बुधवार, 4 जनवरी 2012

रिंग रोड ठण्डे बस्ते में!

रिंग रोड ठण्डे बस्ते में!

बाड़मेर। बाड़मेर शहर के चारों ओर रिंग रोड बनाने की योजना ठण्डे बस्ते मे है। करीब 44 किलोमीटर लंबे रिंग रोड के लिए सर्वे शुरू किया गया था, जो खातेदारों के विरोध के चलते बंद कर दिया गया। जिले में तेल व लिग्नाइट के अकूत भण्डार मिलने के बाद आई औद्योगिक क्रांति के चलते रिंग रोड की जरूरत महसूस की गई। तत्कालीन जिला कलक्टर गौरव गोयल ने इसमें रूचि दिखाई और करीब एक वर्ष पहले रिंग रोड का ताना बाना बुना गया। नगरपालिका बाड़मेर को रिंग रोड का दायित्व सौंपा गया।

प्रांरभिक स्तर पर राजस्व अधिकारियों, प्रशासनिक अधिकारियों व नगरपालिका की एक संयुक्त टीम ने रिंग रोड का खाका तैयार किया और प्रस्तावित रिंग रोड के नक्शे को अंतिम रूप दे दिया गया। रिंग रोड के सर्वे के लिए टेण्डर हुए और यह कार्य सोलह लाख रूपए में गुजरात की एक कम्पनी को दिया गया। कम्पनी की सर्वे टीम ने करीब तीन माह पहले नगरपालिका अधिकारियों के साथ मौके पर सर्वे शुरू किया, लेकिन संबंधित खातेदारों ने इसका विरोध किया। जिस पर सर्वे का काम प्रारंभिक स्तर पर ही रोक दिया गया। संबंधित खातेदारों के साथ बैठक कर उनसे समझाइश के बाद ही सर्वे करने की बात कही गई, लेकिन उसके बाद कुछ नहीं हुआ।

पीपीपी मॉडल पर रिंग रोड
पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल पर रिंग रोड बनना प्रस्तावित है। इसके तहत करीब चार सौ फीट जमीन रिंग रोड के दायरे में होगी, जिसमें दो सौ फीट पर रोड बनेगी। एक सौ फीट संबंधित खातेदार को वाणिज्यिक प्रयोजनार्थ दी जाएगी। एक सौ फीट जमीन की नगरपालिका द्वारा निलामी की जाएगी। उससे प्राप्त आय से रोड बन बनेगी। जयपुर रिंग रोड का निर्माण पीपीपी मॉडल पर ही हुआ है।

जल्दी ही बैठक होगी
रिंग रोड के लिए संबंधित खातेदारों के साथ जल्दी ही बैठक होगी। बैठक के बाद आगे की कार्ययोजना बनाकर कार्य आगे बढाया जाएगा।
सुरेशचन्द्र जैन सहायक अभियंता, नगरपालिका बाड़मेर

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