बॉर्डर एरिया रेल लाइन सर्वे पूरा
विभागीय अधिकारियों ने हैडक्वार्टर को भेजी रिपोर्ट, सांचौर के निकट सरवाना से होकर गुजरेगी रेल लाइन, दूसरा सर्वे भी शीघ्र होगा
बाड़मेर सरहदी जिले बाड़मेर जालोर की सीमा पर स्थित सांचौर क्षेत्र के बाशिंदों के लिए रेल सुविधा का सपना जल्द ही पूरा हो सकेगा। इस संबंध में रेलवे कंस्ट्रक्शन डिपार्टमेंट की ओर से हाल ही बॉर्डर एरिया सर्वे पूरा कर लिया गया है। जिसके बाद अब यह कवायद और तेज होने की उम्मीद बंधी है। विभागीय जानकारी के अनुसार पहले स्तर की सर्वे रिपोर्ट उत्तर पश्चिम रेलवे के हैडक्वार्टर जयपुर को भिजवा दी है। जिसके तहत 80.75 किलोमीटर नए रेलवे ट्रैक के लिए 316 करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट भेजा गया है। यह पहले स्तर का सर्वे है, जो पूरा हो चुका है। वर्ष की शुरुआत में शुरू हुए सर्वे को करीबन तीन माह में विभागीय अधिकारियों ने पूरा किया। साथ ही पूरे क्षेत्र का भौगोलिक सर्वे भी किया। जिसके बाद उन्होंने आवश्यकतानुसार इस रेल खंड के लिए नए स्टेशन, रेलवे अंडर ब्रिज, रेलवे ओवर ब्रिज, छोटे और बड़े पुल की आवश्यकता की महत्वपूर्ण रिपोर्ट तैयार की।
राजनीतिक पहल जरूरी
नई रेल लाइन के लिए पहले स्तर का सर्वे पूरा हो जाने के बाद अब यह जरूरी है कि स्थानीय जनप्रतिनिधि इस रेल लाइन के कार्य को पूरा करवाने के लिए उच्च स्तर तक दबाव बनाएं। साथ ही यह भी आवश्यक हो जाता है कि इस मामले पर निगरानी रखी जाए, ताकि यह प्रोजेक्ट जल्द से जल्द पूरा हो सके। सर्वे के आधार पर यदि कार्य पूरा हो जाता है तो सांचौर के वे क्षेत्र रेल लाइन से जुड़ जाएंगे, जहां कभी रेल यातायात के बारे में लोगों ने सोचा तक नहीं था।
रेल लाइन सर्वे के लिए पहले स्तर का सर्वे काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। इस सर्वे के आधार पर भी नए ट्रेक बिछाने के की रूपरेखा भी तय होती है। पहले सर्वे के बाद रिपोर्ट जयपुर स्थित रेलवे हैडक्वार्टर जीएम कार्यालय को भेजी जाती है। यहां से आवश्यकता अनुसार उसमें सुधार के बाद आगे यह रिपोर्ट रेलवे बोर्ड दिल्ली को भेजी जाती है। बोर्ड यह रिपोर्ट प्लानिंग कमीशन को भेजता है। जिसके बाद प्रोजेक्ट स्वीकृत होता है। रेलवे इंजीनियर्स ने बताया कि बॉर्डर एरिया सर्वे सांचौर क्षेत्र से करीब 25 किमी दूर सरवाना से होकर गुजरेगा। उन्होंने बताया सांचौर क्षेत्र के लिए ही बाड़मेर-पालनपुर सर्वे की कवायद भी चल रही है। यह सर्वे सांचौर के लिए महत्वपूर्ण है। टीम के सदस्यों ने बताया कि बाड़मेर-पालनपुर सर्वे की कवायद भी चल रही है। यह सर्वे सरवाना-सांचौर शहर-धनेरा होते हुए पालनपुर को जोड़ेगा। उन्होंने बताया कि इस सर्वे का शीट कलेक्शन किसी कारण से रह गया था, यह सर्वे भी जल्द ही पूरा होने वाला है। ऐसे में सांचौर क्षेत्र में रेल लाइन का जाल बिछ जाने की संभावना है।
अब होगी आगे की प्रक्रिया
॥रेल लाइन सर्वे के बाद विभिन्न प्रक्रियाएं चलती हैं। सर्वे की रेलवे के फायनेंसियल ऑफिसर्स जांच करते हैं। उसके बाद यह रिपोर्ट जनरल मैनेजर के द्वारा रेलवे बोर्ड को भेजी जाती है। यदि प्रोजेक्ट 100 करोड़ से अधिक होता है तो उसकी एप्रूवल प्लानिंग कमीशन से होती है। यहां से प्रोजेक्ट एप्रूवल के बाद प्रोजेक्ट शुरू करने के लिए फंडिंग शुरू होती है, लेकिन इससे पहले यह जरूर देखा जाता है कि उस प्रोजेक्ट की रेट ऑफ अर्निंग क्या है। - ललित बोहरा, उप महाप्रबंधक, उत्तर पश्चिम रेलवे, जयपुर
यह है सर्वे रिपोर्ट
रेलवे की ओर से किए गए सर्वे में इस नए रेलवे खंड के लिए कई कार्यों को पूरा करवाए जाने की रिपोर्ट भेजी गई है। सर्वे रिपोर्ट के अनुसार बॉर्डर एरिया सर्वे की कुल लंबाई 80.75 किलोमीटर है। इसमें कुल 7 स्टेशन बनाए जाने का प्रस्ताव है, जिसमें थराद, संतालपुर, वाव, निंबाला, सुईगांव, धरनेचा, सिंदाला नाम से नए स्टेशन बनाए जाने का प्रस्ताव है। रेलवे कंस्ट्रक्शन डिपार्टमेंट की रिपोर्ट के अनुसार इस सर्वे रिपोर्ट में रेलवे ट्रैक के लिए कुल 3 रेलवे ओवर ब्रिज (आरओबी), जबकि 11 रेलवे अंडर ब्रिज (आरयूबी) बनने हैं। रेलवे कंस्ट्रक्शन डिपार्टमेंट के इंजीनियर ने बताया कि इस सैक्शन में काफी संख्या में पुल बनाने का प्रस्ताव भी है। उन्होंने बताया कि सर्वे में कुल 46 छोटे, जबकि 7 बड़े पुल बनने हैं।
विभागीय अधिकारियों ने हैडक्वार्टर को भेजी रिपोर्ट, सांचौर के निकट सरवाना से होकर गुजरेगी रेल लाइन, दूसरा सर्वे भी शीघ्र होगा
बाड़मेर सरहदी जिले बाड़मेर जालोर की सीमा पर स्थित सांचौर क्षेत्र के बाशिंदों के लिए रेल सुविधा का सपना जल्द ही पूरा हो सकेगा। इस संबंध में रेलवे कंस्ट्रक्शन डिपार्टमेंट की ओर से हाल ही बॉर्डर एरिया सर्वे पूरा कर लिया गया है। जिसके बाद अब यह कवायद और तेज होने की उम्मीद बंधी है। विभागीय जानकारी के अनुसार पहले स्तर की सर्वे रिपोर्ट उत्तर पश्चिम रेलवे के हैडक्वार्टर जयपुर को भिजवा दी है। जिसके तहत 80.75 किलोमीटर नए रेलवे ट्रैक के लिए 316 करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट भेजा गया है। यह पहले स्तर का सर्वे है, जो पूरा हो चुका है। वर्ष की शुरुआत में शुरू हुए सर्वे को करीबन तीन माह में विभागीय अधिकारियों ने पूरा किया। साथ ही पूरे क्षेत्र का भौगोलिक सर्वे भी किया। जिसके बाद उन्होंने आवश्यकतानुसार इस रेल खंड के लिए नए स्टेशन, रेलवे अंडर ब्रिज, रेलवे ओवर ब्रिज, छोटे और बड़े पुल की आवश्यकता की महत्वपूर्ण रिपोर्ट तैयार की।
राजनीतिक पहल जरूरी
नई रेल लाइन के लिए पहले स्तर का सर्वे पूरा हो जाने के बाद अब यह जरूरी है कि स्थानीय जनप्रतिनिधि इस रेल लाइन के कार्य को पूरा करवाने के लिए उच्च स्तर तक दबाव बनाएं। साथ ही यह भी आवश्यक हो जाता है कि इस मामले पर निगरानी रखी जाए, ताकि यह प्रोजेक्ट जल्द से जल्द पूरा हो सके। सर्वे के आधार पर यदि कार्य पूरा हो जाता है तो सांचौर के वे क्षेत्र रेल लाइन से जुड़ जाएंगे, जहां कभी रेल यातायात के बारे में लोगों ने सोचा तक नहीं था।
रेल लाइन सर्वे के लिए पहले स्तर का सर्वे काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। इस सर्वे के आधार पर भी नए ट्रेक बिछाने के की रूपरेखा भी तय होती है। पहले सर्वे के बाद रिपोर्ट जयपुर स्थित रेलवे हैडक्वार्टर जीएम कार्यालय को भेजी जाती है। यहां से आवश्यकता अनुसार उसमें सुधार के बाद आगे यह रिपोर्ट रेलवे बोर्ड दिल्ली को भेजी जाती है। बोर्ड यह रिपोर्ट प्लानिंग कमीशन को भेजता है। जिसके बाद प्रोजेक्ट स्वीकृत होता है। रेलवे इंजीनियर्स ने बताया कि बॉर्डर एरिया सर्वे सांचौर क्षेत्र से करीब 25 किमी दूर सरवाना से होकर गुजरेगा। उन्होंने बताया सांचौर क्षेत्र के लिए ही बाड़मेर-पालनपुर सर्वे की कवायद भी चल रही है। यह सर्वे सांचौर के लिए महत्वपूर्ण है। टीम के सदस्यों ने बताया कि बाड़मेर-पालनपुर सर्वे की कवायद भी चल रही है। यह सर्वे सरवाना-सांचौर शहर-धनेरा होते हुए पालनपुर को जोड़ेगा। उन्होंने बताया कि इस सर्वे का शीट कलेक्शन किसी कारण से रह गया था, यह सर्वे भी जल्द ही पूरा होने वाला है। ऐसे में सांचौर क्षेत्र में रेल लाइन का जाल बिछ जाने की संभावना है।
अब होगी आगे की प्रक्रिया
॥रेल लाइन सर्वे के बाद विभिन्न प्रक्रियाएं चलती हैं। सर्वे की रेलवे के फायनेंसियल ऑफिसर्स जांच करते हैं। उसके बाद यह रिपोर्ट जनरल मैनेजर के द्वारा रेलवे बोर्ड को भेजी जाती है। यदि प्रोजेक्ट 100 करोड़ से अधिक होता है तो उसकी एप्रूवल प्लानिंग कमीशन से होती है। यहां से प्रोजेक्ट एप्रूवल के बाद प्रोजेक्ट शुरू करने के लिए फंडिंग शुरू होती है, लेकिन इससे पहले यह जरूर देखा जाता है कि उस प्रोजेक्ट की रेट ऑफ अर्निंग क्या है। - ललित बोहरा, उप महाप्रबंधक, उत्तर पश्चिम रेलवे, जयपुर
यह है सर्वे रिपोर्ट
रेलवे की ओर से किए गए सर्वे में इस नए रेलवे खंड के लिए कई कार्यों को पूरा करवाए जाने की रिपोर्ट भेजी गई है। सर्वे रिपोर्ट के अनुसार बॉर्डर एरिया सर्वे की कुल लंबाई 80.75 किलोमीटर है। इसमें कुल 7 स्टेशन बनाए जाने का प्रस्ताव है, जिसमें थराद, संतालपुर, वाव, निंबाला, सुईगांव, धरनेचा, सिंदाला नाम से नए स्टेशन बनाए जाने का प्रस्ताव है। रेलवे कंस्ट्रक्शन डिपार्टमेंट की रिपोर्ट के अनुसार इस सर्वे रिपोर्ट में रेलवे ट्रैक के लिए कुल 3 रेलवे ओवर ब्रिज (आरओबी), जबकि 11 रेलवे अंडर ब्रिज (आरयूबी) बनने हैं। रेलवे कंस्ट्रक्शन डिपार्टमेंट के इंजीनियर ने बताया कि इस सैक्शन में काफी संख्या में पुल बनाने का प्रस्ताव भी है। उन्होंने बताया कि सर्वे में कुल 46 छोटे, जबकि 7 बड़े पुल बनने हैं।
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