बाड़मेर राजस्थान के बाड़मेर जिले के भाग्यम् तेल क्षेत्र से तेल उत्पादन शुरू कर दिया है। ओएनजीसी एवं केयर्न राजस्थान के इस संयुक्त उपक्रम ने बाड़मेर क्षेत्र के भाग्यम् ब्लॉक आरजेओएन 90.1 के बाड़मेर बेसिन में केयर्न की ओर से की गई 25 तेल खोजों में भाग्यम् दूसरी सबसे बड़ी खोज है।
प्रदेश के सीमावर्ती थार रेगिस्तान में स्थित 18 तेल भंड़ारों वाले मंगला तेल क्षेत्र से फिलवक्त रोजाना 1 लाख 25 हजार बैरल तेल का उत्पादन किया जा रहा है। केयर्न इंडिया के सूत्रों ने बताया कि भाग्यम् में धीरे-धीरे उत्पादन को सुरक्षित तरीके से बढ़ाते हुए वर्तमान अनुमोदित शीर्ष स्तर 40 हजार बैरल तेल प्रतिदिन तक पहुंचाया जाएगा। भाग्यम् में तेल उत्पादन सुविधाओं की शुरूआत इस वित्तीय वर्ष के अन्त तक एक लाख 75 हजार बैरल तेल प्रतिदिन के लक्षित उत्पादन को प्राप्त करने की दिशा में एक महलवपूर्ण कदम है। ध्यान रहे कि मंगला, भाग्यम् एवं ऐश्वर्या एमबीए तेल क्षेत्रों में कुल मिला कर प्राप्त होने योग्य तेल रिजर्व व संसाधन एक अरब बैरल के लगभग है। सूत्रों के अनुसार उपक्रम द्वारा देश के घरेलू तेल उत्पादन के 20 प्रतिशत से अधिक का योगदान दिया जायेगा। सूत्रों के अनुसार कंपनी ने अब तक भाग्यम् क्षेत्र के विकास के लिए 25 करोड़ डॉलर रखे हैं। जबकि क्षेत्रीय विकास योजना के तहत इसके लिए 47 करोड़ डॉलर खर्च का अनुमान लगाया गया है। सूत्रों के अनुसार ओएनजीसी व केयर्न के बीच राजस्थान तेल क्षेत्र की रॉयल्टी एवं तेल पर उपकर के भुगतान को लेकर चल रहे विवाद की वजह से नई मंजूरी मिलने में देरी हुई। अब केयर्न एनर्जी अपने 70 प्रतिशत हिस्से पर रॉयल्टी एवं सेस भुगतान के लिए तैयार हो गई है। सूत्रों के अनुसार राजस्थान तेल क्षेत्र में प्रतिदिन कुल 3 लाख बैरल उत्पादन की संभावना है। मंगला के बढ़े हुए डेढ़ लाख बैरल प्रतिदिन उत्पादन व भाग्यम् से 60 हजार बैरल के साथ ही एश्वर्या क्षेत्र से 25 हजार बैरल तक उत्पादन हो सकता है। इसके अलावा क्षेत्र के अन्य क्षेत्रों से भी प्रतिदिन 65 हजार बैरल तक तेल उत्पादन हो सकता है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें