महिलाओं की करियर संवारने की चाहत के साथ ही अन्य कारणों से देर से शादी करना भी कैंसर की वजह बन सकता है। एक्सपर्टों का कहना है कि आजकल लड़कियां पढ़ाई के साथ ही अपने करियर को लेकर खासी जागरूक हो चुकी हैं। इस कारण ऐसी लड़कियों की तादाद तेजी से बढ़ रही है जो ज्यादा उम्र में शादी करती हैं।
वरिष्ठ कैंसर विशेषज्ञ और एशियन इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के चेयरमैन डॉ. एन. के. पांडेय का कहना है कि देर से शादी होने के कारण बच्चेदानी के मुंह और ब्रेस्ट का कैंसर के होने की आशंका बढ़ जाती है। ऐसा हॉर्मोंस के असंतुलन के साथ ही देर से ब्रेस्ट फीडिंग कराने के कारण होता है। डॉ. पांडेय के मुताबिक, उन्होंने निजी अनुभव में पाया है कि हाल के वर्षों में देर से शादी करने वाली महिलाओं में कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं।
डॉ. पांडेय और अन्य विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार ने अगर कैंसर पर काबू पाने के लिए कड़े कानूनी इंतजाम नहीं किए तो यह रोग भारत में एक महामारी बन जाएगा। उनका कहना है कि इस मामले में अब तक किए गए इंतजाम आधे-अधूरे हैं। उनके मुताबिक, तंबाकू और शराब के बढ़ते सेवन के साथ ही लाइफस्टाइल में आ रहे बदलावों के कारण भारत में कैंसर तेजी से फैल रहा है।
विशेषज्ञों का कहना है कि तंबाकू का सेवन रोकने के लिए की जा रही तमाम कोशिशों के बावजूद देश में इसकी खपत बढ़ती जा रही है। डॉ. पांडेय कहते हैं कि जगह-जगह खुल रहे हुक्का पार्लर समस्या को और बढ़ा रहे हैं।
देश में हर साल कैंसर के करीब 10 लाख नए केस सामने आ रहे हैं। इनमें से 30 फीसदी लोगों की उम्र 30 साल से कम होती है। कैंसर के कारण भारत में हर साल लगभग साढ़े पांच लाख लोगों की मौत हो जाती है। इसके 70 से 80 फीसदी मामलों का पता तब चलता है जब कैंसर तीसरी या चौथी स्टेज पर पहुंच चुका होता है।
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