बुधवार, 28 मार्च 2012

बच्चे बदलने का सच डीएनए टेस्ट से सामने आएगा


बच्चे बदलने का सच डीएनए टेस्ट से सामने आएगा 



जोधपुर उम्मेद अस्पताल में रविवार देर रात लेबररूम में दो महिलाओं के बच्चे बदले जाने को लेकर उपजा विवाद दूसरे दिन भी बना रहा। दोनों पक्ष डीएनए जांच के परिणाम मानने को तैयार हैं। अब पुलिस व अस्पताल प्रबंधन को इसके लिए कदम उठाना होगा।हालांकि मंगलवार को एक बार सिवाना क्षेत्र के कुसीप गांव निवासी पूनम कंवर के पति चैनसिंह ने डीएनए रिपोर्ट में बेटी होने पर भी स्वीकार नहीं करने की बात कर सबको हैरत में डाल दिया। बाद उसने डीएनए परिणाम स्वीकार करने की बात कही। उधर, मंगलवार को अस्पताल की पड़ताल में सामने आया कि पूनमकंवर ने रविवार रात बारह बजे बाद बेटी को जन्म दिया था। इसकी पुष्टि रविवार रात 12 बजे बाद 26 मार्च को कंप्यूटर में फिमेल चाइल्ड की एंट्री है। बायतु क्षेत्र की निवासी रेशमी देवी के बेटे की एंट्री 12 बजे से पहले यानी 25 मार्चकी है। उधर, पूनमकंवर के पति चैनसिंह सहित अन्य परिजन बेटी को लेने के लिए तैयार नहीं है।

स्टाफ ने दिया स्नेह :अस्पताल की नर्सरी में भर्ती बच्ची को जन्म के साठ घंटे बाद मां का स्नेह नसीब नहीं हुआ। नर्सरी की स्टाफ नर्सेज व डॉक्टर्स उसके उपचार व देखरेख में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। दूसरी ओर रेशमी देवी मंगलवार को लेबररूम में ही रही। रिकॉर्ड के अनुसार उसके पास लड़के को रखा गया है। उसके पति सागर राम ने अस्पताल प्रबंधन से डीएनए रिपोर्ट में जो भी फैसला हो स्वीकार करने की बात कही है।

ब्लड रिपोर्ट जारी

अस्पताल प्रबंधन ने दोनों पक्षों की ब्लड ग्रुप जांच रिपोर्ट भी जारी कर दी है। इसके तहत पूनम कंवर द्वारा बेटी को जन्म देने की बात को बल मिलता है। अधीक्षक डॉ. नरेंद्र छंगाणी के अनुसार पूनमकंवर व उसके पति चैनसिंह का ब्लड ग्रुप ओ पॉजिटिव व बच्ची ब्लड ग्रुप ओ नेगेटिव है। इसी तरह से रेशमी देवी का ब्लड ग्रुप ए उसके पति सागर राम का बी व बच्चे का ग्रुप एबी है। उन्होंने बताया कि पति पत्नी के ग्रुप की गणना के परिणाम सही आ रहे हैं। इधर चैनसिंह ने इसे नकारते हुए डीएनए जांच कराने की बात फिर दोहराई है। अब डीएनए जांच का फैसला को पुलिस को करना है। अस्पताल प्रबंधन ने अपनी पूरी रिपोर्ट खांडा फलसा पुलिस को सौंप दी है।

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