नई दिल्ली। वोडाफोन और एयरटेल ने अपने ग्राहकों को कहा है कि वे विदेश से आने वाले अनजान कॉल को रिसीव न करें और न ही ऐसी किसी मिस्ड कॉल पर जवाबी कॉल करें। इन कंपनियों ने कहा है कि यह देखा गया है कि ऐसी किसी कॉल पर जवाबी फोन करने पर उसके मद में भारी-भरकम राशि चार्ज कर रहे हैं।
कंपनियों ने कहा है कि अगर कोई ग्राहक ऐसी किसी कॉल पर जवाबी कॉल करता है तो उस मद में वसूली जाने वाली राशि में वह कोई मदद नहीं कर सकता है। यही वजह है कि वह ग्राहकों को पूर्व में ही ऐसी किसी कॉल पर जवाब नहीं देने की सलाह दे रहा है।
सूत्रों के मुताबिक इस तरह की कॉल के अधिकतर मामले ग्रामीण इलाकों में आ रहे हैं। खासकर तमिलनाडु और पश्चिम भारत के कई राज्यों में इस तरह की कॉल आ रही है। यह मिसड कॉल होती है जिसके बाद लोग उत्साह और व्यग्रता में कॉल करते हैं। इसके एवज में जब उनके मोबाइल से पैसे काट लिए जाते हैं तो उन्हें पता चलता है कि उनके साथ धोखा हो गया है।
एयरटेल के एक अधिकारी ने कहा ‘व्यावसायिक प्रतिबद्धता की वजह से वह विदेश में किए गए कॉल का प्रभार संबंधित ग्राहक से वसूलते हैं। वह किसी विदेशी ऑपरेटर को यह नहीं कह सकते हैं कि उनके किसी नंबर से भारत के लोगों के साथ धोखा किया जा रहा है। ऐसे में वह सिर्फ अपने ग्राहकों को सलाह दे सकते हैं कि वे अनजान विदेशी नंबर पर कॉल बैक न करें।’
अनचाही कॉल-एसएमएस भी आने लगे विदेशों से
देश में डू नॉट कॉल रजिस्ट्री के पहले से अधिक प्रभावी होने और जुर्माना राशि बढऩे के बाद कई संस्थान-समूह-सेवा प्रदान कर्ता अब विदेशी सर्वर का सहारा ले रहे हैं। वे लोगों को विदेशी सर्वर से ऐसे अनचाहे मैसेज-कॉल कर रहे हैं। जिनके आगे ट्राई भी मजबूर दिख रहा है।
हजार करोड़ रुपए की राशि से विशेष कंपनी
गांवों में फाइबर ऑप्टिकल बिछाने और ब्रॉड बैंड का विस्तार करने के लिए दूरसंचार मंत्रालय 1 हजार करोड़ रुपए की राशि वाली एक विशेष कंपनी (स्पेशल पर्पज व्हीकल) बनाने पर विचार कर रहा है। इसकी प्रारंभिक निवेश राशि 100 करोड़ रुपए रखने का प्रस्ताव है। कैबिनेट इस तरह की विशेष कंपनी को पहले ही संस्तुति प्रदान कर चुकी है। एक अधिकारी ने कहा कि गांवों में तेज गति से ब्रॉडबैंड के लिए अलग कंपनी बनाने पर शिद्दत से विचार चल रहा है
कंपनियों ने कहा है कि अगर कोई ग्राहक ऐसी किसी कॉल पर जवाबी कॉल करता है तो उस मद में वसूली जाने वाली राशि में वह कोई मदद नहीं कर सकता है। यही वजह है कि वह ग्राहकों को पूर्व में ही ऐसी किसी कॉल पर जवाब नहीं देने की सलाह दे रहा है।
सूत्रों के मुताबिक इस तरह की कॉल के अधिकतर मामले ग्रामीण इलाकों में आ रहे हैं। खासकर तमिलनाडु और पश्चिम भारत के कई राज्यों में इस तरह की कॉल आ रही है। यह मिसड कॉल होती है जिसके बाद लोग उत्साह और व्यग्रता में कॉल करते हैं। इसके एवज में जब उनके मोबाइल से पैसे काट लिए जाते हैं तो उन्हें पता चलता है कि उनके साथ धोखा हो गया है।
एयरटेल के एक अधिकारी ने कहा ‘व्यावसायिक प्रतिबद्धता की वजह से वह विदेश में किए गए कॉल का प्रभार संबंधित ग्राहक से वसूलते हैं। वह किसी विदेशी ऑपरेटर को यह नहीं कह सकते हैं कि उनके किसी नंबर से भारत के लोगों के साथ धोखा किया जा रहा है। ऐसे में वह सिर्फ अपने ग्राहकों को सलाह दे सकते हैं कि वे अनजान विदेशी नंबर पर कॉल बैक न करें।’
अनचाही कॉल-एसएमएस भी आने लगे विदेशों से
देश में डू नॉट कॉल रजिस्ट्री के पहले से अधिक प्रभावी होने और जुर्माना राशि बढऩे के बाद कई संस्थान-समूह-सेवा प्रदान कर्ता अब विदेशी सर्वर का सहारा ले रहे हैं। वे लोगों को विदेशी सर्वर से ऐसे अनचाहे मैसेज-कॉल कर रहे हैं। जिनके आगे ट्राई भी मजबूर दिख रहा है।
हजार करोड़ रुपए की राशि से विशेष कंपनी
गांवों में फाइबर ऑप्टिकल बिछाने और ब्रॉड बैंड का विस्तार करने के लिए दूरसंचार मंत्रालय 1 हजार करोड़ रुपए की राशि वाली एक विशेष कंपनी (स्पेशल पर्पज व्हीकल) बनाने पर विचार कर रहा है। इसकी प्रारंभिक निवेश राशि 100 करोड़ रुपए रखने का प्रस्ताव है। कैबिनेट इस तरह की विशेष कंपनी को पहले ही संस्तुति प्रदान कर चुकी है। एक अधिकारी ने कहा कि गांवों में तेज गति से ब्रॉडबैंड के लिए अलग कंपनी बनाने पर शिद्दत से विचार चल रहा है
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