कायम है विश्वास
घंटियाली देवी मां के चमत्कार का
जैसलमेर। स्वर्णनगरी का सोनार दुर्ग बारीक नक्काशी व कलात्मक स्थापत्य कला के लिए जितना प्रसिद्ध है, उतना ही देवी-देवताओं के मंदिरों के लिए विख्यात है। दुर्ग स्थित देवी मंदिरोे में से एक घंटियाली देवी का मंदिर भी जन-जन की आस्था का केन्द्र है। दुर्ग के दशहरा चौक में स्थित इस मंदिर के प्रति दुर्गवासियों में प्रगाढ़ आस्था है। नवरात्रा के दिनों में तो लोगों की भक्ति व आस्था का सैलाब उमड़ता है।
शक्ति स्वरूप मां घंटियाली के प्रति लोगों की इतनी निष्ठा है कि वे दुर्ग से रवाना होते समय या किसी शुभ काम के लिए जाने से पूर्व देवी के दर्शन करना नहीं भूलते। इसके अलावा दुर्ग में बाबा रामदेव मंदिर व लक्ष्मीनाथ मंदिर के दर्शन करने आने वाले भक्त भी घंटियाली देवी के दर्शन अवश्य करते हैं। हालांकि मंदिर में न तो कोई अत्याधुनिक सुविधाएं हैं और न ही वृहद स्वरूप, बावजूद इसके देवी के चमत्कारों पर लोगों का इतना विश्वास है कि वे यहां काफी देर तक बैठ कर पूजा-अर्चना करते हैं। लोगोे को विश्वास है कि विपत्ति या परेशानियों के समय घंटियाली माता की कृपा से सारे दु:ख दूर हो जाते हंै और परिवार की रक्षा होती है।
भक्तों को इस देवी मां पर विश्वास है कि सच्चे मन से उसकी आराधना की जाए तो मां चमत्कारिक रूप से उनके दुख-दर्द और संकटों का समाधान कर देती है। दशहरा चौक में खड़े होकर राजप्रासाद को निहारने के दौरान मंदिर में बजने वाली घंटियों से अचानक ही सैलानियों का ध्यान बंट जाता है।
वे संबंधित गाइड से मंदिर के बारे में जानकारी लेते हैं तथा देवी के प्रति लोगों की आस्था के बारे में सुनकर देवी को नमन करना नहीं भूलते। चैत्र नवरात्रा के दौरान इन दिनों मंदिर में श्रद्धालुओं की रेलमपेल दिन भर बनी रहती है। हालांकि गत कुछ समय से यहां धार्मिक आयोजन नहीं हो पा रहे हैं, बावजूद इसके माता के नियमित दर्शन करने वृद्ध महिलाओं, युवाओं व बच्चों की रेलमपेल दिन भर बनी रहती है।
जैसलमेर। स्वर्णनगरी का सोनार दुर्ग बारीक नक्काशी व कलात्मक स्थापत्य कला के लिए जितना प्रसिद्ध है, उतना ही देवी-देवताओं के मंदिरों के लिए विख्यात है। दुर्ग स्थित देवी मंदिरोे में से एक घंटियाली देवी का मंदिर भी जन-जन की आस्था का केन्द्र है। दुर्ग के दशहरा चौक में स्थित इस मंदिर के प्रति दुर्गवासियों में प्रगाढ़ आस्था है। नवरात्रा के दिनों में तो लोगों की भक्ति व आस्था का सैलाब उमड़ता है।
शक्ति स्वरूप मां घंटियाली के प्रति लोगों की इतनी निष्ठा है कि वे दुर्ग से रवाना होते समय या किसी शुभ काम के लिए जाने से पूर्व देवी के दर्शन करना नहीं भूलते। इसके अलावा दुर्ग में बाबा रामदेव मंदिर व लक्ष्मीनाथ मंदिर के दर्शन करने आने वाले भक्त भी घंटियाली देवी के दर्शन अवश्य करते हैं। हालांकि मंदिर में न तो कोई अत्याधुनिक सुविधाएं हैं और न ही वृहद स्वरूप, बावजूद इसके देवी के चमत्कारों पर लोगों का इतना विश्वास है कि वे यहां काफी देर तक बैठ कर पूजा-अर्चना करते हैं। लोगोे को विश्वास है कि विपत्ति या परेशानियों के समय घंटियाली माता की कृपा से सारे दु:ख दूर हो जाते हंै और परिवार की रक्षा होती है।
भक्तों को इस देवी मां पर विश्वास है कि सच्चे मन से उसकी आराधना की जाए तो मां चमत्कारिक रूप से उनके दुख-दर्द और संकटों का समाधान कर देती है। दशहरा चौक में खड़े होकर राजप्रासाद को निहारने के दौरान मंदिर में बजने वाली घंटियों से अचानक ही सैलानियों का ध्यान बंट जाता है।
वे संबंधित गाइड से मंदिर के बारे में जानकारी लेते हैं तथा देवी के प्रति लोगों की आस्था के बारे में सुनकर देवी को नमन करना नहीं भूलते। चैत्र नवरात्रा के दौरान इन दिनों मंदिर में श्रद्धालुओं की रेलमपेल दिन भर बनी रहती है। हालांकि गत कुछ समय से यहां धार्मिक आयोजन नहीं हो पा रहे हैं, बावजूद इसके माता के नियमित दर्शन करने वृद्ध महिलाओं, युवाओं व बच्चों की रेलमपेल दिन भर बनी रहती है।
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