सुंदर और चमकदार त्वचा के लिए लोग क्या-क्या नहीं करते? कुछ लोग इसके लिए तरह-तरह के कॉस्मेटिक्स लगाते हैं तो कुछ ब्युटी टिप्स अपनाते हैं। लेकिन कॉस्मेटिक्स के अधिक उपयोग से स्कीन प्रॉब्लम्स होने का डर भी रहता है साथ ही समय से पहले ही उम्र अधिक दिखने लगती है। इसीलिए सौंदर्य को हमेशा बनाएं रखने के लिए जरूरी है प्राकृतिक तरीका और शीतली प्राणायाम एक ऐसा ही उपाय है।
कैसे करें शीतली प्राणायाम:
जीभ बाहर निकालें। जीभ को दोनों ओर से इस प्रकार मोड़ें कि जीभ की आकृति ट्यूब जैसी बन जाए। इस ट्यूब की मदद से आप मुंह से सांस भरिए। हवा इस ट्यूब से गुजरकर मुंह और तालु को ठंडक प्रदान करेगी। इसके बाद जीभ अंदर कर लीजिए और सांस धीरे धीरे नाक के से बाहर निकालें।सांस भरते हुए आपको आवाज सुनाई देगी जिस प्रकार तेज हवा चलने पर हमारे आसपास आवाज सुनाई देती है।रोज शीतली प्राणायाम का अभ्यास दस मिनट कभी भी कर सकते हैं।
लाभ
नियमित शीतली प्राणायाम के अभ्यास से भूख-प्यास पर नियंत्रण होता है। शरीर को ठंडक मिलती है। गर्मियों में इसका अभ्यास करना चाहिए। इस प्राणायाम के अभ्यास से बल एवं सौन्दर्य बढ़ता है। रक्त शुद्घ होता है। भूख, प्यास, अनिद्रा, उच्च रक्तचाप, हृदयरोग और अल्सर में रामबाण का काम करता है।
कैसे करें शीतली प्राणायाम:
जीभ बाहर निकालें। जीभ को दोनों ओर से इस प्रकार मोड़ें कि जीभ की आकृति ट्यूब जैसी बन जाए। इस ट्यूब की मदद से आप मुंह से सांस भरिए। हवा इस ट्यूब से गुजरकर मुंह और तालु को ठंडक प्रदान करेगी। इसके बाद जीभ अंदर कर लीजिए और सांस धीरे धीरे नाक के से बाहर निकालें।सांस भरते हुए आपको आवाज सुनाई देगी जिस प्रकार तेज हवा चलने पर हमारे आसपास आवाज सुनाई देती है।रोज शीतली प्राणायाम का अभ्यास दस मिनट कभी भी कर सकते हैं।
लाभ
नियमित शीतली प्राणायाम के अभ्यास से भूख-प्यास पर नियंत्रण होता है। शरीर को ठंडक मिलती है। गर्मियों में इसका अभ्यास करना चाहिए। इस प्राणायाम के अभ्यास से बल एवं सौन्दर्य बढ़ता है। रक्त शुद्घ होता है। भूख, प्यास, अनिद्रा, उच्च रक्तचाप, हृदयरोग और अल्सर में रामबाण का काम करता है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें