गुरुवार, 26 जनवरी 2012

गणतंत्र दिवस........आपको गणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाई ...





गणतंत्र दिवस हर वर्ष २६ जनवरी को मनाया जाता है, २६ जनवरी १९५० को भारत का संविधान लागू हुआ| बस तभी से देश गणतंत्र हुआ और उसी उपलक्ष मे गणतंत्र दिवस हर वर्ष मनाया जाता है|

जनवरी 26, १९५० भारतीय इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। भारत का संविधान, इसी दिन अस्तित्व मे आया और भारत वास्तव में एक संप्रभु देश बना। इस दिन भारत एक सम्पूर्ण गणतान्त्रिक देश बन गया. देश अंतत: महात्मा गांधी और कई स्वतंत्रता सेनानियो, जिन्होने अपने देश की आजादी के लिए अपने जीवन का बलिदान कर दिया, उनका सपना एहसास हुआ. जनवरी के 26 वें राष्ट्रीय छुट्टी फैसला सुनाया है और पहचान की गई है और भारत के गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया कभी के बाद से.

आज गणतंत्र दिवस पूरे देश में बहुत उत्साह और विशेष रूप से राजधानी में एक साथ मनाया जाता है, नई दिल्ली जहां समारोह में देश के राष्ट्रपति के साथ शुरू करते हैं. इस अवसर की शुरुआत हमेशा के बलिदान की पवित्र याद दिलाते हैं जो शहीदों स्वतंत्रता आंदोलन में देश के लिए मर गया, और अपने देश की संप्रभुता की रक्षा के लिए सफल युद्धों. तो, आगे आता है के लिए राष्ट्रपति के क्षेत्र में उनके असाधारण साहस के लिए सशस्त्र बलों से लोगों को बहादुरी के पदक और पुरस्कार भी नागरिकों, जो खुद को अलग स्थितियों में उनकी वीरता के विभिन्न कार्यों के विशिष्ट है.

इस अवसर के महत्व पर, हर साल एक भव्य परेड की राजधानी में आयोजित किया, राजघाट से है, Vijaypath साथ. सेना की विभिन्न रेजीमेंटों, नौसेना और वायु सेना मार्च पास्ट अपने सभी सजधज और सरकारी सजावट भी घुड़सवार सेना के घोड़ों में आकर्षक इस अवसर पर वाद caparisoned हैं. एन सी सी कैडेटों की crème, में से चुने हुए पूरे देश में विचार के लिए इस समारोह में भाग लेने के सम्मान एक, के रूप में राजधानी में विभिन्न स्कूलों के बच्चों को स्कूल है. वे कई समारोह की तैयारी दिन और कोई कसर नहीं खर्च करते हैं बख्शा देखना है कि हर विस्तार का ध्यान रखा, अभ्यास के लिए अपने व्यवहार से है, आवश्यक रंगमंच की सामग्री और अपनी वर्दी.

परेड देश के विभिन्न राज्यों से शानदार प्रदर्शन के बाद एक तमाशा है. ये चलती प्रदर्शित उन राज्यों में लोगों और संगीत और है कि विशेष रूप से राज्य के प्रत्येक प्रदर्शन के साथ गाने की गतिविधियों के दृश्य चित्रित. हर प्रदर्शन के बाहर विविधता और भारत की संस्कृति की समृद्धि और पूरे शो लाता है इस अवसर पर एक उत्सव हवा बख्शी है. परेड और आगामी जलूस राष्ट्रीय टेलीविजन से प्रसारित होता है और देश के हर कोने में लाखों दर्शकों ने देखा है.

इस दिन लोगों को देशभक्ति के उत्साह पूरे देश को एक साथ लाता है उसे भी जरूरी विविधता में. देश के हर भाग के अवसर में प्रतिनिधित्व किया है, जो गणतंत्र भारत के सभी राष्ट्रीय अवकाश के दिन सबसे लोकप्रिय बनाता है

1 टिप्पणी:

  1. 104 Saal pahale se....

    सारे जहां से अच्छा हिन्दुस्तां हमारा..
    हम बुलबलें हैं उसकी ये गुलसिता हमारा...
    गुरबत में हों अगर हम, रहता है दिल वतन में...
    समझो वहीं हमें भी दिल है जहां हमारा...
    पर्वत वो सबसे ऊंचा हम्साया आसमां का...
    वो संतरी हमारा वो पासबां हमारा....
    गोदी में खेलती हैं जिसकी हजारों नदियां....
    गुलशन है जिसके दम से रशके जिनां हमारा.....
    ऐ आबे रौदे गंगा ! वो दिन है याद तुझको....
    उतरा तेरे किनारे जब कारवां हमारा.....
    मज़हब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना....
    हिन्दी हैं हम, वतन है हिन्दुस्तां हमारा....
    यूनान ओ मिस्र ओ रोमा सब मिट गये जहां से....
    अब तक मगर है बाक़ी नाम ओ निशां हमारा....
    कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी...
    सदियों रहा है दुश्मन दौरे जमां हमारा....
    इकबाल ! कोई मरहम अपना नहीं जहां में...
    मालूम क्या किसी को दर्दे जहां हमारा.....
    VANDEMAATRAAAM........

    जवाब देंहटाएं