कंपनियों को अदा करनी पड़ेगी लाखों की पेनल्टी पोकरण स्थित सोलर पावर प्लांट में कागजों में बिजली उत्पादन दर्शाने का मामला, गैर पारंपरिक ऊर्जा मंत्रालय की कमेटी कर रही है जांच पोकरण स्थित सोलर पावर प्लांट में कागजों में बिजली उत्पादन दर्शाने के मामले की जांच गैर पारंपरिक ऊर्जा मंत्रालय द्वारा गठित कमेटी कर रही है। नियमानुसार तय समय अवधि में प्लांट कमीशंड नहीं होने पर कंपनियों को जमा गारंटी राशि में से 40 प्रतिशत और प्रतिदिन एक लाख रुपए के हिसाब से पेनल्टी अदा करनी पड़ती, लेकिन डिस्कॉम के अधिकारियों की मिलीभगत से बिजली उत्पादन शुरू हुए बिना ही आंध्र प्रदेश के एक ही ग्रुप की अलग-अलग नाम से खोली इन सातों कंपनियों को प्लांट कमीशंड होने का प्रमाण-पत्र जारी हो गया। इस फर्जीवाड़े का खुलासा होने पर प्रोजेक्ट इंचार्ज और चार इंजीनियर को सस्पेंड कर दिया गया, मगर जांच कमेटी अब यह जांच कर रही है कि असलियत में सातों सोलर पावर प्लांट शुरू कब हुए और इससे मंत्रालय को कितने करोड़ों का नुकसान हुआ। यह भी जांचा जा रहा है कि फर्जीवाड़े में निलंबित प्रोजेक्ट इंचार्ज और चार इंजीनियर ही शामिल हैं या अन्य उच्चाधिकारियों की भी मिलीभगत है। मंत्रालय से हुए एग्रीमेंट के मुताबिक पोकरण तहसील में सातों सोलर पावर प्लांट इस वर्ष 10 जनवरी तक शुरू हो जाने थे। इस तय अवधि तक प्लांट शुरू नहीं होने पर कंपनियों की मंत्रालय में जमा 85 करोड़ रुपए गारंटी मनी में से बीस प्रतिशत राशि की कटौती हो जाती। दस फरवरी तक शुरू नहीं होने पर 40 प्रतिशत और 10 मार्च तक कमीशंड नहीं होने पर पूरी गारंटी राशि जब्त करने का प्रावधान है। ये कंपनियां 10 जनवरी तक उपकरण व मशीनरी भी पूरी तरह नहीं लगा पाई थीं। शेष त्नपेज १२ इसके बावजूद प्लांट कमीशंड होने की रिपोर्ट देने वाली कमेटी ने सात में तीन प्लांट 3 जनवरी, एक प्लांट 7 जनवरी और तीन प्लांट 9 जनवरी को कमीशंड होने की रिपोर्ट दे दी। इस आधार पर राज्य सरकार ने पावर प्लांट कमीशंड होने का प्रमाण-पत्र जारी कर दिया, जबकि ये प्लांट 10 फरवरी तक भी कमीशंड नहीं हो पाए थे। इस तरह कंपनी से गारंटी राशि में से 40 प्रतिशत और प्रतिदिन एक लाख रुपए प्रति मेगावाट के हिसाब से पेनल्टी भी वसूल की जानी थी, मगर अधिकारियों ने एक-एक मेगावाट के शुरू तीन पावर प्लांट को पांच-पांच मेगावाट के सात पावर प्लांट शुरू करना दर्शाकर गलत रिपोर्ट भेज दी। नहर में नहाने उतरे युवक की डूबने से मौत नोख इंदिरा गांधी नहर की 1140 आरडी पर शनिवार को नहाने के लिए उतरे युवक की डूबने से मौत हो गई। पुलिस ने रविवार शाम नहर से शव बरामद किया। पोस्टमार्टम के बाद पुलिस ने लाश परिजनों को सौंप दिया। पुलिस के अनुसार 1140 आरडी पर 14 अप्रैल को नहाने के लिए उतरे बचन सहनी पुत्र राजनी सहनी जाति महला (35) निवासी सहला, बिहार गहरे पानी में चले जाने से डूबने से उसकी मौत हो गई। इस संबंध में परिजनों ने पुलिस को सूचित किया। पुलिस ने नहर में लाश की तलाश शुरू कर दी। 15 अप्रैल की शाम को लगभग 7 बजे नहर से युवक की लाश बरामद हुई। |
मंगलवार, 17 अप्रैल 2012
कंपनियों को अदा करनी पड़ेगी लाखों की पेनल्टी
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