बुधवार, 28 मार्च 2012

राजस्थानी भाषा को मान्यता नहीं मिली तो करेंगे आंदोलन: भंडारी


राजस्थानी भाषा को मान्यता नहीं मिली तो करेंगे आंदोलन: भंडारी

बालोतरा अखिल भारतीय राजस्थानी मान्यता संघर्ष समिति के अंतर्राष्ट्रीय संयोजक प्रेम भंडारी ने कहा कि राजस्थानी भाषा की मांग 1944 में जयनारायण व्यास ने उठाई थी। पदम श्री कन्हैयालाल सेठिया ने भी लूंठा प्रयास किया। बीकानेर के तत्कालीन महाराजा ने भी राजस्थानी भाषा के लिए प्रयास किया। 25 अगस्त 2003 को राजस्थानी भाषा के लिए प्रस्ताव पारित किया गया। संविधान की 8 वीं अनुसूची में पात्रता के लिए राजस्थानी भाषा व भोजपुरी के लिए बजट सत्र में भी प्रावधान की उम्मीद है। भंडारी स्थानीय रेस्ट हाउस में पत्रकारों से बात कर रहे थे। भंडारी ने बताया कि बीकानेर सांसद अर्जुन मेघवाल, अमेरिका के राजदूत ए पीटर, पाली सांसद बद्रीराम जांखड़ आदि राजस्थानी को मान्यता दिलाने के लिए सहयोग कर रहे हैं। भंडारी ने कहा कि राजस्थानी 10 हजार वर्ष पुरानी समृद्ध भाषा है। राजस्थान सहित अन्य प्रांतों के करीब 10 करोड़ लोग राजस्थानी को समझते हैं। राजस्थानी को जब तक मान्यता नहीं मिलेगी तब तक आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने बताया कि राजस्थानी भाषा को 8 वीं अनुसूची में सम्मिलित नहीं किया गया तो विदेशी धरती पर भी आंदोलन किया जाएगा।

प्रेस वार्ता से पूर्व भंडारी का डाक बंगले में पुरस्कृत शिक्षक फोरम के जिलाध्यक्ष सालगराम परिहार, जिला संयोजक राणीदान रावल, सचिव हीरालाल प्रजापत प्रजापत आदि ने स्वागत किया।

31 को न्यूयार्क रवाना : प्रेम भंडारी 31 मार्च को न्यूयार्क के लिए रवाना होंगे। इससे पूर्व भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति (जयपुर फुट) के कार्यक्रम में शिरकत करेंगे। इसके अलावा 30 मार्च को राजस्थानी दिवस को लेकर आयोजित कार्यक्रम में भी भाग लेंगे।

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