जोधपुर.जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष अरविंद चौधरी ने रिसर्च बोर्ड में एक छात्र की पीएचडी पर मुहर लगाए जाने का विरोध करते हुए विश्वविद्यालय के एकेडमिक सेक्शन में हंगामा मचाया तथा एक कर्मचारी के साथ मारपीट की। कर्मचारियों ने चौधरी के विरुद्ध कार्यवाहक कुलसचिव सीएस सोलंकी से इसकी शिकायत की है। हालांकि अरविंद चौधरी ने मारपीट से इनकार किया है।
जेएनवीयू केंद्रीय कार्यालय में आयोजित इंजीनियरिंग संकाय के रिसर्च बोर्ड की बैठक में तरुण चौपड़ा नाम के एक शोधार्थी की पीएचडी के वायवा पर मुहर लगाई जानी थी। छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष अरविंद चौधरी ने पूर्व में इस मामले में विरोध करते हुए कहा था कि उक्त छात्र की पीजी की डिग्री अवैध है।
इस मामले में विश्वविद्यालय की कमेटी द्वारा की गई जांच में डिग्री को सही पाया गया। इस पर शनिवार को रिसर्च बोर्ड ने छात्र के वायवा पर मुहर लगाते हुए उसकी पीएचडी डिग्री को अनुमोदित कर दिया। इससे गुस्साए अरविंद चौधरी शाम करीब साढ़े चार बजे जेएनवीयू एकेडमिक सेक्शन में पहुंचे तथा वहां तोड़ फोड़ शुरू कर दी।
कर्मचारियों का आरोप है कि उन्हें ऐसा करने से रोकने पर चौधरी ने वहां मौजूद कर्मचारी राधाकृष्ण के साथ मारपीट की। अन्य कर्मचारियों ने बीच बचाव कर राधाकृष्ण का छुड़वाया। इसके बाद भी वे काफी देर तक हंगामा मचाते रहे। इस बीच विवि के प्रवक्ता रामनिवास चौधरी व युवक कांग्रेस के पुनीत जांगू मौके पर पहुंचे तथा चौधरी को समझा-बुझा कर वहां से ले गए।
कर्मचारियों ने सौंपा ज्ञापन
कर्मचारियों ने विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलसचिव सीएल सोलंकी को ज्ञापन सौंप कर अरविंद चौधरी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। उनका कहना था कि विश्वविद्यालय के कर्मचारियों को यदि सुरक्षा नहीं मिलती तो वे कार्य नहीं करेंगे। उन्होंने सोमवार सुबह तक अरविंद चौधरी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। इस अवसर पर कर्मचारी संघ के महासचिव अनिल पंवार, अनिल भाटी, कुणाल पुरोहित, लक्ष्मण सिंह भाटी, लोकेश शर्मा, नरेश गहलोत व आरिफ मोहम्मद मौजूद थे।
मैंने नहीं की मारपीट
"मैंने किसी कर्मचारी के साथ मारपीट नहीं की और न ही कोई तोडफ़ोड़ की। मुझ पर लगाए सभी आरोप गलत हैं। तरुण चौपड़ा की पीजी डिग्री अवैध है। इसीलिए उनकी डिग्री का मेरी ओर से विरोध किया जा रहा है।"
अरविंद चौधरी,
पूर्व अध्यक्ष छात्रसंघ, जेएनवीयू
जेएनवीयू केंद्रीय कार्यालय में आयोजित इंजीनियरिंग संकाय के रिसर्च बोर्ड की बैठक में तरुण चौपड़ा नाम के एक शोधार्थी की पीएचडी के वायवा पर मुहर लगाई जानी थी। छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष अरविंद चौधरी ने पूर्व में इस मामले में विरोध करते हुए कहा था कि उक्त छात्र की पीजी की डिग्री अवैध है।
इस मामले में विश्वविद्यालय की कमेटी द्वारा की गई जांच में डिग्री को सही पाया गया। इस पर शनिवार को रिसर्च बोर्ड ने छात्र के वायवा पर मुहर लगाते हुए उसकी पीएचडी डिग्री को अनुमोदित कर दिया। इससे गुस्साए अरविंद चौधरी शाम करीब साढ़े चार बजे जेएनवीयू एकेडमिक सेक्शन में पहुंचे तथा वहां तोड़ फोड़ शुरू कर दी।
कर्मचारियों का आरोप है कि उन्हें ऐसा करने से रोकने पर चौधरी ने वहां मौजूद कर्मचारी राधाकृष्ण के साथ मारपीट की। अन्य कर्मचारियों ने बीच बचाव कर राधाकृष्ण का छुड़वाया। इसके बाद भी वे काफी देर तक हंगामा मचाते रहे। इस बीच विवि के प्रवक्ता रामनिवास चौधरी व युवक कांग्रेस के पुनीत जांगू मौके पर पहुंचे तथा चौधरी को समझा-बुझा कर वहां से ले गए।
कर्मचारियों ने सौंपा ज्ञापन
कर्मचारियों ने विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलसचिव सीएल सोलंकी को ज्ञापन सौंप कर अरविंद चौधरी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। उनका कहना था कि विश्वविद्यालय के कर्मचारियों को यदि सुरक्षा नहीं मिलती तो वे कार्य नहीं करेंगे। उन्होंने सोमवार सुबह तक अरविंद चौधरी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। इस अवसर पर कर्मचारी संघ के महासचिव अनिल पंवार, अनिल भाटी, कुणाल पुरोहित, लक्ष्मण सिंह भाटी, लोकेश शर्मा, नरेश गहलोत व आरिफ मोहम्मद मौजूद थे।
मैंने नहीं की मारपीट
"मैंने किसी कर्मचारी के साथ मारपीट नहीं की और न ही कोई तोडफ़ोड़ की। मुझ पर लगाए सभी आरोप गलत हैं। तरुण चौपड़ा की पीजी डिग्री अवैध है। इसीलिए उनकी डिग्री का मेरी ओर से विरोध किया जा रहा है।"
अरविंद चौधरी,
पूर्व अध्यक्ष छात्रसंघ, जेएनवीयू
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