नई दिल्ली.सब कुछ सही रहा तो देश में जल्द ही आयकर छूट की सीमा 1.80 लाख से बढ़कर 3 लाख रुपये सालाना हो जाएगी। यह उम्मीद मंगलवार को वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी के बयान के बाद जगी। वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने राज्यसभा में वित्त विधेयक 2012 को चर्चा के लिए रखते हुए मंगलवार को कहा, 'मुझे बजट सेशन खत्म होने के बाद सभी सिफारिशों (स्थायी समिति की) पर गौर करने का मौका मिलेगा। फिर कैबिनेट की मंजूरी के बाद डीटीसी विधेयक को दोनों सदनों की मंजूरी के लिए उसे अगले मॉनसून सेशन में पेश किया जाएगा।' वित्त विधेयक को लोकसभा की पहले ही मंजूरी मिल गई है।
सूत्रों के मुताबिक इस बारे में स्थायी समिति की अधिकतर सिफारिशों को स्वीकार कर लिया जाएगा। बीजेपी के वरिष्ठ नेता यशवन्त सिन्हा की अध्यक्षता वाली संसद की स्थायी समिति की रिपोर्ट में अन्य सुझावों के साथ ही प्रमुखता से इनकम टैक्स छूट की सीमा को मौजूदा 1.8 लाख से बढ़ाकर 3 लाख रुपये करने का भी सुझाव दिया है।
राज्यसभा में वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने कहा कि उन्हें स्थायी समिति की सभी सिफारिशों पर गौर करने का मौका नहीं मिल सका क्योंकि उसकी रिपोर्ट 9 मार्च को सौंपी गई जबकि 16 मार्च को वित्त विधेयक पेश किया गया। डीटीसी विधेयक का देश के इनकम टैक्स कानूनों पर व्यापक असर पड़ेगा क्योंकि यह इनकम टैक्स कानून 1961 का स्थान लेगा। प्रणव मुखर्जी के मुताबिक जीएएआर वित्त वर्ष 2014 से लागू होगा। जिन मामलों का निपटारा हो चुका है, उन पर जीएएआर नहीं लगाया जाएगा। आयकर कानून में पुरानी तारीख से हुए बदलाव का 82 देशों के साथ टैक्स संधि पर असर नहीं पड़ेगा। प्रणव मुखर्जी का कहना है कि मॉरिशस के साथ टैक्स संधि पर अगली बैठक की तारीख तय नहीं हुई है।
सूत्रों के मुताबिक इस बारे में स्थायी समिति की अधिकतर सिफारिशों को स्वीकार कर लिया जाएगा। बीजेपी के वरिष्ठ नेता यशवन्त सिन्हा की अध्यक्षता वाली संसद की स्थायी समिति की रिपोर्ट में अन्य सुझावों के साथ ही प्रमुखता से इनकम टैक्स छूट की सीमा को मौजूदा 1.8 लाख से बढ़ाकर 3 लाख रुपये करने का भी सुझाव दिया है।
राज्यसभा में वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने कहा कि उन्हें स्थायी समिति की सभी सिफारिशों पर गौर करने का मौका नहीं मिल सका क्योंकि उसकी रिपोर्ट 9 मार्च को सौंपी गई जबकि 16 मार्च को वित्त विधेयक पेश किया गया। डीटीसी विधेयक का देश के इनकम टैक्स कानूनों पर व्यापक असर पड़ेगा क्योंकि यह इनकम टैक्स कानून 1961 का स्थान लेगा। प्रणव मुखर्जी के मुताबिक जीएएआर वित्त वर्ष 2014 से लागू होगा। जिन मामलों का निपटारा हो चुका है, उन पर जीएएआर नहीं लगाया जाएगा। आयकर कानून में पुरानी तारीख से हुए बदलाव का 82 देशों के साथ टैक्स संधि पर असर नहीं पड़ेगा। प्रणव मुखर्जी का कहना है कि मॉरिशस के साथ टैक्स संधि पर अगली बैठक की तारीख तय नहीं हुई है।
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