिए बड़े फख्र की बात है।
उर्स की अनौपचारिक शुरुआत
हिजरी संवत के जमादिउस्सानी महीने की 25 तारीख को गरीब नवाज के उर्स का झंडा बुलंद दरवाजे पर चढ़ाया जाता है। इसके साथ ही देश-विदेश में पैगाम पहुंच जाता है कि उर्स की शुरुआत होने वाली है। रजब के महीने से उर्स की शुरुआत हो जाती है।
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