एमपी में गोवध पर होगी सात साल की सजा
भोपाल। मध्यप्रदेश में गो वध पर अब सात साल की सजा होगी। राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील ने गो वंश हत्या रोकथाम बिल को अपनी मंजूरी दे दी है। बिल के प्रावधान के मुताबिक गो वध के मामले दोषी पाए जाने वाले को तीन साल की जेल व 5000 रूपए के जुर्माने की बजाय सात साल की जेल होगी। संशोधित कानून के तहत कोई भी व्यक्ति बलि या फिर अन्य किसी कारण से गोहत्या नहीं कर सकेगा। अगर वह ऎसा करता है तो उसे सजा दी जाएगी।
यह बिल 2010 में राज्य विधानसभा में पारित हुआ था। गौरतलब है कि 3 सितम्बर 2010 को राज्य सरकार ने संशोधित बिल को राष्ट्रपति की सहमति के लिए केन्द्रीय गृह मंत्रालय के पास भेजा था। बिल को 22 दिसम्बर 2011 को राष्ट्रपति की सहमति मिल गई थी। संशोधित बिल को मध्यप्रदेश के गजैट में 31 दिसम्बर 2011 को प्रकाशित किया गया। अब राज्य सरकार अधिसूचना जारी होने के बाद संशोधित बिल के प्रावधानों के तहत कार्रवाई करेगी।
भोपाल। मध्यप्रदेश में गो वध पर अब सात साल की सजा होगी। राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील ने गो वंश हत्या रोकथाम बिल को अपनी मंजूरी दे दी है। बिल के प्रावधान के मुताबिक गो वध के मामले दोषी पाए जाने वाले को तीन साल की जेल व 5000 रूपए के जुर्माने की बजाय सात साल की जेल होगी। संशोधित कानून के तहत कोई भी व्यक्ति बलि या फिर अन्य किसी कारण से गोहत्या नहीं कर सकेगा। अगर वह ऎसा करता है तो उसे सजा दी जाएगी।
यह बिल 2010 में राज्य विधानसभा में पारित हुआ था। गौरतलब है कि 3 सितम्बर 2010 को राज्य सरकार ने संशोधित बिल को राष्ट्रपति की सहमति के लिए केन्द्रीय गृह मंत्रालय के पास भेजा था। बिल को 22 दिसम्बर 2011 को राष्ट्रपति की सहमति मिल गई थी। संशोधित बिल को मध्यप्रदेश के गजैट में 31 दिसम्बर 2011 को प्रकाशित किया गया। अब राज्य सरकार अधिसूचना जारी होने के बाद संशोधित बिल के प्रावधानों के तहत कार्रवाई करेगी।
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